1 - अपने पाँव में आप ही कुल्हाड़ी मारना - जानबूझकर मुसीबत में पड़ना - तुमने तो अपने पाँव में आप ही कुल्हाडी मारी है, अब मुझे क्यों दोष देते हो?
2 - अढ़ाई चावल की खिचड़ी अलग पकाना - अलग रहना - कुछ वर्ष पहले पाकिस्तान अढ़ाई चावल की खिचडी अलग पका रहा था
3 - अपना सा मुँह लेकर रह जाना - किसी काम में असफल होने पर लज्जित होना - जब वह निर्दोष श्याम को मुकदमे में नहीं फसा सका तो अपना सा मुँह लेकर रह गया
4 - अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना - अपनी बड़ाई आप करना - अपने मुँह मियाँ मिट्लू बननेवाले को समाज में इज्जत नहीं मिलती
5 - अरमान निकालना - हौसला पूरा करना - बेटें की शादी में बाबू साहब ने अपने दिल के अरमान निकाले
6 - अरमान रहना (या रह जाना) - इच्छा पूरी न होना - इकलौते बेटे के अचानक मर जाने से उस गरीब के सारे अरमान रह गये
7 - आँख उठाकर न देखना - ध्यान न देना, तिरस्कार करना - मैं उनके पास काम के लिए गया था, परंतु उन्होंने भुझे आँख उठाकर भी न देखा
8 - आँख का काँटा होना - खटकना, शत्रु होना - अपनी काली करतूतों के कारण वह पड़ोसियों की आँख का काँटा हो गया है
9 - आँख का काजल चुराना - सफाई के साथ चोरी करना - इतने लोगों के बीच से घड़ी गायब ! चोर ने तो जैसे ऑखों का काजल ही चुरा लिया है
10 - आँख का तारा, आँख की पुतली - बहुत प्यारा - यह बच्चा मेरी आँखों का तारा है
11 - आँख दिखाना - क्रोध से देखना, रोकना, धमकाना - गलती भी करते हो और ऊपर से ऑखें भी दिखाते हो
12 - आँखों में धूल झोंकना - सरे आम धोखा देना - परीक्षक की आँखों में धूल झोंककर कुछ विद्यार्थी अच्छे अंक तो पा जाते हैं, परंतु इससे उन्हें जीवन में सफलता नहीं मिलती
13 - आँखों पर चढ़ना - पसंद आ जाना, किसी चीज के लिए लोभ होना - तुम्हारी घड़ी चोर की आँखों पर चढ़ गयी थी, इसलिए मौका पाते ही उसने चुरा ली
14 - आखें फेर लेना - पहले जैसा व्यवहार न रखना - जब से उसे अफसरी मिली है, उसने माँ बाप, यार दोस्त सबसे आँखें फेर ली है
15 - ऑखें बिछाना - प्रेम से स्वागत करना, बाट जोहना - तुम्हारी राह में आँखें बिछाये कय से बैठा हूँ तुम जल्द आ जाओ
16 - आँख में पानी न होना - बेहया, बेशर्म होना - बेईमान लोगों की आँखों में पानी नहीं होता
17 - आँखों में खून उतरना - अत्यधिक क्रोध होना - जयचंद को देखते ही महाराज पृथ्वीराज की आँखों में खून उतर आया
18 - आँखों में गड़ना (या चुभना) - बुरा लगना, पसंद आना - तुम्हारी कलम मेरी आँखों में गड़ गयी है, इसे तुम मुझे दे दी
19 - आँखों में चरबी छाना - घमंड होना - दौलत हाथ में आते ही उसकी आँखों में चरबी छा गयी और वह अपने रिश्तेदारों से बुरा व्यवहार करने लगा
20 - आँखे लाल करना - क्रोध से देखना - आँखें लाल मत करो, इससे मैं डरनेवाला नहीं
21 - आँखे सेंकना - दर्शन का सुख उठाना - बहुत से नवयुवक तो मेले ठेले में सिर्फ आँखे सेंकने ही आते हैं
22 - आँच न आने देना - थोड़ा भी आघात न होने देना - इस झमेले में मेरे दोस्त रवि ने मुझ पर जरा सी भी आँच न आने दी
23 - आटे दाल का भाव मालूम होना - कठिनाइयों का ज्ञान होना - तुम्हारे ऊपर जब जिम्मेवारियाँ आयेंगी तभी तुम्हें ऑटे दाल का भाव मालूम होगा
24 - आँसू पीकर रह जाना - दु:ख अपमान को बर्दास्त कर लेना - सबके सामने जली कटी सुनकर भी वह आँसू पीकर रह गया
25 - आकाश के तारे तोड़ लाना - असंभव काम करना - तुम्हें नौकरी क्या मिली, लगता है आकाश के तारे तोड़ लाये हो
26 - आकाश पाताल एक करना - खूब परिश्रम करना - तुम्हें नौकरी दिलाने के लिए विकास ने आकाश पाताल एक कर दिया था
27 - आग पर पानी डालना - शांत करना - दोनों मित्रों के बीच काफी गरमा गरमी हो गयी थी, पर दीदी की बातों ने आग पर पानी डाल दिया
28 - आग में घी डालना - झगड़ा बढ़ाना - रमेश, तुम गोवर्धन की बातों में मत आना, उसका तो काम ही है आग में घी डालना
29 - आग में कूदना - जानबूझकर मुसीबत में पड़ना - साहसी व्यक्ति खतरों से डरते नहीं, वे आग में भी कूद पड़ते हैं
30 - आग बबूला होना - बहुत क्रुध होना - राम की अनाप शनाप बातें सुनकर मोहन आग बबूला हो गया
31 - आग लगने पर कुआँ खोदना - विपत्ति आ जाने पर प्रतिकार का उपाय खोजना - बीमारी की इस अंतिम अवस्था में दूर शहर से डॉक्टर बुलाने की बात सोचना आग लगने पर कुआँ खोदने जैसा है
32 - आटा गीला करना - घाटा लगाना - औने पौने दामों में इन्हें बेचकर क्यों अपना आटा गीला कर रहे हो ?
33 - आधा तीतर आधा बटेर - बेमेल, बेढंगा - पश्चिमी सभ्यता ने भारतीय सभ्यता संस्कृति को आधा तीतर आधा बटेर बना दिया है
34 - आपे से बाहर होना - क्रोधित होना - इतनी सी बात प ही मास्टर साहब आपे से बाहर
35 - आबरू पर पानी फिरना - प्रतिष्ठा नष्ट होना - तुम्हारी बेवकूफी के कारण ही मेरी आबरू पर पानी फिर गया
36 - आवाज उठाना - विरोध करना - सरकार के खिलाफ आवाज उठाना एक साधारण बात हो गयी है
37 - आसमान सिर पर उठाना - उपद्रव करना - इतनी छोटी सी बात पर उसने आसमान सिर पर उठा लिया था
38 - आसमान से बातें करना - बहुत ऊँचा होना - देवघर के मंदिर का शिखर आसमान से बातें कर रहा है
39 - आस्तीन का साँप - मित्र के रूप में शत्रु - उस पर कभी भरोसा मत करना, वह तो आस्तीन का साँप है
40 - इधर उधर करना - टालमटोल करना - अब ज्यादा इधर उधर करना बंद करो, चुपचाप मेरी पुस्तक मुझे लौटा दो
41 - इधर की दुनिया उधर होना - अनहोनी बात होना - चाहे इधर की दुनिया उधर हो जाय, मैं तुम्हारे यहाँ नहीं जानेवाला हूँ
42 - इधर की उधर करना - चुगली करना - उसके सामने यह सब क्यों कहते हो ? उसकी तो आदत ही है इधर की उधर करने की
43 - ईट से ईट बजान - अंतिम दम तक लड़ना, बर्बाद करना - मैं उसकी ईंट से ईट बजा ट्रॅगा, पर हार नहीं मानूगा
44 - ईंट का जवाब पत्थर से देना - दुष्टों के साथ दुष्टता का व्यवहार करना - वे लोग हमारे आदमियों को पीटकर तीसमार खाँ बने घूमते हैं, पर यह नहीं जानते कि हमें भी ईंट का जवाब पत्थर से देना आता है
45 - ईद (दूज) का चाँद होना - मुश्किल से दिखाई देना - बहुत दिनों से मिले नहीं मोहन, तुम तो आजकल ईद का चाँद हो गये हो
46 - उड़ती खबर - अफवाह - यह उड़ती खबर है, इस पर विश्वास पत करना
47 - उल्लू का पट्ठा - निरा बेवकूफ - उस जैसा उल्लू का पट्ठा भी कहीं अक्ल से काम लती हैं |
48 - उल्लू बनाना - बेवकूफ बनाना - उसे तुम उल्लू नहीं बना सकते, वह बड़ा चतुर है
49 - उल्लू सीधा करना - काम निकालना - नेताजी की खुशामद करके आखिर उसने अपना उल्लू सीधा कर ही लिया
50 - उधेड़बुन में पड़ना - सोच विचार में पड़ना - अचानक किसी समस्या के आ जाने पर कोई भी व्यक्ति उधेड़ बन में पड़ जाता है
51 - उल्टी गंगा बहाना - असंभव काम करना - इस गदहे को पढ़ाना उल्टी गंगा बहाने के समान है
52 - उल्टे अस्तुरे से मूड़ना - मूर्ख बनाकर ठगना - उस ठग ने आज मुझे उल्टे अस्तुरे से मूड़ लिया
53 - उँगली पकड़कर पहुँचा पकड़ना - थोड़ा सा लेकर पूरा लेने की इच्छा करना - ‘मोहनलाल से सावधान रहना ही अच्छा है, वह उँगली पकड़कर पहुँचा पकड़नेवाला आदमी है
54 - उँगली पर नचाना - वश में करना - आपके अधीन हूँ इसका मतलब यह नहीं है कि आप हर समय मुझे ऊँगली पर नचाते रहें
55 - न उधी का लेना न माधो का देना - किसी से कोई संबंध नहीं रखना - चाहे जो कहो, श्याम है खरा आदमी वह न ऊधी का लेता है न माधी को देता है
56 - एँड़ी चोटी का पसीना एक करना - बहुत मेहनत करना - इस काम को समय पर पूरा करने के लिए उसे एँड़ी चोटी का पसीना एक करना पड़ा है
57 - एक आँख न भाना - जरा भी अच्छा न लगना - अपनी बेटी के साथ तुम्हारा ऐसा दुव्र्यवहार मुझे एक आँख भी नहीं भाता है
58 - एक एक ग्यारह होना - एकता के सूत्र में बँधकर शक्तिशाली होना - शत्रुओं ने दोनों भाइयों को खूब सताया, लेकिन अब वे दोनों भाई मिलकर एक एक ग्यारह हो गये हैं अब वे अपने शत्रुओं का डटकर मुकाबला करेंगे
59 - एक टाँग (पैर) पर खड़ा रहना - काम करने के लिए सदा तैयार रहना - जब तक बहन की शादी सम्पन्न नहीं हुई, भूषण एक टाँग पर खड़ा रहा
60 - एक लाठी से हाँकना - सबके साथ एकसमान व्यवहार करना - सबको एक लाठी से हाँकना बुद्धिमानी नहीं है
61 - एक हाथ से ताली न बजना - बिना सहयोग के काम का नहीं होना - एक हाथ से ताली नहीं बजती, गलती दोनों ने की है
62 - ऐसी तैसी करना - बेइज्जत करना - सब के सामने ही देवेंद्र ने अपने बड़े भाई की ऐसी तैसी कर दी
63 - ओखल में सिर देना - जान बूझकर मुसीबत में पड़ना - जब ओखल में सिर दे दिया है, तब मूसल की क्या परवाह
64 - औधी खोपड़ी का होना - मूर्ख होना - उसे समझाना ही बेकार है, वह बिल्कुल औधी खोपड़ी का आदमी है
65 - औधे मुँह गिरना - बुरी तरह धोखा खाना - इस बार की खरीदारी में बेचारे की एक न चली, उलटे वह औधे मुँह गिरा
66 - कटक बनना - बाधक होना - तुम तो मेरे हर काम में कटक बन जाते हो
67 - ककड़ी खीरा समझना - महत्वहीन समझना - वे गरीब हैं तो क्या हुआ, आदमी तो हैं, उन्हें तुम ककड़ी खीरा मत समझा करो
68 - कटे (जले ) पर नमक छिड़कना - दु:ख बढ़ाना - बेचारी एक तो ऐसे ही दुखों से
69 - कफन सिर से बाँधना - मौत या खतरे की परवाह नहीं करला - बहुतेरे नवयुद्ध कफन सिर से बाँधकर आजादी की लड़ाई में कूद पड़े थे
70 - कमर कसना - तैयार होना - यदि युद्ध में विजय चाहते हो तो मरने मारने के लिए कमर कस लो
71 - कमर टूटना - उत्साहहीन होना, असहाय होना - सीमा संघर्ष में अपने सैनिक साज सामान को बर्बाद होते देखकर पाकिस्तानी फौज की कमर ही टूट गयी
72 - कलेजा का टुकड़ा - बहुत प्यारा - सौमित्र अपनी माँ के कलेजे का टुकड़ा था
73 - कलेजा चीरकर दिखाना - पूरा विश्वास देना, कोई कपट न रखना - तुम्हारे लिए दिल में कितना प्यार है, यह मैं कलेजा चीरकर दिखा सकता हूँ
74 - कलेजा टूक टूक होना - बहुत दु:ख होना - कैकेयी की बात सुनते ही महाराज दशरथ का कलेजा टूक टूक हो गया
75 - कलेजा ठंढा होना - संतोष होना - राम के वन जाते ही दासी मंथरा का कलेजा ठंढा हा गया
76 - कलेजा थामकर रहना - मन मसोसकर रहना - परशुराम की जली कटी बातें सुनकर लक्ष्मण को बहुत क्रोध हुआ, किंतु श्री राम के समझाने बुझाने पर वे कलेजा थामकर रह गये
77 - कलेजा निकालकर रख देना - सच्ची बात कह देना - मैंने कलेजा निकालकर रख दिया, फिर भी तुम्हें विश्वास नहीं होता ?
78 - कलेजा मुँह को आना - घबराना - उसकी विपत्ति की कहानी सुनकर कलेजा मुँह को आ जाता है
79 - कलेजे पर साँप लोटना - ईष्या या जलन होना - मेरी तरक्की देखकर उसके कलेजे पर साँप लौट गया है, इसलिए उसने मेरे बारे में गलत प्रचार करना शुरू कर दिया है
80 - काठ की हाँड़ी - अस्थायी चीज - इस बार तो तुम्हारी चाल सफल हो गयी, लेकिन काठ की हाँडी बार बार चूल्हे पर नहीं चढ़ती
81 - कान ऐंठना - सुधरने की प्रतिज्ञा करना - मैं कान ऐंठता हूँ कि अब ऐसे गलत काम कभी नहीं करूंगा
82 - कान काटना - मात करना - बुद्धि में तो वह वृहस्पति के भी कान काटता है
83 - कान पर जूं न रेंगना - कुछ भी ध्यान न देना - मैं इतनी देर से चिल्ला रहा हूँ, लेकिन तुम्हारे कान पर जू तक नहीं रेंगती
84 - कान भरना - शिकायत करना - आज कई दिनों से वह मुझसे बात तक नहीं करता, लगता है कि किसी ने मेरे विरुद्ध उसके कान भर दिये हैं
85 - कान में तेल डालकर बैठना - ध्यान न देना - इतनी देर से बुला रहा था, लेकिन तुम तो कान में तेल डालकर बैठे थे
86 - काम आना - वीरगति को प्राप्त होना - नेप्फा की लड़ाई में चीन के बहुतेरे सिपाही काम आये
87 - काम तमाम करना - मार डालना - शिवाजी ने अपने बघनखे से अफजल खाँ का काम तमाम कर दिया
88 - कीचड़ उछालना - निंदा करना, बदनाम करना - भले आदमियों पर व्यर्थ कीचड़ उछालने की तो उसकी पुरानी आदत है
89 - कील काँटे से दुरुस्त होना - अच्छी तरह से तैयार होना - आज मैं अपना काम पूरा था किये बगैर नहीं रहूँगा, क्योंकि आज मैं कील काँटे से दुरुस्त होकर आया हूँ
90 - कुएँ में भाँग पड़ना - सब की बुद्धि मारी जाना - किस किस को समझाया जाय यहाँ तो कुएँ में ही भाँग पड़ी है
91 - कुत्ते की मौत मरना - बुरी तरह मरना - अगर तुम्हारी ऐसी ही आदतें बनी रहीं, तो तुम कुत्ते की मौत मरोगे
92 - कुम्हड़े की बतिया - कमजोर आदमी - रमेश ने नरेश को बिल्कुल कुम्हड़े की बतिया ही समझ लिया है, बात बात में उसे धमकाते रहता है
93 - कुहराम मचाना - खूब रोना पीटना - बंगाली बाबू की मौत की खबर आते ही उनके घर में कुहराम मच गया
94 - कौड़ी का तीन होना - बहुत सस्ता होना, बेकदर होना - तुम जैसे आवारा के साथ रहकर वह भी कौड़ी का तीन हो गया
95 - खबर लेना - दंड देना, देखभाल करना - रामप्रसाद, तुम्हारी काफी शिकायतें सुनने को मिल रही हैं, आज शाम को मैं तुम्हारी खबर लुंगा
96 - खाक उड़ाते फिरना - भटकना - अपनी सारी जमा पूँजी बर्बाद करके अब वह खाक उड़ाते फिर रहा है
97 - खाक में मिलना - बर्बाद हो जाना - खुदा की बुराई करोगे तो खाक में मिल जाओगे
98 - खिलखिला पड़ना - खुश होना, खुलकर हँस पड़ना - खिलौनों को देखते ही गुड़िया रानी खिलखिला पडी
99 - खुशामदी टट्टू होना - चापलूस होना - तुम्हारी क्या तुम तो खुशामदी टट्टू हो, किसी न किसी तरह अपना काम करवा ही लोगे
100 - खून की नदी बहाना - बहुत मार काट करना - क्रूर नादिरशाह ने दिल्ली में खून की नदी बहा दी थी
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