1. शब्दकोश में पहले :~ स्वर , बाद में व्यंजन का क्रम आता है।
2. मात्राओं का क्रम :~ कं, कः, क, का, कि, की, कु, कू, के, कै, को, कौ ।
3. पूर्ण वर्ण बाद संयुक्ताक्षर का क्रम आता है :~ कं, कः, क, का, ......... कौ के बाद क्य, क्र, कल, क्ष, त्र, ज्ञ आदि
नोट :~ क्ष त्र ज्ञ का कोई पृथक शब्द संग्रह नहीं मिलता, संयुक्ताक्षर होने के कारण संबंधित वर्ण वाले खाने में उन्हें ढूंडना पड़ता है।
*क्ष के लिए 'क' वाले खाने में
*त्र के लिए 'त' वाले खाने में
*ज्ञ के लिए 'ज' वाले खाने में
*श्र के लिए 'श' वाले खाने में
*त्र के लिए 'त' वाले खाने में
*ज्ञ के लिए 'ज' वाले खाने में
*श्र के लिए 'श' वाले खाने में
4. ङ, ञ, ण, ड़, ढ़ से कोई शब्द शुरू नहीं होता इसलिए। ये वर्ण स्वतंत्र रूप से शब्दकोश में नहीं मिलते।
दूसरे शब्द निम्नलिखित क्रम में होंगे
अं/ अँ, अः, अक, अख, अग, अघ, अच, अछ, अज, अझ, अट, अठ, अड, अढ, अत, अथ, अद, अध, अन, अप, अफ, अब, अभ, अम, अय, अर, अल, अव, अश, अष, अस, अह। इस क्रम के उपरांत उस आदि अक्षर के साथ मात्रायें लगने का क्रम होगा। जैसे
का, कि, की, कु, कू, के, के, को, को।
मात्राओं के बाद संयुक्त अक्षर अपने क्रम में होंगे जैसे
क्क, क्ख, क्च, क्थ, क्न, क्प, क्म, क्य, क्र, क्ल, क्व, क्श, क्ष, क्ष (क्ष) क्स।
टिप्पणी- यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि क्ष त्र ज्ञ संयुक्त अक्षर हैं। अतः क्ष को क के साथ रखा जाता है और त्र को त के साथ और ज्ञ को ज के साथ। शब्द के तीसरे, चैथे, आदि अक्षरों का क्रम दूसरे अक्षर के समान होता है।
१. जिन शब्दों के अर्थ एक से अधिक होते हैं उनके अर्थों को 1,2,3,4, संख्या देकर लिखा जाता है ताकि पाठक को स्पष्ट रूप में अर्थ की भिन्नता जान पड़े। जहां शब्द के अर्थ व्याकरण, भाषा स्त्रोत अथवा वैज्ञानिक शाखा के अनुसार भिन्न हैं वहां अर्थ से पूर्व रोमन | | || आदि लिखा जाता है। जिससे शब्द का प्रयोग अधिक स्पष्ट हो सके।
२. शब्दकोश में जहां किसी मुख्य शब्द का समानार्थक दूसरा शब्द होता है उसके आगे = या दे. का प्रयोग किया जाता है उदाहरण के लिए दरशन- दर्शन, दरस इसके अर्थ यह हुए कि दरशन, दर्शन और तीनों शब्द का अर्थ समान हैं।
३. शब्द की प्रविष्टि के उपरांत उस भाषा का संकेत दिया जाता है जिससे वह शब्द हिंदी में ग्रहण किया जाता है, जैसे (सं0) संस्कृत, (अ.) अरबी, (फ्रा.) फारसी, या (अं.) अंग्रेजी से
४. शब्दकोश में शब्द की व्याकरणिक कोट का संकेत भी दिया जाता है। शब्द भेद आठ होते हैं- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रियाविशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक हिंदी में संज्ञा या तो पुल्लिंग होती है या स्त्रीलिंग | हिंदी शब्दकोश में पु. और स्त्री से समझना चाहिए कि वे संज्ञा भेद हैं
५. शब्द की प्रविष्ट के अंतर्गत जहां भी उस शब्द का प्रयोग फिर से किया जाता है उसका संकेत में किया जाता है। उदाहरण के लिए शब्द है- पुत्र, इस - शब्द के अर्थ के अंतर्गत "पुत्रवधू" को इस प्रकार लिखा जाता है:- ' वधू'
हिन्दी शब्दकोश में शब्दों का क्रम
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ॠ, ए, ऐ, ओ, और, क, क्ष, ख, ग, घ, च, छ, ज, ज, झ, ट, ठ, ड, ढ, त, थ, द, ध, न प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व, श, श्र, ष, स, ह
0 comments:
Post a Comment