Mistakes Related to Pronunciation and its Sollution in hindi
शुद्ध भाषा लिखने पढ़ने के लिए शुद्ध उच्चारण आवश्यक है। हिंदी भाषा ध्वन्यात्मक होने के कारन यह और भी आवश्यक है। हिंदी में शुद्ध उच्चारण और लेखन एक दूसरे पर आश्रित हैं। प्रायः वर्णों के अशुद्ध उच्चारण, संयुक्त वर्णों के अशुद्ध प्रयोग और मात्राओं के भ्रम के कारण वर्तनी की अशुद्धियाँ होती हैं। वर्तनी की अशुद्धियों में क्षेत्रीय प्रभाव भी सक्रिय भूमिका निभाता है। शुद्ध वर्तनी के लिए संयुक्त वार्ड और संयुक्त व्यंजन तथा ह्रस्व व् दीर्घ मात्राओं को जानना आवश्यक है।
आधीन अधीन
दावात दवात
हस्ताक्षेप हस्तक्षेप
अजादी आजादी
कम काम
आलौकिक अलौकिक
गती गति
पुज्य पूज्य
मुनी मुनि
व्यक्ती व्यक्ति
ईधर इधर
अतिथी अतिथि
आजकाल आजकल
नाभी नाभि
अहार आहार
नराज नाराज
परलौकिक पारलौकिक
उपरी ऊपरी
दुध दूध
बुद्धी बुद्धि
कवी कवि
उत्पत्ती उत्पत्ति
क्योंकी क्योंकि
पुर्ण पूर्ण
सति सती
हानी हानि
आनि आनी
आशिर्वाद आशीर्वाद
बिमारी बीमारी
शीक्षा शिक्षा
सूंदर सुन्दर
साधू साधु
पटू पटु
दयालू दयालु
शिशू शिशु
पुरक पूरक
पुर्णिमा पूर्णिमा
पिताम्बर पीताम्बर
निरस नीरस
निरोग नीरोग
परिक्षा परीक्षा
सुखा सूखा
मधूर मधुर
प्रभू प्रभु
कृपालू कृपालु
पशू पशु
सँख्या संख्या
शरड़ शरण
टिप्पड़ी टिप्पणी
किरन किरण
बान बाण
छप्पण छप्पन
गड़ना गणना
रँगभूमि रंगभूमि
प्रमान प्रमाण
रामायन रामायण
प्रान प्राण
क्षन क्षण
वर्न वर्ण
लरका लड़का
लारला लाड़ला
जर जड़
लराई लड़ाई
नजड़ाना नजराना
उड़झना उलझना
चिरिया चिड़िया
बिधवा विधवा
बाणी वाणी
बर्षा वर्षा
बृष्टि वृष्टि
बिकल विकल
बनोत्सव वनोत्सव
शुन्दर सुन्दर
साखा शाखा
शाला साला
आदर्स आदर्श
प्रसाशन प्रशासन
नास नाश
देस देश
सर्म शर्म
साम शाम
शंक्षिप्त संक्षिप्त
सेष शेष
देसी देशी
सास्त्र शास्त्र
अमावश्या अमावस्या
शंकट संकट
नमश्कार नमस्कार
संसय संशय
कस्ट कष्ट
पुस्प, पुश्प पुष्प
प्रसंषा प्रशंसा
षाषन शासन
सट् षट्
सक्ति शक्ति
षाक्षात् साक्षात्
शकना सकना
षाकार साकार
सिसिर शिशिर
दष दस
शामग्री सामग्री
सास्त्र शास्त्र
प्रशाद प्रसाद
शारांश सारांश
शाशन शासन
रास्ट्र राष्ट्र
भविश्य भविष्य
श्लिष्ठ श्लिष्ट
परिनिष्टित परिनिष्ठित
मिष्ठान्न मिष्टान्न
घनिष्ट घनिष्ठ
विशिष्ठ विशिष्ट
निष्टा निष्ठा
अभीष्ठ अभीष्ट
छुद्र क्षुद्र
छेत्र क्षेत्र
शिछक शिक्षक
नछत्र नक्षत्र
छत्रिय क्षत्रिय
कछा कक्षा
परीछा परीक्षा
छमा क्षमा
छेम क्षेम
शिछा शिक्षा
दीछा दीक्षा
छत्रप क्षत्रप
पछ पक्ष
लछणा लक्षणा
परीछाण परीक्षण
प्रथक पृथक
ग्रहस्थ गृहस्थ
ग्रहण गृहण
शरम श्रम
किरपा कृपा
रिषि ऋषि
ग्रहीत गृहीत
घिरणा घृणा
व्रिष्टि वृष्टि
सामान्यतः उच्चारण में होने वाली अशुद्धियाँ
1. हृश्व के स्थान पर दीर्घ तथ दीर्घ के स्थान पर ह्रस्व
अशुद्ध शुद्धआधीन अधीन
दावात दवात
हस्ताक्षेप हस्तक्षेप
अजादी आजादी
कम काम
आलौकिक अलौकिक
गती गति
पुज्य पूज्य
मुनी मुनि
व्यक्ती व्यक्ति
ईधर इधर
अतिथी अतिथि
आजकाल आजकल
नाभी नाभि
अहार आहार
नराज नाराज
परलौकिक पारलौकिक
उपरी ऊपरी
दुध दूध
बुद्धी बुद्धि
कवी कवि
उत्पत्ती उत्पत्ति
क्योंकी क्योंकि
पुर्ण पूर्ण
सति सती
हानी हानि
आनि आनी
आशिर्वाद आशीर्वाद
बिमारी बीमारी
शीक्षा शिक्षा
सूंदर सुन्दर
साधू साधु
पटू पटु
दयालू दयालु
शिशू शिशु
पुरक पूरक
पुर्णिमा पूर्णिमा
पिताम्बर पीताम्बर
निरस नीरस
निरोग नीरोग
परिक्षा परीक्षा
सुखा सूखा
मधूर मधुर
प्रभू प्रभु
कृपालू कृपालु
पशू पशु
2. नासिक्य व्यंजन की अशुद्धियाँ
गँनेश गणेशसँख्या संख्या
शरड़ शरण
टिप्पड़ी टिप्पणी
किरन किरण
बान बाण
छप्पण छप्पन
गड़ना गणना
रँगभूमि रंगभूमि
प्रमान प्रमाण
रामायन रामायण
प्रान प्राण
क्षन क्षण
वर्न वर्ण
3. र, ल, ड़ के उच्चारण में अशुद्धियाँ
उजारना उजाड़नालरका लड़का
लारला लाड़ला
जर जड़
लराई लड़ाई
नजड़ाना नजराना
उड़झना उलझना
चिरिया चिड़िया
4. व और ब की अशुद्धियाँ
वल बलबिधवा विधवा
बाणी वाणी
बर्षा वर्षा
बृष्टि वृष्टि
बिकल विकल
बनोत्सव वनोत्सव
5. श ष तथा स की अशुद्धियाँ
असोक अशोकशुन्दर सुन्दर
साखा शाखा
शाला साला
आदर्स आदर्श
प्रसाशन प्रशासन
नास नाश
देस देश
सर्म शर्म
साम शाम
शंक्षिप्त संक्षिप्त
सेष शेष
देसी देशी
सास्त्र शास्त्र
अमावश्या अमावस्या
शंकट संकट
नमश्कार नमस्कार
संसय संशय
कस्ट कष्ट
पुस्प, पुश्प पुष्प
प्रसंषा प्रशंसा
षाषन शासन
सट् षट्
सक्ति शक्ति
षाक्षात् साक्षात्
शकना सकना
षाकार साकार
सिसिर शिशिर
दष दस
शामग्री सामग्री
सास्त्र शास्त्र
प्रशाद प्रसाद
शारांश सारांश
शाशन शासन
रास्ट्र राष्ट्र
भविश्य भविष्य
6. ट के स्थान पर ठ, अथवा ठ के स्थान पर ट
सन्तुष्ठ सन्तुष्टश्लिष्ठ श्लिष्ट
परिनिष्टित परिनिष्ठित
मिष्ठान्न मिष्टान्न
घनिष्ट घनिष्ठ
विशिष्ठ विशिष्ट
निष्टा निष्ठा
अभीष्ठ अभीष्ट
7. क्ष के स्थान पर छ
छन क्षणछुद्र क्षुद्र
छेत्र क्षेत्र
शिछक शिक्षक
नछत्र नक्षत्र
छत्रिय क्षत्रिय
कछा कक्षा
परीछा परीक्षा
छमा क्षमा
छेम क्षेम
शिछा शिक्षा
दीछा दीक्षा
छत्रप क्षत्रप
पछ पक्ष
लछणा लक्षणा
परीछाण परीक्षण
8. ॠ के स्थान पर र
श्रंगार शृंगारप्रथक पृथक
ग्रहस्थ गृहस्थ
ग्रहण गृहण
शरम श्रम
किरपा कृपा
रिषि ऋषि
ग्रहीत गृहीत
घिरणा घृणा
व्रिष्टि वृष्टि
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