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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

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Hindi Previous Year Questions

1. उनके स्नेह की अन्त्रस्त्लीय सरिता मुखमुद्र से स्पष्ट झांक रही थी ?
A. अन्तश्त्लीय
B. अंतशात्लीय
C. अशतलीय
D. अन्तस्तलीय
Ans ➺ D

2. नायिका उत्ग्रीव रहकर दिनभर नायक की प्रतीक्षा करती रही। दिए गए वाक्य में उत्ग्रीव का सही शब्द कौन सा है ?
A. उद्ग्रीव
B. उद्गिव्र
C. ऊद्ग्रिव
D. उत्ग्रीव
Ans ➺ A

3. युधिस्तिर सबसे बड़े पांडव थे, इस वाक्य में युधिस्तिर का सही शब्द क्या होगा ?
A. युधिष्ठिर
B. युधिशिठर
C. युधिस्थिर
D. युधषठिर
Ans ➺ A

4. अनुशासन के अभाव में विद्यार्थियों में उच्श्रख्ला आती है, इस वाक्य में उच्श्रख्ला के स्थान पर कौन सा शब्द आएगा ?
A. उच्चश्रृखलता
B. उच्चश्रृंखला
C. ऊचश्रृंखला
D. उच्छृंखलता
Ans ➺ D

5. सभी देशवासियों को देश की समस्याओं के समाधान के लिए स्वयमेव सनन्ध्द हो जाना चाहिए, इस वाक्य में सनन्ध्द के स्थान पर कौन सा शब्द प्रयोग होगा ?
A. अन्न्द्य
B. सन्नदध
C. सनद्ध
D. सन्नद्ध
Ans ➺ D

6. कृष्ण-भक्ति काव्य में ऐसा बहुत कुछ है जो नित्य और निमितिक सांप्रदायिक कामों से सम्बन्धित है, इस वाक्य में निमितिक के स्थान पर कौन सा शब्द प्रयोग होगा ?
A. नैमित्तिक
B. नेमित्तिक
C. निमितिक
D. निमित्तिक
Ans ➺ A

7. दिन-व-दिन रसायनों के आप्रत्याशित प्रभाव सामने आ रहे है, इस वाक्य में आप्रत्याशित का स्थान पर कौन सा शब्द प्रयोग होगा ?
A. आप्रत्याशित
B. अप्रत्याशित
C. अप्रत्याशीत
D. आप्रात्याशीत
Ans ➺ B

8. उपनिषदों को गीता का सतरोत कहा जाता है, इस वाक्य में निम्न में से सतरोत का सही शब्द क्या होगा ?  
A. स्त्रूत
B. श्रोत
C. स्त्रोत
D. श्रुत
Ans ➺ C

9. पति-पत्नी के जोड़े को दमपति कहते हैं, इस वाक्य में दमपति के स्थान पर निम्न में से कौन सा शब्द प्रयोग होगा ?
A. दम्पति
B. दमपती
C. दम्पत्ति
D. दम्पती
Ans ➺ D

10. विक्रमी संवत ईसवी सं से 57 वर्ष आगे रहता है, इस वाक्य में सं के स्थान पर निम्न में से कौन सा शब्द प्रयोग होगा ?
A. संवत
B. सम्वत
C. समवत
D. संवत्
Ans ➺ D

11. अत्याधिक व्यस्तता से जीवन में नीरसता आ जाती है, इस वाक्य में अत्याधिक के स्थान पर निम्न में से कौन सा शब्द प्रयोग होगा ?
A. अत्यधिक
B. अतयधिक
C. अत्याधिक
D. अत्याधीक
Ans ➺ A

12. अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में भारतीय शल्य-चिकित्सिक पर्याप्य सफल रहे है, इस वाक्य में चिकित्सिक के स्थान पर निम्न में से कौन शब्द प्रयोग होगा ?
A. चिक्तसिक
B. चिक्तसिय
C. चिकित्सक
D. चिकितसक
Ans ➺ C

13. संस्कृत संश्लिशट भाषा है, इस वाक्य में संश्लिशट के स्थान पर निम्न में से कौन सा शब्द प्रयोग होगा ?
A. संस्लिष्ठ
B. कोई त्रुटि नहीं
C. संश्लिष्ट
D. स्नस्लिस्ट
Ans ➺ C

14. मन्दाकिनी की जलधारा अजस्सर रूप से प्रवाहित हो रही थी, इस वाक्य में अजस्सर के स्थान पर निम्न में से कौन सा शब्द प्रयोग होगा ? 
A. अजस्त्र
B. अजसत्र
C. अज्सर
D. अजससर
Ans ➺ A

15. सभी भारतीय गीता के महातम्य से परिचित है, इस वाक्य में महातम्य का सही शब्द क्या होगा ?
A. महात्म्य
B. माहात्मय
C. कोई त्रुटि नहीं
D. माहात्म्य
Ans ➺ B

16. शारीरिक आरोज्ञ के लिए प्रातः एवं संध्या कालीन भ्रमण अत्यंत लाभप्रद माना गया है, इस वाक्य में आरोज्ञ के स्थान पर निम्न में से कौन सा शब्द प्रयोग होगा ?
A. अरोग्य
B. आरोग
C. आरोग्य
D. आरोगय
Ans ➺ C

17. मदर टेरेसा का जीवन रोगियों के सेवा-सूश्रूषा है, इस वाक्य में सूश्रूषा के स्थान पर निम्न में से कौन सा शब्द प्रयोग होगा ? 
A. सुश्रूषा
B. शूश्रुषा
C. शुश्रूषा
D. शूश्रूषा
Ans ➺ C

18. ग्यान का भण्डार अथाह होता है, इस वाक्य में ग्यान के स्थान पर निम्न में से कौन सा शब्द प्रयोग होगा ?
A. ज्ञान
B. गिआन
C. ज्यान
D. गियान
Ans ➺ A

19. शारीरिक आरोज्ञ के लिए प्रातः एवं संध्या कालीन भ्रमण अत्यंत लाभप्रद माना गया है ?
A. अरोग्य
B. आरोग
C. आरोग्य
D. आरोगय
Ans ➺ C

20. दिए गए शब्दों में शुद्ध वर्तनी वाला शब्द कौन-सा है ?
A. सच्चिदानंद
B. सचिदानन्द
C. सच्चीदानंद
D. सचितानंद
Ans ➺ A

21. दिए गए शब्दों में शुद्ध वर्तनी वाला शब्द कौन-सा है ?
A. सुषुप्ति
B. सुसुप्ति
C. सुस्प्ती
D. सुश्प्ती
Ans ➺ A

22. दो वर्णों के मेल से होने वाले विकार को क्या कहते हैं ?
A. समास
B. उपसर्ग
C. प्रत्यय
D. संधि
Ans ➺ D

23. संधि निम्न में से कितने प्रकार के होते हैं ?
A. 2
B. 3
C. 4
D. 5
Ans ➺ B

24. दयानन्द में प्रयुक्त संधि निम्न में से कौन सा है ?
A. दीर्घ संधि
B. व्यंजन संधि
C. यण संधि
D. गुण संधि
Ans ➺ A

25. कपीश में प्रयुक्त संधि निम्न में से कौन सा है ?
A. दीर्घ संधि
B. विसर्ग संधि
C. यण सन्धि
D. वृद्धि संधि
Ans ➺ A

Hindi Previous Year Question

1. निम्नलिखित में से कौन-सी शब्द अशुद्ध है ?
A. कल्याण
B. रसायण
C. पूण्य
D. कलश
Ans ➺ C

2. निम्नलिखित में से कौन-सी शब्द शुद्ध है ?
A. भष्म
B. हिंदु
C. चिन्ह
D. प्राण
Ans ➺ D

3. निम्नलिखित में से सन्मान का शुद्ध रूप कौन - सा है ?
A. सनमान
B. समान
C. सम्मान
D. इनमें से कोई नहीं
Ans ➺ C

4. निम्नलिखित में से अल्पप्राण वर्ण कौन- सा है ?
A. थ, ध
B. फ, भ
C. अ, आ
D. क, ग
Ans ➺ D

5. तुम, तुमने, तुम लोगों यह निम्न में से किस वचन से है ?
A. द्वि वचन
B. एकवचन
C. बहुवचन
D. इनमें से कोई नहीं
Ans ➺ C

6. 'गिरीश' निम्न में से कौन - सा संधि है ?
A. अयादि संधि
B. गुण संधि
C. दीर्घ संधि
D. वृद्धि संधि
Ans ➺ C

7. 'सिरतोड़' निम्न में से कौन - सा समास है ?
A. कर्म- तत्पुरुष
B. अपादान- तत्पुरुष
C. करण-तत्पुरुष
D. संप्रदान-तत्पुरुष
Ans ➺ A

8. 'महात्मा' निम्न में से कौन - सा समास है ?
A. अव्ययीभाव समास
B. तत्पुरुष समास
C. कर्मधारय समास
D. बहुव्रीहि समास
Ans ➺ C

9. पत्र-लेखन निम्न में से कितने प्रकार के होते हैं ?
A. 3
B. 8
C. 2
D. 6
Ans ➺ A

10. हिन्दी के प्रसिद्ध कहानीकार निम्न में से कौन हैं ?
A. मोहन राकेश
B. हजारी प्रसाद द्विवेदी
C. प्रेमचंद
D. जायसी
Ans ➺ C

11. 'तितली' उपन्यास के लेखक निम्नलिखित में से कौन है ?
A. मोहन राकेश
B. जयशंकर प्रसाद
C. अज्ञेय
D. प्रेमचंद
Ans ➺ B

12. निम्न में से अलंकार के कौन - सा भेद है ?
A. लाटानुप्रास
B. छेकानुप्रास
C. शब्दालंकार
D. इनमें से कोई नहीं
Ans ➺ C

13. निम्नलिखित में से अर्थालंकार के कितने भेद होते हैं ?
A. 10
B. 11
C. 12
D. 13
Ans ➺ C

14. निम्न में से रस के कौन - सा भेद है ?
A. करुण
B. उल्लेख
C. रूपक
D. इनमें से कोई नहीं
Ans ➺ A

15. निम्नलिखित में से अर्थ के अनेकार्थक शब्द क्या है ?
A. सत्य, जल, धर्म
B. कारण, मतलब, धन
C. रहित, दीन, उद्देश्य
D. सूर्य, प्रिय, सहयोगी
Ans ➺ B

16. हिन्दी निम्न में से किस भाषा-परिवार की भाषा है ?
A. चीनी-तिब्बती
B. आस्ट्रिक
C. भारोपीय
D. द्रविड़
Ans ➺ C

17. भारत में सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषा निम्न में से कौन-सी है ?
A. संस्कृत
B. तमिल
C. उर्दू
D. हिन्दी
Ans ➺ D

18. हिन्दी भाषा का जन्म किससे हुआ है ?
A. वैदिक संस्कृत से
B. लौकिक संस्कृत से
C. अपभ्रंश से
D. पालि-प्राकृत से
Ans ➺ C

19. निम्न में से कौन - सी बोली अथवा भाषा हिन्दी के अंतर्गत नहीं आती है ?
A. अवधी
B. बांगरू
C. कन्नौजी
D. तेलुगू
Ans ➺ D

20. हिन्दी की विशिष्ट बोली 'ब्रजभाषा' निम्न में से किस रूप में सबसे अधिक प्रसिद्ध है ?
A. तकनीकी भाषा
B. राष्ट्रभाषा
C. काव्य भाषा
D. राजभाषा
Ans ➺ C

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UP TET/ CTET EXAM Realted Questions

प्रश्‍न 1- जिन शब्दों के अन्त में ‘अ’ आता है, उन्हें क्या कहते है। 
उत्‍तर - अकारांत कहते है। 
प्रश्‍न 2- हिन्दी वर्ण माला में अयोगवाह वर्ण कौन से है। 
उत्‍तर - अं , अ: वर्ण अयोगवाह वर्ण है । 

प्रश्‍न 3- हंस मे लगा ( ं ) चिन्ह कहलाता है। 
उत्‍तर - अनुस्वार 

प्रश्‍न 4- चॉद शब्द‍ में लगा ( ँ ) चिन्ह कहलाता है। 
उत्‍तर - अनुनासिक । 

प्रश्‍न 5- भाषा की सबसे छोटी इकाई क्या है।
उत्‍तर - वर्ण । 

प्रश्‍न 6- जिन शब्दों में किसी प्रकार का विकार या परिवर्तन नही होता, उसे क्या कहते है। 
उत्‍तर - तत्सम । 

प्रश्‍न 7- कार्य के होने का बोध कराने वाले शब्द को क्या् कहते है। 
उत्‍तर - क्रिया कहते है। 
@up_tet
प्रश्‍न 8- भाषा के शुद्ध रूप का ज्ञान किससे होता है। 
उत्‍तर - व्याकरण से होता है। 

प्रश्‍न 9- विशेषण जिस शब्द की विशेषता बताते है, उसे क्या कहते है। 
उत्‍तर - विशेष्ये । 

प्रश्‍न 10- हिन्दी में लिंग का निर्धारण किस से होता है। 
उत्‍तर - संज्ञा से । 

प्रश्‍न 11- क्रिया का मूल रूप क्या् कहलाता है। 
उत्‍तर - धातु । 

प्रश्‍न 12- सर्वनाम के साथ प्रयुक्त होने वाली विभक्तियॉं होती है। 
उत्‍तर - संश्लिष्ट । 

प्रश्‍न 13- हिन्दी में कारक चिन्ह कितने होते है। 
उत्‍तर - 8 होते है। 
जबकि संस्कृत भाषा में कारक चिन्ह 7 होते है। 

प्रश्‍न 14- संज्ञा कितने प्रकार की होती है। 
उत्‍तर - संज्ञा 5 प्रकार की होती है। 
1. व्यवक्ति वाचक संज्ञा 
2. जाति वाचक संज्ञा 
3. भाव वाचक संज्ञा 
4. समूह वाचक संज्ञा 
5. द्वव्या वाचक संज्ञा 

प्रश्‍न 15- वे शब्द‍ जो विशेषण की भी विशेषता बतलाते है। उन्हे क्या कहते है। 
उत्‍तर - प्रविशेषण । 

प्रश्‍न 16- सर्वनाम किसे कहते है। 
उत्‍तर - सर्वनाम वे शब्द कहलाते है। जो संज्ञा के स्थान पर प्रयोग मे लाये जाते है। 
जैसे – यह , वह , वे , उनका , इनका , इन्हे आदि 

प्रश्‍न 17- सर्वनाम के कितने भेद होते है। 
उत्‍तर - सर्वनाम के 6 भेद होते है। 
1. पुरूषवाचक सर्वनाम 
2. निश्चवयवाचक सर्वनाम 
3. अनिश्चायवाचक सर्वनाम 
4. प्रश्नावाचक सर्वनाम 
5. संबंधवाचक सर्वनाम 
6. निजवाचक सर्वनाम 

प्रश्‍न 18- क्रिया किसे कहते है। 
उत्‍तर - जिस शब्द – से किसी काम के करने या होने का बोध हो उसे क्रिया कहते है। 
जैसे – खाना , हँसना , रोना , बैठना आदि 

प्रश्‍न 19- क्रिया मुख्य रूप से कितने प्रकार की होती है। 
उत्‍तर - मुख्य रूप से क्रिया 2 प्रकार की होती है।
1. अकर्मक क्रिया 
2. सकर्मक क्रिया 

प्रश्‍न 20- काल कितने प्रकार के होते है। 
उत्‍तर - काल 3 प्रकार के होते है। 
1. वर्तमान काल 
2. भूतकाल 
3. भविष्य काल 

प्रश्‍न 21- 'श' व्‍यंजन का उच्‍चारण स्‍थान कौन सा है। 
उत्‍तर - तालु । 

प्रश्‍न 22- 'व' वर्ण का उच्‍चारण स्‍थान कौन सा है । 
उत्‍तर - दन्‍त + ओष्‍ठ । 

प्रश्‍न 23- 'ड.' का उच्‍चारण स्‍थान क्‍या है। 
उत्‍तर - कण्‍ठ । 

प्रश्‍न 24- 'क' वर्ण उच्‍चारण की दृष्टि से क्‍या है। 
उत्‍तर - कंठ्य । 

प्रश्‍न 25- वर्ग के द्वितीय व चतुर्थ व्‍यंजन क्‍या कहलाते है। 
उत्‍तर - महाप्राण । 

प्रश्‍न 26- 'ए' और 'ऐ' का उच्‍चारण स्‍थान है।
उत्‍तर - कंठतालु । 

प्रश्‍न 27- 'घ' का उच्‍चारण स्‍थान क्‍या है। 
उत्‍तर - कंठ । 

प्रश्‍न 28- वर्ण के प्रथम, तृतीय व पंचम वर्ण क्‍या कहलाते है। 
उत्‍तर - अल्‍पप्राण । 

प्रश्‍न 29- मात्रा के आधार पर हिन्‍दी स्‍वरों के दो भेद कौन से है। 
उत्‍तर - हस्‍व और दीर्घ । 
प्रश्‍न 30- सर्वनाम के साथ प्रयुक्‍त्‍ा होने वाली विभक्तियॉ होती है । 
उत्‍तर - संश्लिष्‍ट । 

प्रश्‍न 31- 'शिक्षक विद्यार्थी को हिन्‍दी पढ़ाते है। वाक्‍य में क्रिया के किस रूप का प्रयोग हुआ है। 
उत्‍तर - द्विकर्मक क्रिया । 

प्रश्‍न 32- 'मुझे' किस प्रकार का सर्वनाम है। 
उत्‍तर - उत्‍तम पुरूष । 

प्रश्‍न 33- मानव शब्‍द का विशेषण बनेगा । 
उत्‍तर - मानवीय । 

प्रश्‍न 34- चिडि़या आकाश में उड़ रही है। उस वाक्‍य में उड़ रही क्रिया किस प्रकार की है। 
उत्‍तर - अकर्मक । 

प्रश्‍न 35- पशु शब्‍द का विशेषण है। 
उत्‍तर - पाशविक । 

प्रश्‍न 36- नेत्री शब्‍द का पुल्लिंग रूप है। 
उत्‍तर - नेता । 

प्रश्‍न 37- उत्‍कर्ष का विशेषण क्‍या होगा । 
उत्‍तर - उत्‍कृष्‍ट । 

प्रश्‍न 38- काम का तत्‍सम रूप है। 
उत्‍तर - कर्म । 

प्रश्‍न 39- दूध का तत्‍सम रूप क्‍या है। 
उत्‍तर - दुग्‍ध । 

प्रश्‍न 40- प वर्ग का उच्‍चारण मुँह के किस भाग से होता है। 
उत्‍तर - ओष्‍ठ । 

प्रश्‍न 41- च, छ, ज, झ व्‍यंजन के उच्‍चारण को मुखांगो के व्‍यवहार के आधार पर क्‍या नाम दिया जाता है। 
उत्‍तर - तालव्‍य । 

प्रश्‍न 42- मुझे किस प्रकार का सर्वनाम है। 
उत्‍तर - उत्‍तम पुरूष सर्वनाम ।

Sᴜᴘᴇʀғᴀsᴛ Oɴᴇ Lɪɴᴇʀ

(1)"नीहार"की भूमिका किसने लिखी और इसमें कुल कितनी कविताएं है?
उत्तर:----हरिऔध जी ने लिखी 1924 से 1928 के मध्य लिखे 40 कविताओं के आंदर 47 गीत है ।

(2)"नीरजा" में कुल कितने गीत है?
उतर:---58 गीत
(3)'सांध्यगीत' में कुल कितने गीत है?
उतर:---45गीत

(4)महादेवी की किस रचना पर बारह सौ रूपये का मंगलाप्रसाद पारितोषिक पुरस्कार मिला था?और इसमें कुल कितने चित्र संकलित है?
उतर:----यामा काव्य संग्रह पर सन 1944 में 185 गीत है!

(5)'स्वानुभूतिमूलक करुणा का मार्मिक कवि' किसे कहा जाता है?
उतर:--- जनार्दन प्रसाद झा द्विज को लक्ष्मीनारायण सुधांशु ने कहा

(6)रामकुमार वर्मा को "चित्ररेखा" काव्यसंग्रह पर कौन सा पुरस्कार मिला था?
उतर:---देव
(7)डा नगेन्द्र के प्रथम और द्वितीय काव्य संग्रह का क्या नाम है?
उतर:---वनबाला, छंदमयी

(8)रामनरेश त्रिपाठी ने किस कवि की तुलना अकबर इलाहाबादी से की थी?
उतर:--- बेढब बनारसी की तुलना

(9)अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' की किस रचना को "हरिऔध का बुढभस" कहा जाता है?
उतर:--- रस कलश (वैंकटेश नारायण तिवारी ने इस विषयक सरस्वती में आलेख प्रकाशित करवाये)

(10)रामचंद्र शुक्ल रचित "बुद्धचरित" (यह एडविन आर्नाल्ड की कृति 'लाइट आव एशिया' का ब्रजभाषा में पद्यात्मक अनुवाद है)में कुल कितने सर्ग है?
उतर:---- 8 सर्ग
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उपन्यास स्पेशल तथ्य ।।

1.रांगेय राघव ने अपने किस उपन्यास में राष्ट्रीय विभाजन के फलस्वरुप सिंधु घाटी की भूमि में आए बदलाव का चित्रण किया है----- मुर्दों का टीला

2. किस उपन्यासकार ने बुंदेलखंड की ऐतिहासिक सामाजिक पृष्ठभूमि को आधार बनाकर उपन्यास लिखे--- वृंदावनलाल वर्मा

3. राही मासूम रजा कृत कौन सा उपन्यास देश में इमरजेंसी के दुखद और भयावह दौर पर केंद्रित है--- कटरा बी आरज़ू

4. पत्रात्मक शैली में लिखा गया हिंदी का पहला उपन्यास है-- चंद हसीनों के खतूत

5. नटो की जिंदगी को उजागर करने वाला रांगेय राघव का आंचलिक उपन्यास है ---कब तक पुकारूं

6. डॉक्टर हजारी प्रसाद द्विवेदी ने हिंदी का प्रथम उपन्यास किसे माना है---- भारतेंदु के 'पूर्ण प्रकाश और चंद्र प्रभा' को

7. राही मासूम रजा कृत उपन्यास आधा गांव में गाजीपुर जिले के किस गांव के मुसलमानों की कथा है--- गंगोली गाँव

8. 'अनामदास का पोथा' किस उपनिषद की कथा पर आधारित है--- छांदोग्य उपनिषद

9. भीष्म साहनी कृत तमस उपन्यास है---- विभाजन के समय सांप्रदायिक दंगों को लेकर लिखा गया उपन्यास

10.. जालपा और रतन प्रेमचन्द कृत किस उपन्यास के पात्र है-- गबन
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हिंदी साहित्य वस्तुनिष्ठ प्रश्न ।।

।1. ‘भाषा -भूषण’ के रचयिता कौन हैं –
अ देव।                      ब  ग्वाल।
स जसवंत   ✔          द मतिराम

2 “अमिय हलाहल  रस भरे स्वाम स्वेत रतनार” यह पंक्ति किस कवि की हैं
अ बिहारी                  ब  रसलीन  ✔
स मतिराम                 द पदमाकर

3 कौनसा ग्रन्थ कवि भूषण रचित नहीं है?
अ छत्र प्रकाश ✔             ब  छत्रसाल
स शिवा बावनी                  द  शिवराज भूषन

4 छत्र प्रकाश किस की रचना है
अ ग्वाल                         ब सेनापति
स  लाल कवि ✔           द पदमाकर

-5 ‘फीको पै नीको लगै ,कहिये समय बिचारि ‘ पंक्ति किस कवि की है
अ वृन्द कवि  ✔           ब ग्वाल
स बिहारी                      द आलम

6 “जन्म ग्वालियर जानिए मथुरा बसि ससुराल” पंक्ति किस कवि की हैं
अ बिहारी  ✔             ब  केशव
स  घनानन्द                  द पदमाकर

7 जयपुर  नरेश प्रताप सिंह के दरबार मे रहने का  श्रये किस कवि को मिला
अ बिहारी               ब  पदमाकर ✔
स  सेनापति            द मतिराम

8 ‘भानु दत्त ‘की ‘रसमंजरी’ के आधार पर रीति आचार्यो ने किस प्रकार के ग्रन्थों की रचना की
अ अंलकार ग्रन्थ           ब  रस निरूपक    
स नायिका भेद ✔       द सर्वांग निरूपक

9 रीति काल का कवि नही हैं
अ याकूब             ब  रसखान ✔
स  दूलह               द  बेनी कवि

10′ इत आवति चलि जात उत चली छ: सातक हाथ’  पंक्ति किस कवि की है *
अ घनानंद            ब बिहारी ✔
स  देव                  द सेनापति

11 भूषण का कौनसा ग्रन्थ इनमें रीति ग्रन्थ है
अ शिवराज भूषण ✔      ब छत्रसाल दशक
स शिवा बवानी                 द सभी

12 शिवराज भूषण में अंलकारों की संख्या कितनी ह?
अ 100     ब 200      स 105  ✔       द 210

13 बिहारी सतसई पर किसका प्रभाव नही है
अ गीत गोविंद ✔             ब अमरुक शतक
स  गाथा सप्तशती              द आर्या सप्तसती

14सुजान चरित के रचयिता का नाम है
अ भूषण               ब सूदन ✔
स घनानन्द            द आलम

15 घनानंद को अमर करने वाली रचना है
अ सुजान चरित          ब सुजान सागर ✔
स कवित संग्रह            द सुजान संग्रह

16 वृत कौमुदी के रचनाकार कौन है
अ पदमाकर            ब ग्वाल कवि
स देव                      द मतिराम ✔

17तुलसी भूषण नामक ग्रन्थ के रचनाकार है
अ तुलसीदास           ब रसरूप ✔
स केशव                   द भूषण

18 व्यग्यार्थ कौमुदी किस की रचना है
अ जसवंत              ब प्रताप ✔
स मतिराम               द  भूषण

19  यमुना लहरी  के रचनाकार  कौन है
अ रसिक गोविंद         ब ग्वाल कवि ✔
स पदमाकर                द  बेनी प्रवीण

20 सैयद गुलाम नवी किस कवि का नाम है
अ आलम              ब वृन्द
स रसलीन ✔        द शेखनवी

प्रसाद युग के नाटककारों का सही क्रम ..

      प्रसाद युग
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(1900 – 1930 ई०)

● रामचरित उपाध्याय(1872 – 1938 ई०)
● मुंशी प्रेमचंद (1880 – 1936 ई०)
● गोबिंदवल्लभ पंत (1887 – 1961 ई०)
● जयशंकर प्रसाद 1889 – 1937 ई०
● माखनलाल चतुर्वेदी 1889 – 1968 ई०
● वृन्दावन लाल वर्मा 1889 – 1969 ई०
● गंगाप्रसाद श्रीवास्तव 1889 – 1976 ई०
● सियारामशरण गुप्त 1895 – 1963 ई०
● बदरीनाथ भट्ट (सुदर्शन) 1896 – 1967 ई
● सेठगोविंद दास 1896 – 1974 ई०
● पांडेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ 1900 – 1967 ई०
● लक्षमीनारायण मिश्र 1903 – 1967 ई०
● जगन्नाथ प्रसाद ‘मिलिंद’ 1907 – 1987 ई०
● हरिकृष्ण प्रेमी (1908 – 1974 ई०)
● उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’ (1910 – 1996 ई०)

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हिन्दी साहित्य प्रश्नोत्तरी ।।

• सुधीश पचौरी की प्रमुख रचनाओं के नाम बताइए - नई कविता का वैचारिक आधार, कविता का अंत, दूरदर्शन की भूमिका, उत्तर आधुनिकता और उत्तर संरचनावाद, नव साम्राज्यवाद और संस्कृति, नामवर के विमर्श, दूरदर्शन विकास से बाजार तक, देरिदा का विखंडन और साहित्य, अशोक बाजपेई का पाठ:कुपाठ

• हिंदी साहित्य में प्रयोगवादी पांच कवियों के नाम बताइए - मुक्तिबोध, शमशेर बहादुर सिंह, नेमिचंद्र जैन, नलिन विलोचन शर्मा,  केसरी कुमार

• ‘नालासोपारा पोस्ट बॉक्स नंबर 203’ किसका उपन्यास है - चित्रा मुद्गल

• मोहन राकेश का जन्म कब और कहां हुआ था - 8 जनवरी 1925, झंडी वाली गली, अमृतसर पंजाब

• मोहन राकेश की मृत्यु कब हुई - 3 दिसंबर 1972, दिल्ली

• ‘पुनश्च’ किसकी पत्रों का संकलन है - अश्क दंपति के
‘काले काले बादल छाए, आय न वीर जवाहर लाल’ निराला की कविता किसके विरोध में लिखी गई थी -  नेहरु 

• रीतिकालीन कवियों का प्रिय छंद माना जाता है - कवित्त और सवैया छंद

• गांधी के विरोध में निराला ने किस शीर्षक से कविता लिखी - ‘बापू तुम मुर्गी खाते यदि’

• नंदकिशोर नवल द्वारा संपादित ‘निराला रचनावली’ कुल कितने खंडों में है - 8 खंड

• हिंदी में गेय पदों की परंपरा की शुरुआत किस से मानी जाती है - सिद्धों से

• ‘कलि कुटिल जीव निस्तार हित तुलसी बाल्मीकि अवतार धरि’ पंक्ति किसकी है - नाभादास की

• रामानंद के 12 शिष्यों का जो वर्णन ‘भक्तमाल’ में मिलता है, उनके नाम क्रमशः हैं - अनंतानंद, नर्हायानंद, कबीर, रैदास, सुखानंद, भावानंद, सेना, पद्मावती, सुरसुरानंद, सुरसुरी, धन्ना, पीपा

• तुलसीदास प्रमुख रचनाएं और उनकी शैली -  रामचरितमानस-दोहा चौपाई शैली, विनय पत्रिका-गीति शैली, गीतावली-कवित्त सवैया शैली, कवितावली-पद शैली, दोहावली-दोहा शैली, बरवै रामायण-बरवै शैली

• पुष्टिमार्ग के संस्थापक माने जाते हैं - वल्लभाचार्य

• ‘प्रवाह जीव’ किसे कहते हैं - प्रवाह जीव से क्या आशय है वह जीव जो सांसारिक प्रवाह में पड़े रहते हैं.

• ‘मर्यादा जीव’ किसे कहते हैं - मर्यादा से आशय है वह जीव जो विधि निषेध हो का पालन करते हैं.

• ‘पुष्टिजीव’ किसे कहते हैं - वह जीव जो भगवान का अनुग्रह प्राप्त कर लेते हैं और कृष्ण की नित्य लीला का |

Hindi Sahitya Prashnottari

आज के टॉप 25 प्रश्नोतर ।।

Q.1हिन्दी कहानी का उद्भव किस युग से माना जाता है 
(अ) भारतेंदु युग        (ब)द्विवेदी युग 
(स)शुक्ल युग           (द)शुक्लोत्तर युग

Q.2दामुल का कैदी कहानी के लेखक हैं ?
(अ)यशपाल            (ब)प्रेमचन्द 
(स)जयशंकर प्रसाद       (द)धर्मवीर भारती

Q.3पत्नी कहानी के लेखक हैं?
(अ)भीष्म साहनी     (ब)इला चन्द्र जोशी 
(स)जैनेंद्र               (द)सुदर्शन

Q.4हिन्दी का कौन सा कहानीकार 'नवाबराय' के नाम से उर्दू में लिखता था?
(अ) प्रेमचंद                 (ब) प्रसाद 
(स) जवालादत्त शर्मा       (द) कौशिक 

Q.5 'पूस की रात' कहानी किस वर्ग में आएगी?
(अ) यथार्थवादी        (ब) आदर्शवादी
(स) चरित्र प्रधान         (द) घटना प्रधान

Q.6अरुण और मधुलिका किस कहानी के पात्र है?
(अ) मन्त्र           (ब) पञ्च परमेश्वर
(स) ममता          (द)पुरस्कार✓

Q.7 किस कहानीकार की कहानियां मनोविज्ञान की दृष्टि से 'केस हिस्ट्री' सी प्रतीत होती है?
(अ) जैनेन्द्र            (ब)अज्ञेय
(स) यशपाल         (द) इलाचंद्र जोशी✓ 

Q.8'यही सच है' कहानी की लेखिका कौन है?
(अ)मन्नू भंडारी ✓          (ब) उषा प्रियंवदा
(स) ममता कालिया       (द) रजनी पनिकर

Q.9 'रहिमन धागा प्रेम का ' किस प्रसिद्ध कथा लेखिका का कहानी संकलन है?
(अ)उषा प्रियंवदा      (बी) मन्नू भंडारी
(स) कृष्णा सोवती      (द) मालती जोशी✓

Q.10 कौन-सा कहानी संकलन प्रेमचंद का है?
(अ)प्रेम तीर्थ ✓         (ब) प्रेम मलिका
(स) प्रेम पीयूष       (द) प्रेम सागर

Q.11 प्रेमचंद की पहली हिंदी कहानी कौन सी है ?
(अ) बूढी काकी              (ब) मन्त्र
(स) ठाकुर का कुआँ    (द) पंच परमेश्वर✓

Q.12 इंदुमती का प्रकाशन पहली बार सरस्वती पत्रिका में कब हुआ था ?
(अ)1900✓        (ब) 1902 
(स)1910             (द) 1903

Q.13 हिंदी कहानी का विकास कब से माना जाता है?
अ) 1850         ब) 1880
स) 1890         द) 1900✓

Q.14 कहानी पत्रिका का प्रकाशन कब हुआ था?
अ) 1950          ब) 1955✓
स) 1960           द) 1975

Q.15 पांडेय बेचन शर्मा उग्र की कहानियों को घासलेटी साहित्य किसने कहा है?
क) बनारसीदास चतुर्वेदी✓    ख) शशिप्रभा शास्त्री 
ग ) महीप सिंह          घ) गंगा प्रसाद विमल

Q.16 मन की चंचलता कहानी है?
क). किशोरीलाल गोस्वामी    ख). गिरिजादत्त वाजपेयी
ग). रामचंद्र शुक्ल     घ).माधवप्रसाद मिश्र ✓

Q.17 प्रकाशन वर्ष के अनुसार निम्नलिखित कहानी संग्रहों का सही अनुक्रम बताएँ–
(क) शरणार्थी, परिन्दे, कॉमरेड का कोट, डायन ✓
(ख) डायन, कॉमरेड का कोट, परिन्दे, शरणार्थी 
(ग) परिन्दे, शरणार्थी, डायन, कॉमरेड का कोट 
(घ) कॉमरेड का कोट, डायन, शरणार्थी, परिन्दे 

Q.18 चित्र मंदिर कहानी के लेखक कौन हैं?
क) प्रेम चंद्र      ख) जय शंकर प्रसाद✓
ग) राधिका रमन सिंह      घ) यशपाल

Q.19 मोहन राकेश द्वारा रचित कहानी संग्रह है?
अ. देवताओ की मुर्तिया    ब. फौलाद का आकाश✓
स. कब्बे और कालापानी    द. छुट्टियों के बाद

Q.20 हिन्दी कहानी विकास के कितने चरण है ?
(अ) 2       (ब) 6✓     (स) 10     (द) 3

Q.21 पोस्टकार्ड कहानी के लेखक हैं?
अ) धनंजय              ब) मार्कण्डेय
स) निर्मल वर्मा ✓       द) कमलेश्वर

Q.22 अस्तित्ववादी कथा धारा की प्रसिद्ध कहानियां "पिंजरा" और "काले साहब" किसने लिखी हैं?
क. अज्ञेय         ख. निर्मल वर्मा
ग. अश्क ✓      घ. उदय प्रकाश

Q.23 कौशिक जी का पूरा नाम क्या है?
अ) विश्वम्भरनाथ शर्मा✓      ब) निर्मल वर्मा 
स) द्विजेन्द्र मिश्र        द) अखिलेश

Q.24 "अनाख्या" किसका कहानी संग्रह है ?
अ) शिवपूजन सहाय       ब) रायकृष्णदास✓
स) राधिकारमण प्रसाद    द) चतुरसेन शास्त्री

Q.25 हिंदी कहानी का उद्भव किस युग से माना जाता है ?
अ भारतेंदु युग        ब द्विवेदी युग✓
स छायावादी युग      द प्रगतिवादी युग
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हिंदी साहित्य : समास ।।

📝 समास का तात्पर्य होता है – संछिप्तीकरण। इसका शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप। अथार्त जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो जहाँ पर कम-से-कम शब्दों में अधिक से अधिक अर्थ को प्रकट किया जाए वह समास कहलाता है।

संस्कृत, जर्मन तथा बहुत सी भारतीय भाषाओँ में समास का बहुत प्रयोग किया जाता है। समास रचना में दो पद होते हैं, पहले पद को ‘पूर्वपद’ कहा जाता है और दूसरे पद को ‘उत्तरपद’ कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो समस्त पद कहलाता है।
जैसे :-
• रसोई के लिए घर = रसोईघर
• हाथ के लिए कड़ी = हथकड़ी
• नील और कमल = नीलकमल
• राजा का पुत्र = राजपुत्र ।

सामासिक शब्द क्या होता है :- समास के नियमों से निर्मित शब्द सामासिक शब्द कहलाता है। इसे समस्तपद भी कहा जाता है। समास होने के बाद विभक्तियों के चिन्ह गायब हो जाते हैं।
जैसे :- राजपुत्र |

👉समास विग्रह  :
सामासिक शब्दों के बीच के सम्बन्ध को स्पष्ट करने को समास – विग्रह कहते हैं। विग्रह के बाद सामासिक शब्द गायब हो जाते हैं अथार्त जब समस्त पद के सभी पद अलग – अलग किय जाते हैं उसे समास-विग्रह कहते हैं।
जैसे :- माता-पिता = माता और पिता।

👉 समास और संधि में अंतर :-
संधि का शाब्दिक अर्थ होता है मेल। संधि में उच्चारण के नियमों का विशेष महत्व होता है। इसमें दो वर्ण होते हैं इसमें कहीं पर एक तो कहीं पर दोनों वर्णों में परिवर्तन हो जाता है और कहीं पर तीसरा वर्ण भी आ जाता है। संधि किये हुए शब्दों को तोड़ने की क्रिया विच्छेद कहलाती है। संधि में जिन शब्दों का योग होता है उनका मूल अर्थ नहीं बदलता।
जैसे – पुस्तक+आलय = पुस्तकालय।

समास का शाब्दिक अर्थ होता है संक्षेप। समास में वर्णों के स्थान पर पद का महत्व होता है। इसमें दो या दो से अधिक पद मिलकर एक समस्त पद बनाते हैं और इनके बीच से विभक्तियों का लोप हो जाता है। समस्त पदों को तोडने की प्रक्रिया को विग्रह कहा जाता है। समास में बने हुए शब्दों के मूल अर्थ को परिवर्तित किया भी जा सकता है और परिवर्तित नहीं भी किया जा सकता है।
जैसे :- विषधर = विष को धारण करने वाला अथार्त शिव।

◆ उपमान क्या होता है :- जिससे किसी की उपमा दी जाती है उसे उपमान कहती हैं।

◆ उपमेय क्या होता है :- जिसकी उपमा दी जाती है उसे उपमेय कहते हैं।

✅ समास के भेद :
1. अव्ययीभाव समास
2. तत्पुरुष समास
3. कर्मधारय समास
4. द्विगु समास
5. द्वंद्व समास
6. बहुब्रीहि समास

✅ प्रयोग की दृष्टि से समास के भेद :-
1. संयोगमूलक समास
2. आश्रयमूलक समास
3. वर्णनमूलक समास

1. अव्ययीभाव समास क्या होता है :- इसमें प्रथम पद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। इसमें अव्यय पद का प्रारूप लिंग, वचन, कारक, में नहीं बदलता है वो हमेशा एक जैसा रहता है।
दूसरे शब्दों में कहा जाये तो यदि एक शब्द की पुनरावृत्ति हो और दोनों शब्द मिलकर अव्यय की तरह प्रयोग हों वहाँ पर अव्ययीभाव समास होता है संस्कृत में उपसर्ग युक्त पद भी अव्ययीभाव समास ही माने जाते हैं।
जैसे :-
• यथाशक्ति = शक्ति के अनुसार
• यथाक्रम = क्रम के अनुसार
• यथानियम = नियम के अनुसार
• प्रतिदिन = प्रत्येक दिन
• प्रतिवर्ष =हर वर्ष
• आजन्म = जन्म से लेकर
• यथासाध्य = जितना साधा जा सके
• धडाधड = धड-धड की आवाज के साथ
• घर-घर = प्रत्येक घर
• रातों रात = रात ही रात में
• आमरण = म्रत्यु तक
• यथाकाम = इच्छानुसार
• यथास्थान = स्थान के अनुसार
• अभूतपूर्व = जो पहले नहीं हुआ
• निर्भय = बिना भय के
• निर्विवाद = बिना विवाद के
• निर्विकार = बिना विकार के
• प्रतिपल = हर पल
• अनुकूल = मन के अनुसार
• अनुरूप = रूप के अनुसार
• यथासमय = समय के अनुसार
• यथाशीघ्र = शीघ्रता से
• अकारण = बिना कारण के
• यथासामर्थ्य = सामर्थ्य के अनुसार
• यथाविधि = विधि के अनुसार
• भरपेट = पेट भरकर
• हाथोंहाथ = हाथ ही हाथ में
• बेशक = शक के बिना
• खुबसूरत = अच्छी सूरत वाली

2. तत्पुरुष समास के भेद :- वैसे तो तत्पुरुष समास के 8 भेद होते हैं किन्तु विग्रह करने की वजह से कर्ता और सम्बोधन दो भेदों को लुप्त रखा गया है। इसलिए विभक्तियों के अनुसार तत्पुरुष समास के 6 भेद होते हैं :-
1. कर्म तत्पुरुष समास
2. करण तत्पुरुष समास
3. सम्प्रदान तत्पुरुष समास
4. अपादान तत्पुरुष समास
5. सम्बन्ध तत्पुरुष समास
6. अधिकरण तत्पुरुष समास

1. कर्म तत्पुरुष समास क्या होता है :- इसमें दो पदों के बीच में कर्मकारक छिपा हुआ होता है। कर्मकारक का चिन्ह ‘को’ होता है। ‘को’ को कर्मकारक की विभक्ति भी कहा जाता है। उसे कर्म तत्पुरुष समास कहते हैं।

जैसे :-
• रथचालक = रथ को चलने वाला
• ग्रामगत = ग्राम को गया हुआ
• माखनचोर =माखन को चुराने वाला
• वनगमन =वन को गमन
• मुंहतोड़ = मुंह को तोड़ने वाला
• स्वर्गप्राप्त = स्वर्ग को प्राप्त
• देशगत = देश को गया हुआ
• जनप्रिय = जन को प्रिय
• मरणासन्न = मरण को आसन्न
• गिरहकट = गिरह को काटने वाला
• कुंभकार = कुंभ को बनाने वाला
• गृहागत = गृह को आगत
• कठफोड़वा = कांठ को फोड़ने वाला
• शत्रुघ्न = शत्रु को मारने वाला
• गिरिधर = गिरी को धारण करने वाला
• मनोहर = मन को हरने वाला
• यशप्राप्त = यश को प्राप्त

2. करण तत्पुरुष समास क्या होता है :- जहाँ पर पहले पद में करण कारक का बोध होता है। इसमें दो पदों के बीच करण कारक छिपा होता है। करण कारक का चिन्ह या विभक्ति ‘के द्वारा’ और ‘से’ होता है। उसे करण तत्पुरुष कहते हैं।
जैसे :-
• स्वरचित = स्व द्वारा रचित
• मनचाहा = मन से चाहा
• शोकग्रस्त = शोक से ग्रस्त
• भुखमरी = भूख से मरी
• धनहीन = धन से हीन
• बाणाहत = बाण से आहत
• ज्वरग्रस्त = ज्वर से ग्रस्त
• मदांध = मद से अँधा
• रसभरा = रस से भरा
• आचारकुशल = आचार से कुशल
• भयाकुल = भय से आकुल
• आँखोंदेखी = आँखों से देखी
• तुलसीकृत = तुलसी द्वारा रचित
• रोगातुर = रोग से आतुर
• पर्णकुटीर = पर्ण से बनी कुटीर
• कर्मवीर = कर्म से वीर
• रक्तरंजित = रक्त से रंजित
• जलाभिषेक = जल से अभिषेक
• रोगग्रस्त = रोग से ग्रस्त
• गुणयुक्त = गुणों से युक्त
• अंधकारयुक्त = अंधकार से युक्त

3. सम्प्रदान तत्पुरुष समास क्या होता है :- इसमें दो पदों के बीच सम्प्रदान कारक छिपा होता है। सम्प्रदान कारक का चिन्ह या विभक्ति ‘के लिए’ होती है। उसे सम्प्रदान तत्पुरुष समास कहते हैं।
जैसे :-
• विद्यालय = विद्या के लिए आलय
• रसोईघर = रसोई के लिए घर
• सभाभवन = सभा के लिए भवन
• विश्रामगृह = विश्राम के लिए गृह
• गुरुदक्षिणा = गुरु के लिए दक्षिणा
• प्रयोगशाला = प्रयोग के लिए शाला
• देशभक्ति = देश के लिए भक्ति
• स्नानघर = स्नान के लिए घर
• सत्यागृह = सत्य के लिए आग्रह
• यज्ञशाला = यज्ञ के लिए शाला
• डाकगाड़ी = डाक के लिए गाड़ी
• देवालय = देव के लिए आलय
• गौशाला = गौ के लिए शाला
• युद्धभूमि = युद्ध के लिए भूमि
• हथकड़ी = हाथ के लिए कड़ी
• धर्मशाला = धर्म के लिए शाला
• पुस्तकालय = पुस्तक के लिए आलय
• राहखर्च = राह के लिए खर्च
• परीक्षा भवन = परीक्षा के लिए भवन

4. अपादान तत्पुरुष समास क्या होता है :- इसमें दो पदों के बीच में अपादान कारक छिपा होता है। अपादान कारक का चिन्ह या विभक्ति ‘से अलग’ होता है। उसे अपादान तत्पुरुष समास कहते हैं।
जैसे :-
• कामचोर = काम से जी चुराने वाला
• दूरागत = दूर से आगत
• रणविमुख = रण से विमुख
• नेत्रहीन = नेत्र से हीन
• पापमुक्त = पाप से मुक्त
• देशनिकाला = देश से निकाला
• पथभ्रष्ट = पथ से भ्रष्ट
• पदच्युत = पद से च्युत
• जन्मरोगी = जन्म से रोगी
• रोगमुक्त = रोग से मुक्त
• जन्मांध = जन्म से अँधा
• कर्महीन = कर्म से हीन
• वनरहित = वन से रहित
• अन्नहीन = अन्न से हीन
• जलहीन = जल से हीन
• गुणहीन = गुण से हीन
• फलहीन = फल से हीन
• भयभीत = भय से डरा हुआ

5. सम्बन्ध तत्पुरुष समास क्या होता है :- इसमें दो पदों के बीच में सम्बन्ध कारक छिपा होता है। सम्बन्ध कारक के चिन्ह या विभक्ति ‘का’, ‘के’, ‘की’होती हैं। उसे सम्बन्ध तत्पुरुष समास कहते हैं।
जैसे :-
• राजपुत्र = राजा का पुत्र
• गंगाजल = गंगा का जल
• लोकतंत्र = लोक का तंत्र
• दुर्वादल = दुर्व का दल
• देवपूजा = देव की पूजा
• आमवृक्ष = आम का वृक्ष
• राजकुमारी = राज की कुमारी
• जलधारा = जल की धारा
• राजनीति = राजा की नीति
• सुखयोग = सुख का योग
• मूर्तिपूजा = मूर्ति की पूजा
• श्रधकण = श्रधा के कण
• शिवालय = शिव का आलय
• देशरक्षा = देश की रक्षा
• सीमारेखा = सीमा की रेखा
• जलयान = जल का यान
• कार्यकर्ता = कार्य का करता
• सेनापति = सेना का पति
• कन्यादान = कन्या का दान
• गृहस्वामी = गृह का स्वामी
• पराधीन – पर के अधीन
• आनंदाश्रम = आनन्द का आश्रम
• राजाज्ञा = राजा की आज्ञा

6. अधिकरण तत्पुरुष समास क्या होता है :- इसमें दो पदों के बीच अधिकरण कारक छिपा होता है। अधिकरण कारक का चिन्ह या विभक्ति ‘में’, ‘पर’ होता है। उसे अधिकरण तत्पुरुष समास कहते हैं।
जैसे :-
• कार्य कुशल = कार्य में कुशल
• वनवास = वन में वास
• ईस्वरभक्ति = ईस्वर में भक्ति
• आत्मविश्वास = आत्मा पर विश्वास
• दीनदयाल = दीनों पर दयाल
• दानवीर = दान देने में वीर
• आचारनिपुण = आचार में निपुण

• जलमग्न = जल में मग्न
• सिरदर्द = सिर में दर्द
• क्लाकुशल = कला में कुशल
• शरणागत = शरण में आगत
• आनन्दमग्न = आनन्द में मग्न
• आपबीती = आप पर बीती
• नगरवास = नगर में वास
• रणधीर = रण में धीर
• क्षणभंगुर = क्षण में भंगुर
• पुरुषोत्तम = पुरुषों में उत्तम
• लोकप्रिय = लोक में प्रिय
• गृहप्रवेश = गृह में प्रवेश
• युधिष्ठिर = युद्ध में स्थिर
• शोकमग्न = शोक में मग्न
• धर्मवीर = धर्म में वीर

👉 तत्पुरुष समास के प्रकार :-
1. नञ तत्पुरुष समास
1. नञ तत्पुरुष समास क्या होता है :- इसमें पहला पद निषेधात्मक होता है उसे नञ तत्पुरुष समास कहते हैं।
जैसे :-
• असभ्य = न सभ्य
• अनादि = न आदि
• असंभव = न संभव
• अनंत = न अंत

3. कर्मधारय समास क्या होता है :- इस समास का उत्तर पद प्रधान होता है। इस समास में विशेषण-विशेष्य और उपमेय-उपमान से मिलकर बनते हैं उसे कर्मधारय समास कहते हैं।
जैसे :-
• चरणकमल = कमल के समान चरण
• नीलगगन = नीला है जो गगन
• चन्द्रमुख = चन्द्र जैसा मुख
• पीताम्बर = पीत है जो अम्बर
• महात्मा = महान है जो आत्मा
• लालमणि = लाल है जो मणि
• महादेव = महान है जो देव
• देहलता = देह रूपी लता
• नवयुवक = नव है जो युवक
• अधमरा = आधा है जो मरा
• प्राणप्रिय = प्राणों से प्रिय
• श्यामसुंदर = श्याम जो सुंदर है
• नीलकंठ = नीला है जो कंठ
• महापुरुष = महान है जो पुरुष
• नरसिंह = नर में सिंह के समान
• कनकलता = कनक की सी लता
• नीलकमल = नीला है जो कमल
• परमानन्द = परम है जो आनंद
• सज्जन = सत् है जो जन
• कमलनयन = कमल के समान नयन

👉 कर्मधारय समास के भेद :-
1. विशेषणपूर्वपद कर्मधारय समास
2. विशेष्यपूर्वपद कर्मधारय समास
3. विशेषणोंभयपद कर्मधारय समास
4. विशेष्योभयपद कर्मधारय समास

1. विशेषणपूर्वपद कर्मधारय समास :- जहाँ पर पहला पद प्रधान होता है वहाँ पर विशेषणपूर्वपद कर्मधारय समास होता है।
जैसे :-
• नीलीगाय = नीलगाय
• पीत अम्बर = पीताम्बर
• प्रिय सखा = प्रियसखा

2. विशेष्यपूर्वपद कर्मधारय समास :- इसमें पहला पद विशेष्य होता है और इस प्रकार के सामासिक पद ज्यादातर संस्कृत में मिलते हैं।
जैसे :- कुमारी श्रमणा = कुमारश्रमणा
3. विशेषणोंभयपद कर्मधारय समास :- इसमें दोनों पद विशेषण होते हैं।
जैसे :- नील – पीत, सुनी – अनसुनी, कहनी – अनकहनी
4. विशेष्योभयपद कर्मधारय समास :- इसमें दोनों पद विशेष्य होते है।
जैसे :- आमगाछ, वायस-दम्पति।

☑️ कर्मधारय समास के उपभेद :-
1. उपमानकर्मधारय समास
2. उपमितकर्मधारय समास
3. रूपककर्मधारय समास

1. उपमानकर्मधारय समास :- इसमें उपमानवाचक पद का उपमेयवाचक पद के साथ समास होता है। इस समास में दोनों शब्दों के बीच से ‘इव’ या ‘जैसा’ अव्यय का लोप हो जाता है और दोनों पद, चूँकि एक ही कर्ता विभक्ति, वचन और लिंग के होते हैं, इसलिए समस्त पद कर्मधारय लक्ष्ण का होता है। उसे उपमानकर्मधारय समास कहते हैं।
जैसे :- विद्युत् जैसी चंचला = विद्युचंचला

2. उपमितकर्मधारय समास :- यह समास उपमानकर्मधारय का उल्टा होता है। इस समास में उपमेय पहला पद होता है और उपमान दूसरा पद होता है। उसे उपमितकर्मधारय समास कहते हैं।
जैसे :- अधरपल्लव के समान = अधर – पल्लव, नर सिंह के समान = नरसिंह।

3. रूपककर्मधारय समास :- जहाँ पर एक का दूसरे पर आरोप होता है वहाँ पर रूपककर्मधारय समास होता है।
जैसे :- मुख ही है चन्द्रमा = मुखचन्द्र।

4. द्विगु समास क्या होता है :- द्विगु समास में पूर्वपद संख्यावाचक होता है और कभी-कभी उत्तरपद भी संख्यावाचक होता हुआ देखा जा सकता है। इस समास में प्रयुक्त संख्या किसी समूह को दर्शाती है किसी अर्थ को नहीं। इससे समूह और समाहार का बोध होता है। उसे द्विगु समास कहते हैं।
जैसे :-
• नवग्रह = नौ ग्रहों का समूह
• दोपहर = दो पहरों का समाहार
• त्रिवेणी = तीन वेणियों का समूह
• पंचतन्त्र = पांच तंत्रों का समूह
• त्रिलोक = तीन लोकों का समाहार
• शताब्दी = सौ अब्दों का समूह
• पंसेरी = पांच सेरों का समूह
• सतसई = सात सौ पदों का समूह
• चौगुनी = चार गुनी
• त्रिभुज = तीन भुजाओं का समाहार
• चौमासा = चार मासों का समूह
• नवरात्र = नौ रात्रियों का समूह
• अठन्नी = आठ आनों का समूह
• सप्तऋषि = सात ऋषियों का समूह
• त्रिकोण = तीन कोणों का समाहार
• सप्ताह = सात दिनों का समूह
• तिरंगा = तीन रंगों का समूह
• चतुर्वेद = चार वेदों का समाहार

👉 द्विगु समास के भेद :-
1. समाहारद्विगु समास
2. उत्तरपदप्रधानद्विगु समास
1. समाहारद्विगु समास :- समाहार का मतलब होता है समुदाय, इकट्ठा होना, समेटना उसे समाहारद्विगु समास कहते हैं।
जैसे :-
• तीन लोकों का समाहार = त्रिलोक
• पाँचों वटों का समाहार = पंचवटी
• तीन भुवनों का समाहार = त्रिभुवन

2. उत्तरपदप्रधानद्विगु समास :- उत्तरपदप्रधानद्विगु समास दो प्रकार के होते हैं।
(1) बेटा या फिर उत्पत्र के अर्थ में।
जैसे :-
दो माँ का =दुमाता
दो सूतों के मेल का = दुसूती।
(2) जहाँ पर सच में उत्तरपद पर जोर दिया जाता है।
जैसे :-
पांच प्रमाण = पंचप्रमाण
पांच हत्थड = पंचहत्थड

5. द्वंद्व समास क्या होता है :- इस समास में दोनों पद ही प्रधान होते हैं इसमें किसी भी पद का गौण नहीं होता है। ये दोनों पद एक-दूसरे पद के विलोम होते हैं लेकिन ये हमेशा नहीं होता है। इसका विग्रह करने पर और, अथवा, या, एवं का प्रयोग होता है उसे द्वंद्व समास कहते हैं।
जैसे :-
• जलवायु = जल और वायु
• अपना-पराया = अपना या पराया
• पाप-पुण्य = पाप और पुण्य
• राधा-कृष्ण = राधा और कृष्ण
• अन्न-जल = अन्न और जल
• नर-नारी = नर और नारी
• गुण-दोष = गुण और दोष
• देश-विदेश = देश और विदेश
• अमीर-गरीब = अमीर और गरीब
• नदी-नाले = नदी और नाले
• धन-दौलत = धन और दौलत
• सुख-दुःख = सुख और दुःख
• आगे-पीछे = आगे और पीछे
• ऊँच-नीच = ऊँच और नीच
• आग-पानी = आग और पानी
• मार-पीट = मारपीट
• राजा-प्रजा = राजा और प्रजा
• ठंडा-गर्म = ठंडा या गर्म
• माता-पिता = माता और पिता
• दिन-रात = दिन और रात
• भाई-बहन = भाई और बहन

👉 द्वंद्व समास के भेद :-
1. इतरेतरद्वंद्व समास
2. समाहारद्वंद्व समास
3. वैकल्पिकद्वंद्व समास

1. इतरेतरद्वंद्व समास :- वो द्वंद्व जिसमें और शब्द से भी पद जुड़े होते हैं और अलग अस्तित्व रखते हों उसे इतरेतर द्वंद्व समास कहते हैं। इस समास से जो पद बनते हैं वो हमेशा बहुवचन में प्रयोग होते हैं क्योंकि वे दो या दो से अधिक पदों से मिलकर बने होते हैं।
जैसे :-
• राम और कृष्ण = राम-कृष्ण
• माँ और बाप = माँ-बाप
• अमीर और गरीब = अमीर-गरीब
• गाय और बैल = गाय-बैल
• ऋषि और मुनि = ऋषि-मुनि
• बेटा और बेटी = बेटा-बेटी

2. समाहारद्वंद्व समास :- समाहार का अर्थ होता है समूह। जब द्वंद्व समास के दोनों पद और समुच्चयबोधक से जुड़ा होने पर भी अलग-अलग अस्तिव नहीं रखकर समूह का बोध कराते हैं, तब वह समाहारद्वंद्व समास कहलाता है। इस समास में दो पदों के अलावा तीसरा पद भी छुपा होता है और अपने अर्थ का बोध अप्रत्यक्ष रूप से कराते हैं।
जैसे :-
• दालरोटी = दाल और रोटी
• हाथपॉंव = हाथ और पॉंव
• आहारनिंद्रा = आहार और निंद्रा

3. वैकल्पिक द्वंद्व समास :- इस द्वंद्व समास में दो पदों के बीच में या, अथवा आदि विकल्पसूचक अव्यय छिपे होते हैं उसे वैकल्पिक द्वंद्व समास कहते हैं। इस समास में ज्यादा से ज्यादा दो विपरीतार्थक शब्दों का योग होता है।
जैसे :-
• पाप-पुण्य = पाप या पुण्य
• भला-बुरा = भला या बुरा
• थोडा-बहुत = थोडा या बहुत

6. बहुब्रीहि समास क्या होता है :- इस समास में कोई भी पद प्रधान नहीं होता। जब दो पद मिलकर तीसरा पद बनाते हैं तब वह तीसरा पद प्रधान होता है। इसका विग्रह करने पर “वाला , है, जो, जिसका, जिसकी, जिसके, वह” आदि आते हैं वह बहुब्रीहि समास कहलाता है।
जैसे :-
• गजानन = गज का आनन है जिसका (गणेश)
• त्रिनेत्र = तीन नेत्र हैं जिसके (शिव)
• नीलकंठ = नीला है कंठ जिसका (शिव)
• लम्बोदर = लम्बा है उदर जिसका (गणेश)
• दशानन = दश हैं आनन जिसके (रावण)
• चतुर्भुज = चार भुजाओं वाला (विष्णु)
• पीताम्बर = पीले हैं वस्त्र जिसके (कृष्ण)
• चक्रधर= चक्र को धारण करने वाला (विष्णु)
• वीणापाणी = वीणा है जिसके हाथ में (सरस्वती)
• स्वेताम्बर = सफेद वस्त्रों वाली (सरस्वती)
• सुलोचना = सुंदर हैं लोचन जिसके (मेघनाद की पत्नी)
• दुरात्मा = बुरी आत्मा वाला (दुष्ट)
• घनश्याम = घन के समान है जो (श्री कृष्ण)
• मृत्युंजय = मृत्यु को जीतने वाला (शिव)
• निशाचर = निशा में विचरण करने वाला (राक्षस)
• गिरिधर = गिरी को धारण करने वाला (कृष्ण)
• पंकज = पंक में जो पैदा हुआ (कमल)
• त्रिलोचन = तीन है लोचन जिसके (शिव)
• विषधर = विष को धारण करने वाला (सर्प)

👉 बहुब्रीहि समास के भेद :-
1. समानाधिकरण बहुब्रीहि समास
2. व्यधिकरण बहुब्रीहि समास
3. तुल्ययोग बहुब्रीहि समास
4. व्यतिहार बहुब्रीहि समास
5. प्रादी बहुब्रीहि समास

1. समानाधिकरण बहुब्रीहि समास :- इसमें सभी पद कर्ता कारक की विभक्ति के होते हैं लेकिन समस्त पद के द्वारा जो अन्य उक्त होता है, वो कर्म, करण, सम्प्रदान, अपादान, सम्बन्ध, अधिकरण आदि विभक्तियों में भी उक्त हो जाता है उसे समानाधिकरण बहुब्रीहि समास कहते हैं।
जैसे :-
• प्राप्त है उदक जिसको = प्रप्तोद्क
• जीती गई इन्द्रियां हैं जिसके द्वारा = जितेंद्रियाँ
• दत्त है भोजन जिसके लिए = दत्तभोजन
• निर्गत है धन जिससे = निर्धन
• नेक है नाम जिसका = नेकनाम
• सात है खण्ड जिसमें = सतखंडा

2. व्यधिकरण बहुब्रीहि समास :- समानाधिकरण बहुब्रीहि समास में दोनों पद कर्ता कारक की विभक्ति के होते हैं लेकिन यहाँ पहला पद तो कर्ता कारक की विभक्ति का होता है लेकिन बाद वाला पद सम्बन्ध या फिर अधिकरण कारक का होता है उसे व्यधिकरण बहुब्रीहि समास कहते हैं।
जैसे :-
• शूल है पाणी में जिसके = शूलपाणी
• वीणा है पाणी में जिसके = वीणापाणी

3. तुल्ययोग बहुब्रीहि समास :- जिसमें पहला पद ‘सह’ होता है वह तुल्ययोग बहुब्रीहि समास कहलाता है। इसे सहबहुब्रीहि समास भी कहती हैं। सह का अर्थ होता है साथ और समास होने की वजह से सह के स्थान पर केवल स रह जाता है।
इस समास में इस बात पर ध्यान दिया जाता है की विग्रह करते समय जो सह दूसरा वाला शब्द प्रतीत हो वो समास में पहला हो जाता है।
जैसे :-
• जो बल के साथ है = सबल
• जो देह के साथ है = सदेह
• जो परिवार के साथ है = सपरिवार

4. व्यतिहार बहुब्रीहि समास :- जिससे घात या प्रतिघात की सुचना मिले उसे व्यतिहार बहुब्रीहि समास कहते हैं। इस समास में यह प्रतीत होता है की ‘इस चीज से और उस चीज से लड़ाई हुई।
जैसे :-
मुक्के-मुक्के से जो लड़ाई हुई = मुक्का-मुक्की
बातों-बातों से जो लड़ाई हुई = बाताबाती

5. प्रादी बहुब्रीहि समास :- जिस बहुब्रीहि समास पूर्वपद उपसर्ग हो वह प्रादी बहुब्रीहि समास कहलाता है।
जैसे :-
• नहीं है रहम जिसमें = बेरहम
• नहीं है जन जहाँ = निर्जन

हिंदी व्याकरण - अव्यय

⇒ अव्यय – जिन शब्दों के रूप में लिंग , वचन , पुरुष , कारक , काल आदि की वजह से कोई परिवर्तन नहीं होता उसे अव्यय शब्द कहते हैं। अव्यय शब्द हर स्थिति में अपने मूल रूप में रहते हैं। इन शब्दों को अविकारी शब्द भी कहा जाता है।

अव्यय के उदाहरण –

जब , तब , अभी ,अगर , वह, वहाँ , यहाँ , इधर , उधर , किन्तु , परन्तु , बल्कि , इसलिए , अतएव , अवश्य , तेज , कल , धीरे , लेकिन , चूँकि , क्योंकि आदि।

अव्यय के भेद – 

क्रिया-विशेषण अव्यय

संबंधबोधक अव्यय

समुच्चयबोधक अव्यय

विस्मयादिबोधक अव्यय

निपात अव्यय

हिंदी व्याकरण - अव्यय 

1. क्रिया विशेषण अव्यय 

जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का पता चलता है उसे कहते हैं। जहाँ पर- यहाँ , तेज , अब , रात , धीरे-धीरे , प्रतिदिन , सुंदर , वहाँ , तक , जल्दी , अभी , बहुत आते हैं वहाँ पर क्रियाविशेषण अव्यय होता है।

क्रिया विशेषण अव्यय के उदाहरण

वह यहाँ से चला गया।

घोडा तेज दौड़ता है।

अब पढना बंद करो।

बच्चे धीरे-धीरे चल रहे थे।

वे लोग रात को पहुँचे।

सुधा प्रतिदिन पढती है।

वह यहाँ आता है।

रमेश प्रतिदिन पढ़ता है।

सुमन सुंदर लिखती है।

मैं बहुत थक गया हूं।
हिंदी व्याकरण - अव्यय 04

क्रिया विशेषण के भेद -02

3. परिमाणवाचक क्रियाविशेषण अव्यय  – 

जिन अव्यय शब्दों से कार्य के व्यापार के परिणाम का पता चलता है उसे परिमाणवाचक क्रियाविशेषण अव्यय कहते हैं। जिन अव्यय शब्दों से नाप-तोल का पता चलता है।

जहाँ पर थोडा , काफी , ठीक , ठाक , बहुत , कम , अत्यंत , अतिशय , बहुधा , थोडा -थोडा , अधिक , अल्प , कुछ , पर्याप्त , प्रभूत , न्यून , बूंद-बूंद , स्वल्प , केवल , प्राय: , अनुमानत: , सर्वथा , उतना , जितना , खूब , तेज , अति , जरा , कितना , बड़ा , भारी , अत्यंत , लगभग , बस , इतना , क्रमश: आदि आते हैं वहाँ पर परिमाणवाचक क्रियाविशेषण अव्यय कहते हैं।

जैसे :- (i) मैं बहुत घबरा रहा हूँ।
(ii) वह अतिशय व्यथित होने पर भी मौन है।
(iii) उतना बोलो जितना जरूरी हो।
(iv) रमेश खूब पढ़ता है।
(v) तेज गाड़ी चल रही है।
(vi) सविता बहुत बोलती है।
(vii) कम खाओ।

4. रीतिवाचक क्रियाविशेषण अव्यय – 

जिन अव्यय शब्दों से कार्य के व्यापार की रीति या विधि का पता चलता है उन्हें रीतिवाचक क्रियाविशेषण अव्यय कहते हैं।

रीतिवाचक क्रियाविशेषण अव्यय के उदाहरण 

ऐसे , वैसे , अचानक , इसलिए , कदाचित , यथासंभव , सहज , धीरे , सहसा , एकाएक , झटपट , आप ही , ध्यानपूर्वक , धडाधड , यथा , ठीक , सचमुच , अवश्य , वास्तव में , निस्संदेह , बेशक , शायद , संभव है , हाँ , सच , जरुर , जी , अतएव , क्योंकि , नहीं , न , मत , कभी नहीं , कदापि नहीं , फटाफट , शीघ्रता , भली-भांति , ऐसे , तेज , कैसे , ज्यों , त्यों आदि आते हैं वहाँ पर रीतिवाचक क्रियाविशेषण अव्यय कहते हैं।

जैसे :-

जरा , सहज एवं धीरे चलिए।

हमारे सामने शेर अचानक आ गया।

कपिल ने अपना कार्य फटाफट कर दिया।

मोहन शीघ्रता से चला गया।

वह पैदल चलता है।
हिंदी व्याकरण - अव्यय 06

3. समुच्चयबोधक अव्यय –

जो शब्द दो शब्दों , वाक्यों और वाक्यांशों को जोड़ते हैं उन्हें समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं। इन्हें योजक भी कहा जाता है। ये शब्द दो वाक्यों को परस्पर जोड़ते हैं।

जैसे :

और , तथा , लेकिन , मगर , व , किन्तु , परन्तु , इसलिए , इस कारण , अत: , क्योंकि , ताकि , या , अथवा , चाहे , यदि , कि , मानो , आदि , यानि , तथापि आते हैं वहाँ पर समुच्चयबोधक अव्यय होता है।

समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण 

सूरज निकला और पक्षी बोलने लगे।

छुट्टी हुई और बच्चे भागने लगे।

किरन और मधु पढने चली गईं।

मंजुला पढने में तो तेज है परन्तु शरीर से कमजोर है।

तुम जाओगे कि मैं जाऊं।

माता जी और पिताजी।

मैं पटना आना चाहता था लेकिन आ न सका।

तुम जाओगे या वह आयेगा।

सुनील निकम्मा है इसलिए सब उससे घर्णा करते हैं।

गीता गाती है और मीरा नाचती है।

यदि तुम मेहनत करते तो अवश्य सफल होगे।

समुच्चयबोधक अव्यय के भेद – 

1. समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

2. व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
हिंदी व्याकरण - अव्यय 07

4. विस्मयादिबोधक अव्यय – 

जिन अव्यय शब्दों से हर्ष , शोक , विस्मय , ग्लानी , लज्जा , घर्णा , दुःख , आश्चर्य आदि के भाव का पता चलता है उन्हें विस्मयादिबोधक अव्यय कहते हैं। इनका संबंध किसी पद से नहीं होता है। इसे घोतक भी कहा जाता है। विस्मयादिबोधक अव्यय में (!) चिन्ह लगाया जाता है।

विस्मयादिबोधक अव्यय के उदाहरण 

वाह! क्या बात है।

हाय! वह चल बसा।

आह! क्या स्वाद है।

अरे! तुम यहाँ कैसे।

छि:छि:! यह गंदगी।

वाह! वाह! तुमने तो कमाल कर दिया।

अहो! क्या बात है।

अहा! क्या मौसम हैं।

अरे! आप आ गये।

हाय! अब मैं क्या करूँ।

अरे! पीछे हो जाओ , गिर जाओगे।

हाय! राम यह क्या हो गया।

भाव केआधार पर विस्मयादिबोधक अव्यय के भेद :-

हर्षबोधक

शोकबोधक

विस्मयादिबोधक

तिरस्कारबोधक

स्वीकृतिबोधक

संबोधनबोधक

आशिर्वादबोधक

(1) हर्षबोधक :- जहाँ पर अहा! , धन्य! , वाह-वाह! , ओह! , वाह! , शाबाश! आते हैं वहाँ पर हर्षबोधक होता है।

(2) शोकबोधक :- जहाँ पर आह! , हाय! , हाय-हाय! , हा, त्राहि-त्राहि! , बाप रे! आते हैं वहाँ पर शोकबोधक आता है।

(3) विस्मयादिबोधक :- जहाँ पर हैं! , ऐं! , ओहो! , अरे वाह! आते हैं वहाँ पर विस्मयादिबोधक होता है।

(4) तिरस्कारबोधक :- जहाँ पर छि:! , हट! , धिक्! , धत! , छि:छि:! , चुप! आते हैं वहाँ पर तिरस्कारबोधक होता है।

(5) स्वीकृतिबोधक :- जहाँ पर हाँ-हाँ! , अच्छा! , ठीक! , जी हाँ! , बहुत अच्छा! आते हैं वहाँ पर स्वीकृतिबोधक होता है।

(6) संबोधनबोधक :- जहाँ पर रे! , री! , अरे! , अरी! , ओ! , अजी! , हैलो! आते हैं वहाँ पर संबोधनबोधक होता है।

(7) आशीर्वादबोधक :- जहाँ पर दीर्घायु हो! , जीते रहो! आते हैं वहाँ पर आशिर्वादबोधक होता है।

5. निपात अव्यय किसे कहते हैं – 

जो वाक्य में नवीनता या चमत्कार उत्पन्न करते हैं उन्हें निपात अव्यय कहते हैं। जो अव्यय शब्द किसी शब्द या पद के पीछे लगकर उसके अर्थ में विशेष बल लाते हैं उन्हें निपात अव्यय कहते हैं। इसे अवधारक शब्द भी कहते हैं। जहाँ पर ही , भी , तो , तक ,मात्र , भर , मत , सा , जी , केवल आते हैं वहाँ पर निपात अव्यय होता है।

निपात अव्यय के उदाहरण – 

प्रशांत को ही करना होगा यह काम।

सुहाना भी जाएगी।

तुम तो सनम डूबोगे ही , सब को डुबाओगे।

वह तुमसे बोली तक नहीं।

पढाई मात्र से ही सब कुछ नहीं मिल जाता।

तुम उसे जानता भर हो।

राम ने ही रावण को मारा था।

रमेश भी दिल्ली जाएगा।

तुम तो कल जयपुर जाने वाले थे।

राम ही लिख रहा है।

हिन्दी मॉक टेस्ट (Hindi Mock Test )

1. हिन्दी में कितने लिंगो का प्रयोग होता है?
[A] एक
[B] दो
[C] तीन
[D] इनमें से सभी
Ans. [B]
  
2. अधोलिखित में एक पर्यायवाची युग्म सही नहीं है?
[A] पुरन्दर – अमरपति
[B] सरोवर-पुष्कर
[C] जलधि-अम्बुद
[D] फणी-उरग
Ans. [C]

3.इनमें से कौन-सा पुल्लिंग शब्द में प्रत्यय लगाने से बना है?
[A] मर्दाना
[B] बुढ़ापा
[C] भेड़ा
[D] विधुर
Ans. [C]

4. कितने वचन होते हैं-
[A] 3
[B] 5
[C] 2
[D] 4
Ans. [C]

5. निम्नलिखित शब्दों में से एकवचन है-
[A] प्राण
[B] दर्शन
[C] ओठ
[D] तेल
Ans. [D]

6. किसका प्रयोग सदैव एकवचन में होता है?
[A] नदी
[B] प्रत्येक
[C] साधु
[D] घर
Ans. [B]

7. निम्न में से ‘सर्वनाम’ शब्द है-
[A] पढ़ना
[B] वह
[C] घर
[D] गहरा
Ans. [B]

8. सर्वनाम के कुल कितने भेद होते हैं?
[A] 5
[B] 6
[C] 7
[D] 8
Ans. [B]

9. निम्न में से ‘सर्वनाम’ शब्द है-
[A] ताजा
[B] मैं
[C] सोना
[D] हिमालय
Ans. [B]

10. उसने पत्र लिखा रेखांकित शब्द का सर्वनाम भेद है-
[A] निजवाचक सर्वनाम
[B] पुरुषवाचक सर्वनाम
[C] निश्चयवाचक सर्वनाम
[D] सम्बन्धवाचक सर्वनाम
Ans. [B]

11. ‘जिस विकारी शब्द से संज्ञा की व्याप्ति मर्यादित होती है’ उसे कहते हैं-
[A] विशेष्य
[B] विशेषण
[C] विशेषण एवं विशेष्य
[D] विशिष्ट
Ans. [B]

12. ‘विशेषण की विशेषता बताने वाला शब्द’ क्या कहलाता है?
[A] प्रविशेषण
[B] विधेय विशेषण
[C] क्रिया विशेषण
[D] उद्देश्य विशेषण
Ans. [A]

13. निम्न में से ‘विशेषण’ शब्द है-
[A] जाना
[B] देवता
[C] सुन्दर
[D] कौन
Ans. [C]

14. पर्यायवाची की दृष्टि से एक शब्द-युग्म अशुद्ध है-
[A] गंगा – जाह्नवी
[B] पानी-पाणि
[C] गृह-सदन
[D] मयूर – केकी
Ans. [A]

15. ‘राधा बहुत ही सुन्दर लड़की है’ वाक्य में कौन-सा विशेषण है?
[A] परिमाणवाचक विशेषण
[B] संख्यावाचक विशेषण
[C] गुणवाचक विशेषण
[D] सार्वनामिक विशेषण
(e) इनमें से कोई नहीं
Ans. [C]

16. कौन-सा शब्द ‘अनीक’ का पर्यायवाची है?
[A] अर्जुन
[B] सेना
[C] अग्नि
[D] घोड़ा
Ans. [C]

17. ‘अश्व’ का पर्यायवाची नहीं है-
[A] तरंग
[B] घोटक
[C] घोड़ा
[D] हय
Ans. [D]


18. मेरी बहन सविता हिन्दी भाषा में सीखती है।
[A] हिन्दी
[B] बहन
[C] सीखती है
[D] भाषा
Ans. [C]

19. आचार्य किशोरीदास वाजपेयी के मत से हिन्दी में कितने कारक हैं?
[A] 6
[B] 7
[C] 8
[D] 5
Ans. [A]

20. कारक के भेद हैं-
[A] पाँच
[B] छः
[C] सात
[D] आठ
Ans. [D]

21. ‘शिक्षक ने पाठ पढ़ाया।’ किस कारक का प्रयोग है?
[A] करण कारक
[B] कर्ता कारक
[C] कर्म कारक
[D] अपादान कारक
Ans. [B]

22. निम्न में कर्ता कारक का परसर्ग कौन–सा है ?
[A] को
[B] ने
[C] से
[D] में
Ans. [B]

23. निम्नलिखित में से कर्ता कारक वाला वाक्य छाँटिए ।
[A] मोहन को जाना है।
[B] शीला को रोटी खिलाओ।
[C] शाम को मत आना।
[D] विभा को पुस्तक दे दो ।
Ans. [A]

24. भूतकाल के कितने भेद हैं?
[A] सात
[B] छः
[C] नौ
[D] चार
Ans. [B]

25. भूतकाल में बदलिए- माँ सोती है-
[A] माँ सोएगी।
[B] माँ सोती थी।
[C] माँ सोनी वाली है।
[D] माँ सो रही है।
Ans. [B]

आज के टॉप 25 प्रश्नोतर

1. बांदा जिले का राजापुर गांव किस कवि का जन्म-स्थान था ?
(अ) बिहारी लाल    (ब) मैथिलीशरण गुप्त
(स) तुलसीदास✔️   (द) भूषण

2. तुलसीदास रचित ’विनय पत्रिका’ में –
(अ) विनय और भक्ति के पद है✔️
(ब) वैराग्य के पद हैं
(स) बाल लीला के पद हैं
(द) उपरोक्त सभी

3. केशवदास कवि होने के साथ-साथ –
(अ) गायक भी थे    (ब) आचार्य भी थे✔️
(स) संत भी थे       (द) पाखण्ड-विरोधी भी थे

4. केशवदास की रचनाओं में सबसे महत्त्वपूर्ण रचना कौन-सी है?
(अ) कविप्रिया       (ब) रसिकप्रिया
(स) रामचन्द्रिका✔️ (द) विज्ञानगीता

5. ’कवित-रत्नाकर’ का रचयिता कौन था ?
(अ) नरोत्तमदास    (ब) केशवदास
(स) सेनापति ✔️     (द) नंददास

6. ’’अजगर करै न चाकरी, पंछी करै न काम’’, यह उक्ति किसकी है?
(अ) कबीरदास    (ब) मलूकदास ✔️
(स) नंददास        (द) रहीमदास

7. सूफी सम्प्रदाय के प्रमुख कवि थे –
(अ) जायसी ✔️  (ब) रहीम
(स) रसखान      (द) केशवदास

8. ’अखरावट’ और ’आखिरी कलम’ किसकी रचनायें है?
(अ) रसखान     (ब) खुसरो
(स) जायसी ✔️   (द) कुतबन

9. नागमती का विरह वर्णन हिन्दी साहित्य का सर्वश्रेष्ठ विरह-वर्णन है? यह किस ग्रंथ में है?
(अ) अखरावट में     (ब) पद्मावत में ✔️
(स) मधुमालती में    (द) मृगावती में

10. मीरा के पदों में –
(अ) राजस्थानी भाषा का प्रयोग हुआ है ✔️
(ब) अवधी का प्रयोग हुआ है
(स) खङी बोली का प्रयोग हुआ है
(द) उपरोक्त सभी

11. महाप्रभु वल्लभाचार्य ने पुष्टिमार्ग की स्थापना की। पुष्टिमार्ग में ईश्वर प्राप्ति का सबसे मुख्य साधन है-
(अ) ज्ञान         (ब) वैराग्य
(स) भक्ति ✔️    (द) गुरु

12. अष्टछाप के कवियों ने –
(अ) केवल ब्रजभाषा में लिखा
(ब) कृष्णभक्ति के केवल माधुर्य पक्ष को ग्रहण किया
(स) किसी महाकाव्य की रचना नहीं की, केवल स्फुट रचनायें लिखीं
(द) उपरोक्त सभी ✔️

13. ’’इन मुसलमान हरिजनन पै, कोटिक हिन्दू वारिये’’, यह उक्ति किस कवि के बारे में है?
(अ) जायसी के बारे में       (ब) रहीम के बारे में
(स) रसखान के बारे में ✔️  (द) खुसरो के बारे में

14 कौन-सा कथन सही नहीं है?
(अ) सूफी काव्य प्रायः अवधी में लिखा गया है
(ब) सूफी सम्प्रदाय खंडन-मंडन को महत्व देता है ✔️
(स) सूफी सम्प्रदाय में गुरु की बङी महिमा है
(द) सूफी संतों ने भारतीय लोकाचार को अपनाया

15. श्री वल्लभाचार्य की शिष्य परम्परा में –
(अ) निराकार ब्रह्म की आराधना होती है
(ब) राम की उपासना होती है
(स) कृष्ण की उपासना होती है ✔️
(द) गुरु की महिमा का गान होता है

16. ’अलवार’ संतों ने किस भाषा में लिखा?
(अ) तेलुगु      (ब) उङिया
(स) गुजराती   (द) तमिल ✔️

17. निम्नलिखित में से किसने श्री राधावल्लभ सम्प्रदाय नामक नया पंथ चलाया ?
(अ) हितहरिवंश ✔️  (ब) वल्लभाचार्य
(स) छीतस्वामी        (द) कृष्णदास

18. सूरदास का प्रमुख ग्रंथ ’सूर सागर’ है। जनश्रुति के आधार पर इसमें कुल कितने पद थे ?
(अ) एक लाख    (ब) सवा लाख ✔️
(स) दस हजार    (द) साठ हजार

19. रसखान ने किस भाषा में रचना की?
(अ) खङी बोली में    (ब) अवधी में
(स) ब्रजभाषा में ✔️   (द) भोजपुरी में

20. अष्टछाप के कवियों में सबसे बङा स्थान किसे प्राप्त है?
(अ) नंददास को      (ब) छीतस्वामी को
(स) सूरदास को ✔️   (द) विट्ठलनाथ को

21. रतनसेन और पद्मावती की प्रेम-गाथा का वर्णन किस ग्रंथ में है?
(अ) रतन सेन में    (ब) पद्मावत में ✔️
(स) ज्ञान बोध में     (द) मधुमालती में

22. कृष्णभक्ति का प्रचार कब हुआ था?
(अ) 15 वीं शताब्दी में ✔️   (ब) 10 वीं शताब्दी में
(स) 19 वीं शताब्दी में       (द) 11 वीं शताब्दीर में

23. लगभग सम्पूर्ण कृष्ण काव्य –
(अ) खङी बोली में है   (ब) ब्रजभाषा में है ✔️
(स) अवधी में है         (द) खिचङी भाषा में है

24. निर्गुण भक्ति धारा के कवियों ने निम्नलिखित में से किस पर जोर नहीं दिया?
(अ) निराकार ब्रह्मा की उपासना
(ब) आत्मशुद्धि
(स) वैयक्तिक साधना
(द) अवतारवाद ✔️

25. निर्गुण भक्ति की प्रेमाश्रयी शाखा के कवियों की रचनाओं की मुख्य विशेषता है-
(अ) विरह-वेदना की तीव्रता   (ब) रोचक कथानक
(स) प्रेम की पीर                  (द) उपरोक्त सभी ✔️
▬▬▬▬▬▬▬▬▬

हिन्दी के वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर ।।

1. अनुनासिक का संबंध किससे होता है ?
(A) केवल मुँह से        (B) केवल नाक से
(C) नाक और मुँह से   (D) इनमें से कोई नही

2. अनुनासिक व्यंजन कौनसे होते है ?
(A) वर्ग के प्रथमाक्षर   (B) वर्ग के तृतीयाक्षर
(C) वर्ग के चतुर्थाक्षर   (D) वर्ग के पंचमाक्षर 

3. तालव्य व्यंजन कौनसे है ?
(A) च, छ, ज, झ       (B) त, थ, द, ध
(C) ट, ठ, ड़, ढ         (D) प, फ, ब, भ

4. य, र, ल, व – किस वर्ग के व्यंजन है ?
(A) ऊष्म       (B) तालव्य
(C) अन्तःस्थ     (D) ओष्ठ्‌य

5. स्थान के आधार पर बताइये की मूर्धन्य व्यंजन कौन से है ?
(A) ज, झ      (B) ग, घ
(C) ड, ढ       (D) प, फ

6. श्र ‘ वर्ण किसके योग से बना है ?
(A) श्‌ + र        (B) ज्‌ + ञ
(C) त्‌ + र        (D) क्‌ + ष

7. ज्ञ’ वर्ण किसके योग से बना है?
(A) ज्‌ + ञ        (B) ज्‌ + अ
(C) ज्‌ + ण        (D) ज + ञ

8. त्र’ वर्ण किसके योग से बना है ?
(A) क्‌ + ष        (B) त्‌ + र
(C) त्‌ + ष         (D) क्‌ + श

9. क्ष’ वर्ण किसके योग से बना है ?
(A) क्‌ + ष        (B) क्‌ + छ
(C) क्‌ + च       (D) क्‌ + श

10. निम्नलिखित मे से संयुक्त व्यंजन कौनसे है ?
(A) क्ष त्र ज्ञ श्र           (B) य र ल व
(C) श ष स ह       (D) इनमें से कोई नही

11. निम्नलिखित मे से द्विगुण व्यंजन कौनसे  है?
(A) ड़  ढ़        (B) श ष
(C) य व     (D) इनमें से कोई नही

12. निम्नलिखित मे से ऊष्म व्यंजन कौनसे  है ?
(A) श ष स ह      (B) य र ल व
(C) क्ष त्र ज्ञ        (D) ट ड़ ढ

13. हिन्दी वर्णमाला में संयुक्त व्यंजन की संख्या कितनी होती है ?
(A) 4   (B) 7    (C) 6     (D) 11

14. हिन्दी वर्णमाला में व्यंजनो की कुल संख्या कितनी होती है ?
(A) 34   (B) 30    (C) 32    (D) 33

15. हिन्दी वर्णमाला में स्वरो की कुल संख्या कितनी है 
(A) 10    (B) 11    (C) 12    (D) 13

16. वर्णो के व्यवस्थित समूह को क्या कहते है?
(A) ध्वनि     (B) व्यंजन
(C) वर्णमाला     (D) वाक्य

17. भाषा की सबसे छोटी इकाई क्या है ?
(A) वर्ण    (B) स्वर    (C) व्यंजन   (D) शब्द

18. निम्नलिखित मे से कौन अयोगवाह है ?
(A) अल्पप्राण    (B) महाप्राण
(C) विसर्ग       (D) सयुक्त व्यंजन

19. हिन्दी की आदि जननी क्या है ?
(A) पालि     (B) संस्कृत
(C) अपभ्रंश     (D) प्राकृत

20. हिंदी में मूल वर्ण कितने है .?
(A) 33    (B) 44     (C) 52    (D) 36

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उत्तर -👇👇
1.C/ 2.D/ 3.A/ 4.C/ 5.C/ 6.A/ 7.A/ 8.B/ 9.D/ 10.A

11.A/ 12.A/ 13.A/ 14.D/ 15.B/ 16.C/ 17.A/ 18.C/ 19.B/ 20.B

हिंदी व्याकरण :-

✅संधि ➺ दो वर्णों के मेल से होने वाले विकार को संधि कहा जाता है।

✅भावार्थ ➺ 'सारांश' की तरह 'भावार्थ' भी मूल अवतरण का छोटा रूप है, किंतु 'भावार्थ' लिखने की रीति 'सारांश' की रीति से भिन्न है।

✅व्याख्या ➺ 'व्याख्या' किसी भाव या विचार के विस्तार और विवेचन को कहते हैं। व्याख्या न भावार्थ है, न आशय। यह इन दोनों से भित्र है। नियम भी भित्र है।

✅आलेखन ➺ आलेखन पत्राचार का एक अंग है। समाज के विकास के साथ आलेखन के भित्र-भित्र रूप विकसित होते रहे हैं।

✅पर्यायवाची शब्द ➺ 'पर्याय' का अर्थ है- 'समान' तथा 'वाची' का अर्थ है- 'बोले जाने वाले' अर्थात जिन शब्दों का अर्थ एक जैसा होता है, उन्हें 'पर्यायवाची शब्द' कहते हैं।

✅वाक्य-शुद्धि ➺ वाक्य भाषा की अत्यंत महत्वपूर्ण इकाई होता है।

✅पाठ-बोधन ➺ पाठ का स्वरूप साहित्यिक (अधिकांशतः), वैज्ञानिक, विवरणात्मक आदि होता है।

✅शब्द-शक्ति ➺ शब्द का अर्थ बोध करानेवाली शक्ति 'शब्द शक्ति' कहलाती है।

✅उच्चारण और वर्तनी ➺ मुख से अक्षरों को बोलना उच्चारण कहलाता है। सभी वर्णो के लिए मुख में उच्चारण स्थान होते हैं।

✅मौखिक अभिव्यक्ति ➺ मौखिक भाषा से दो प्रकार के कौशलों का विकास होता है- वाचन (बोलना) और श्रवण (सुनना)।

✅हिन्दी भाषा ➺ 'हिन्दी' शब्द भाषा विशेष का वाचक नहीं है बल्कि यह भाषा-समूह का नाम है।

✅हिन्दी साहित्य ➺ हिन्दी साहित्येतिहास के विभिन्न कालों के नामकरण का प्रथम श्रेय जार्ज ग्रियर्सन को है।

✅अनुवाद ➺ एक भाषा में प्रकट किये गये विचारों को दूसरी भाषा में रूपान्तरित करने को अनुवाद कहते हैं।

✅विज्ञापन लेखन ➺ विज्ञापन लेखन ऐसी कला है, जिसके द्वारा थोड़े-से स्थान एवं कम शब्दों में आवश्यक बातें आकर्षक ढंग से दी जाती हैं।

✅शब्द परिवार ➺ शब्दों का भी अपना परिवार होता है। यह परिवार दो तरह का होता हैं। विभिन्न भाषाओं में एकरूपता के कारण उन शब्दों को पारिवारिक शब्द माना गया है।

✅पद परिचय ➺ वाक्य में शब्दों के प्रयुक्त होने पर शब्द पद कहलाते हैं।

✅निपात ➺ किसी भी बात पर अतिरिक्त भार देने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उसे निपात कहते हैं।

✅ऊनार्थक शब्द ➺ जिस शब्द से न्यूनता, तुच्छता या संक्षिप्ता का बोध होता है, उसे ऊनार्थक शब्द कहते हैं।

✅वाक्य-परिवर्तन ➺ बिना अर्थ बदले किसी वाक्य को दूसरे प्रकार के वाक्य में परिवर्तित करना वाक्य-परिवर्तन कहलाता हैं।

✅वाक्य विश्लेषण ➺ वाक्य में प्रयुक्त पदों को अलग-अलग कर उनका पारस्परिक संबंध बतलाना ही वाक्य-विश्लेषण कहलाता है।

✅सूचना लेखन ➺ कम से कम शब्दों में दी जाने वाली जानकारी जो लघु रूप में औपचारिक शैली में लिखी जाती है, वह सूचना लेखन कहा जाता है।

आज के टॉप 25 प्रश्नोतर

1. रामभक्ति मार्ग के अंतर्गत शृंगारी भावना के प्रवर्तक थे:
(अ) हरिचरणदास       (ब) जानकीप्रसाद
(स) रामचरणदास ✅  (द) तुलसीदास

2. नाभादास जी के गुरु का क्या नाम था?
(अ) अग्रदास ✅   (ब) अग्रअली
(स) प्रियादास      (द) तुलसीदास

3. ’रासपंचाध्यायी’ के रचयिता निम्न में से कौन हैं?
(अ) तुलसीदास    (ब) नंददास
(स) अग्रदास ✅   (द) प्रियादास

4. निम्नलिखित में से भक्ति आंदोलन को ’लोकजागरण’ किसने कहा?
(अ) अज्ञेय       (ब) हजारी प्रसाद द्विवेदी ✅
(स) नगेंद्र       (द) ग्रियर्सन

5. ’रामचरितमानस’ में वक्ता- श्रोता युग्म कितने है ?
(अ) दो          (ब) तीन
(स) पाँच         (द) चार ✅

6. ’’चारहु फल मानत चारहु चणक को।’’ पंक्ति किसकी है?
(अ) केशवदास    (ब) तुलसी ✅
(स) कबीरदास     (द) नंददास

7. ’चौरासी वैष्णवन की वार्ता’ के रचयिता हैं ?
(अ) गोकुलदास  ✅ (ब) नंददास
(स) अग्रदास          (द) प्रियादास

8. अग्रदास की भक्ति किस भाव की है?
(अ) शृंगार भाव    (ब) वात्सल्य भाव
(स) दास्य भाव     (द) माधुर्य भाव ✅

9. ’पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं’ उक्ति किसकी है?
(अ) कबीरदास    (ब) रैदास
(स) सूरदास       (द) तुलसीदास ✅

10. ’’मातु पिता जग जाइ तज्यो
विधिहु न लिख्यो कुछ भाल भलाई।’’ ये पंक्तियाँ तुलसी के किस काव्यग्रंथ से ली गई है?
(अ) विनयपत्रिका (ब) कवितावली ✅
(स) गीतावली (द) रामचरितामानस

11. ’’जाके प्रिय न राम वैदेही,
सो नर तजिउ कोटि बैरी सम, जदपि परम सनेही।’’ यह तुलसी के किस काव्यग्रंथ की उक्ति है?
(अ) रामचरितमानस।   (ब) कवितावली
(स) विनयपत्रिका ✅  (द) दोहावली

12. ’’केशव कहि न जाइका कहिए।’’ पंक्ति किसकी है?
(अ) तुलसीदास ✅  (ब) केशवदास
(स) रैदास।          (द) प्रियादास

13. ’’यदि प्रबंध काव्य एक विस्तृत वनस्थली है तो मुक्तक चुना हुआ गुलदस्ता।’’ किसकी पंक्ति है?
(अ) नंददुलारे वाजपेयी (ब) नगेंद्र
(स) रामचंद्र शुक्ल ✅ (द) रामकुमार वर्मा

14. ’पद्मावत’ की रचना किस शासक के काल में हुई?
(अ) अकबर (ब) जहाँगीर
(स) औरंगजेब (द) शेरशाह सूरि ✅

15. ’बरवै छंद’ का प्रयोग प्रथमतः किस कवि ने किया?
(अ) तुलसीदास (ब) रहीम ✅
(स) कबीर (द) सूरदास

16. ’’कवित्त विवेक एक नहिं मोरे।’’ किसकी पंक्ति है?
(अ) घनानंद        (ब) कबीर
(स) रामानंद ✅  (द) तुलसीदास

17. ’योग चिंतामणि’ किसकी रचना है?
(अ) शंकराचार्य (ब) रामानुज
(स) रामानंद ✅  (द) वल्लभाचार्य

18. किस कवि को हिंदी का जातीय कवि कहा जाता है?
(अ) तुलसीदास ✅  (ब) सूरदास
(स) कबीर (द) रामानंद

19. ’’विक्रम धँसा प्रेम के बारा। सपनावती कहैं गयउ पतारा।’’
(अ) उसमान (ब) नूर मुहम्मद
(स) मंझन ✅  (द) कासिमशाह

20. ’रुकमिनि पुनि वैसहि मरि गई।
कुलवंति सत सों सति भई।।’’
(अ) कुतुबन ✅  (ब) उसमान
(स) जायसी (द) मंझन

21. ’’जानत है वह सिरजन हारा। जो किछु है मन मरम हमारा
हिंदू मग तर पाँव न राखेऊ। का जो बहुतै हिंदी भाखिऊ।’’
(अ) उसमान (ब) मंझन
(स) कुतुबन (द) नूर मुहम्मद ✅

22. ’’कबीर ने अपनी झाङ-फटकार के द्वारा हिंदुओं और मुसलमानों का कट्टरपन दूर करने का जो प्रयत्न किया वह अधिकतर चिढ़ाने वाला सिद्ध हुआ, हृदय को स्पर्श करने वाला नहीं।’’
पंक्तियाँ किसकी हैं?
(अ) रामचंद्र शुक्ल ✅  (ब) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(स) नगेंद्र               (द) अज्ञेय

23. ’हिंदी साहित्य की पीठिका’ के रचनाकार है?
(अ) रामकुमार वर्मा               (ब) अज्ञेय
(स) डाॅ. राजबली पाण्डेय ✅ (द) धीरेंद्र वर्मा

24. ’नल-दमयंती’ प्रेमाख्यान काव्य के रचनाकार हैं ?
(अ) रहीम (ब) मुल्ला दाऊद
(स) कासिमशाह (द) नरपति व्यास ✅

25. ’छिताई वार्ता’, जो कि कल्पना और इतिहास का अद्वितीय ग्रंथ है, के रचनाकार हैं ?
(अ) नरपति व्यास (ब) कासिमशाह
(स) नारायणदास ✅  (द) नूर मुहम्मद
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स्पेशल टॉपिक मोस्ट उपन्यास कलेक्शन ।।

💕💕 उपन्यास 
उपन्यास का नाम : परीक्षा गुरु
उपन्यासकार : लाला श्रीनिवास दास
उपन्यास का प्रकाशन : 25 नवंबर वर्ष 1882
महत्वपूर्ण पात्र : मदन मोहन, चुन्नीलाल, बैजनाथ, शम्भूदयाल, ब्रजकिशोर 
विषय वस्तु : मदन मोहन के बिगड़ने और बनने की कहानी, व्यष्टि को माध्यम बनाकर समष्टि को संदेश देने की बेहतर कोशिश ‼️

💕💕 उपन्यास 
उपन्यास का नाम : चन्द्रकान्ता या चन्द्रकान्ता संतति 
उपन्यासकार : बाबू देवकीनंदन खत्री 
उपन्यास का प्रकाशन : वर्ष 1888
महत्वपूर्ण पात्र : वीरेन्द्रवीर सिंह, चन्द्रकान्ता, सुरेन्द्र सिंह, जय सिंह, क्रूर सिंह, तेज सिंह, चपला आदि.  
विषय वस्तु : मनोरंजन, तिलस्मी-जासूसी-अय्यारी के प्रयोग से रोचक कथा निर्वाह ‼️

💕💕 उपन्यास 
उपन्यास का नाम : ठेठ हिंदी का ठाठ 
उपन्यासकार : अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
उपन्यास का प्रकाशन : 30 मार्च वर्ष 1899 
महत्वपूर्ण पात्र : देवबाला, देवांगन, रमानाथ, हेमलता आदि 
विषय वस्तु : समाज की कुरीतियों पर प्रहार किया है. ‼️

💕💕 उपन्यास 
 उपन्यास का नाम : चित्रलेखा
 उपन्यासकार : भगवती चरण वर्मा
 उपन्यास का प्रकाशन : वर्ष 1934
 महत्वपूर्ण पात्र : बीजगुप्त, कुमारगिरी, चाणक्य, चित्रलेखा, रत्नाम्बर श्वेतांक, विशालदेव, आदि.
  विषयवस्तु : पाप और पुण्य की समस्या पर आधारित उपन्यास ‼️

💕💕 उपन्यास 
 उपन्यास का नाम : गोदान 
 उपन्यासकार : मुंशी प्रेमचन्द 
 उपन्यास का प्रकाशन : वर्ष 1936
 महत्वपूर्ण पात्र : होरी, गोबर, झुनिया, धनिया, सिलिया, गोविंदी, मातादीन, दातादीन, मालती, मेहता, भोला, खन्ना, राय साहब 
  विषयवस्तु : किसान समस्या पर आधारित‼️
Hindi_Sahitya से हमने यह कॉपी किया है 

💕💕 उपन्यास 
उपन्यास का नाम : बाणभट्ट की आत्मकथा
 उपन्यासकार : हजारी प्रसाद द्विवेदी
 उपन्यास का प्रकाशन : वर्ष 1946
 महत्वपूर्ण पात्र : निपुणिका, सुचारिता, महामाया, तुवर मिलिंद, प्रतिहारेंदु, भैरवी,
  विषयवस्तु : ऐतिहासिक यथार्थ की रक्षा के साथ समकालीन यथार्थ का सुंदर योग, नारी मुक्ति की आकांक्षा, समानता, जातीय विषमता पर प्रहार, स्वाधीनता के सहस्त्राधिक स्तरों में एकता ‼️

💕💕 उपन्यास 
उपन्यास का नाम : नदी के द्वीप
 उपन्यासकार : अज्ञेय 
 उपन्यास का प्रकाशन : वर्ष 1951
 महत्वपूर्ण पात्र : भुवन, गौरा, रेखा, हेमेंद्र, चंद्रमोहन, डॉ. रमेश
 विषयवस्तु : व्यक्ति के विकसित आत्म को निरुपित कर, न केवल स्वयं बल्कि औरों को भी स्वतंत्र होने का स्पेस देना.‼️

💕💕 उपन्यास 
 उपन्यास का नाम : झूठा सच
 उपन्यासकार : यशपाल
 उपन्यास का प्रकाशन : वर्ष 1958 और 1960
 महत्वपूर्ण पात्र : तारा, जयदेव, कनक, गिल, डॉक्टर आदि   
 विषयवस्तु : राष्ट्र विभाजन एवं त्रासदी का चित्रण, स्वातंत्रयोत्तर यथार्थ‼️

💕💕 उपन्यास 
 उपन्यास का नाम : राग दरबारी
 उपन्यासकार : श्रीलाल शुक्ल
 उपन्यास का प्रकाशन : वर्ष 1968
 महत्वपूर्ण पात्र : वैद्य जी 
विषयवस्तु : स्वतंत्र उत्तर भारत में व्याप्त विकृतियों पर व्यंग्यात्मक चलचित्र ‼️

आज के टॉप 25 प्रश्नोतर ।।

1. ’सुदामाचरित’ एवं ’ध्रुवचरित’ के रचयिता है ?
(अ) ध्रुवदास         (ब) नरोत्तम स्वामी ✔️
(स) गुमान मिश्र     (द) ब्रजवासी दास

2. रहीम का जन्म हुआ था ?
(अ) सन् 1556 ई. ✔️  (ब) सन् 1560 ई.
(स) सन् 1561 ई.      (द) सन् 1565 ई.

3. रामानंद को आकाशधर्मा गुरू किस विद्वान ने कहा?
(अ) हजारी प्रसाद द्विवेदी ✔️  (ब) रामचन्द्र शुक्ल
(स) डाॅ. बच्चन सिंह            (द) रामस्वरूप चतुर्वेदी

4. ’इन कृष्णोपासक वैष्णव कवियों ने जीवन के प्रति अनुुराग जगाया, या कम से कम जीने की चाह बनी रहने दी’ कथन किसका है ?
(अ) दीनदयाल गुप्त          (ब) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ✔️
(स) हजारी प्रसाद द्विवेदी   (द) डाॅ. नगेन्द्र

5. रामानंद सम्प्रदाय की सबसे पहली और प्रधान गद्दी गलता (जयपुर) में किसने स्थापित की ?
(अ) रामचरण दास    (ब) कृष्णदास पयहारी ने ✔️
(स) पूरनमल खत्री     (द) अनंतानंद जी

6. नंददास कृत ’रासपंचाध्यायी’ कितने छंद में है ?
(अ) पाँच ✔️   (ब) छह
(स) सात       (द) आठ

7. ’रहीम का हृदय द्रवीभूत होने के लिए कल्पना की उङान की अपेक्षा नहीं रखता था। वह संसार के सच्चे और प्रत्यक्ष व्यवहारों में ही द्रवीभूत होने के लिए पर्याप्त स्वरूप पा जाता था’ कथन है?
(अ) डाॅ. नगेन्द्र            (ब) रामचन्द्र शुक्ल ✔️
(स) गणपतिचन्द्र गुप्त   (द) हजारी प्रसाद द्विवेदी

8. ’प्रभु मेरे औगुन चित न धरौ’ के रचयिता है ?
(अ) सूरदास ✔️  (ब) नंददास
(स) कृष्णदास   (द) चतुर्भुज दास

9. ’अबके राखि लेहु भगवान हो अनाथ बैठो द्रुम डरिया, पारिधि साधे बान’ पद के रचयिता है ?
(अ) सूरदास ✔️    (ब) कृष्णदास पयहारि
(स) नंददास        (द) परमानंददास

10. निम्न में से असंगत छाँटिए?
(अ) पुष्पदंत कृत महापुराण
(ब) रईन्दु कृत पद्मपुराण
(स) एकनाथ कृत कम्बरामायण ✔️
(द) गिरधर स्वामी कृत

11. एकनाथ कृत ’भावार्थ रामायण’ किस भाषा में रचित है ?
(अ) गुजराती       (ब) तमिल
(स) मराठी ✔️      (द) बंगला

12. स्वामी अग्रदास कृत रचनाएँ है?
(अ) रामभजन मंजरी, ध्यानमंजरी, पदावली
(ब) अष्टयाम, उपासना बावली
(स) हितोपदेश भाषा, पदावली
(द) उपर्युक्त सभी ✔️

13. ’भक्तमाल एक ऐसा अपूर्व ग्रंथ है कि परवर्ती काल में इसकी एक परम्परा स्थापित हो गई’ कथन है ?
(अ) हजारी प्रसाद द्विवेदी ✔️   (ब) रामचन्द्र शुक्ल
(स) डाॅ. नगेन्द्र                     (द) गणपति चन्द्र गुप्त

14. तुलसी को मुगलकाल का सबसे बङा व्यक्ति किसने माना है ?
(अ) मोनियर विलियम्स ने   (ब) स्मिथ ने√
(स) जार्ज ग्रियर्सन ने          (द) हजारी प्रसाद द्विवेदी ने

15. ’रामायण महानाटक’ के रचयिता है?
(अ) हृदयराम            (ब) प्राणचंद चौहान ✔️
(स) जाखू मणियार      (द) सुधारू अग्रवाल

16. ’हनुमन्नानाटक’ के रचयिता है?
(अ) हृदयराम ✔️       (ब) लालदास
(स) प्रानचंद चैहान    (द) परशुरामदेव

17. ’उतर तोताद्रि’ किसे कहा जाता है?
(अ) गलता जी को ✔️  (ब) हरिद्वार
(स) देशनोक             (द) पुष्कर

18. तुलसी-पूर्व-परम्परा में किन रामभक्त कवियों का उल्लेख मिलता है?
(अ) विष्णुदास, ईश्वरदास ✔️
(ब) हृदयराम, लालदास
(स) प्रानचन्द चैहान, मुनिलावण्य
(द) नरहरिवापट, ब्रहनजिनदास

19. ’’काहै न कानि करौ विनती तुलसी कलिकाल बिहाल कियो है’’ उक्त पंक्तियाँ तुलसीदास जी ने कलियुग की भयानकता को प्रकट करते हुए लिखी है, किस रचना से है?
(अ) विनयपत्रिका       (ब) कवितावली ✔️
(स) रामाज्ञाप्रश्नावली    (द) रामचरितमानस

20. सूरदास द्वारा रचित ’सूरसागर’ के किस स्कन्ध में रामकथा का वर्णन है?
(अ) प्रथम                 (ब) नवम्
(स) अ एवं ब दोनों ✔️  (द) बारहवाँ

21. तुलसीदास ने ’रामचरितमानस’ के किस काण्ड में कलियुग का वर्णन किया है?
(अ) उत्तरकाण्ड ✔️       (ब) लंकाकाण्ड
(स) बालकाण्ड            (द) अयोध्याकाण्ड

22. ’जाखू मणियार’ द्वारा रचित रचना है ?
(अ) रामायण महानाटक  (ब) हरिचंद पुराण ✔️
(स) हनुमन्नाटक            (द) सीताहरण

23. आचार्य शुक्ल ने राम काव्य परम्परा का प्रथम कवि किसे माना है?
(अ) अग्रदास को        (ब) तुलसीदास को
(स) रामानंद को ✔️     (द) केशवदास को

24. रामभक्ति में ’स्वसुखी’ के प्रवर्तक है?
(अ) कील्हदास        (ब) जीवाराम
(स) रामचरणदास✔️     (द) अग्रदास

25. सुमेलित कीजिए –
(सम्प्रदाय)                     (स्थान)
(क) बारकरी सम्प्रदाय         1. उङीसा
(ख) पंचशाखा सम्प्रदाय       2. महाराष्ट्र
(ग) सहजिया सम्प्रदाय        3. केरल
(घ) शास्तापूजक सम्प्रदाय   4. बंगाल
•───────────────────•

कूट –
क ख ग घ
(अ) 2 1 4 3 ✔️ (ब) 1 2 3 4
(स) 2 1 3 4 (द) 1 3 2 4

अलंकार ।।



अलंकार – ” काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्व अलंकार कहे जाते हैं ! “

अलंकार के तीन भेद हैं –

1. शब्दालंकार – ये शब्द पर आधारित होते हैं ! प्रमुख शब्दालंकार हैं – अनुप्रास , यमक , शलेष , पुनरुक्ति , वक्रोक्ति आदि !

2. अर्थालंकार – ये अर्थ पर आधारित होते हैं ! प्रमुख अर्थालंकार हैं – उपमा , रूपक , उत्प्रेक्षा, प्रतीप , व्यतिरेक , विभावना , विशेषोक्ति ,अर्थान्तरन्यास , उल्लेख , दृष्टान्त, विरोधाभास , भ्रांतिमान आदि !

3.उभयालंकार- उभयालंकार शब्द और अर्थ दोनों पर आश्रित रहकर दोनों को चमत्कृत करते हैं!

1- उपमा – जहाँ गुण , धर्म या क्रिया के आधार पर उपमेय की तुलना उपमान से की जाती है
👉जैसे – हरिपद कोमल कमल से ।
हरिपद ( उपमेय )की तुलना कमल ( उपमान ) से कोमलता के कारण की गई ! अत: उपमा अलंकार है !

2- रूपक – जहाँ उपमेय पर उपमान का अभेद आरोप किया जाता है !
👉 जैसे –
अम्बर पनघट में डुबो रही ताराघट उषा नागरी ।
आकाश रूपी पनघट में उषा रूपी स्त्री तारा रूपी घड़े डुबो रही है ! यहाँ आकाश पर पनघट का , उषा पर स्त्री का और तारा पर घड़े का आरोप होने से रूपक अलंकार है !

3- उत्प्रेक्षा – उपमेय में उपमान की कल्पना या सम्भावना होने पर उत्प्रेक्षा अलंकार होता है !
👉जैसे – मुख मानो चन्द्रमा है ।
यहाँ मुख ( उपमेय ) को चन्द्रमा ( उपमान ) मान लिया गया है ! यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है !

👆🏻👆🏻 इस अलंकार की पहचान मनु , मानो , जनु , जानो शब्दों से होती है !

4- यमक – जहाँ कोई शब्द एक से अधिक बार प्रयुक्त हो और उसके अर्थ अलग -अलग हों वहाँ यमक अलंकार होता है !
👉 जैसे – सजना है मुझे सजना के लिए ।
यहाँ पहले सजना का अर्थ है – श्रृंगार करना और दूसरे सजना का अर्थ – नायक शब्द दो बार प्रयुक्त है ,अर्थ अलग -अलग हैं ! अत: यमक अलंकार है !

5- श्लेष – जहाँ कोई शब्द एक ही बार प्रयुक्त हो , किन्तु प्रसंग भेद में उसके अर्थ एक से अधिक हों , वहां श्लेष अलंकार है !
👉 जैसे – रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून ।
पानी गए न ऊबरै मोती मानस चून ।।
यहाँ पानी के तीन अर्थ हैं – कान्ति , आत्म – सम्मान और जल ! अत: शलेष अलंकार है , क्योंकि पानी शब्द एक ही बार प्रयुक्त है तथा उसके अर्थ तीन हैं !

6- विभावना – जहां कारण के अभाव में भी कार्य हो रहा हो , वहां विभावना अलंकार है !

👉जैसे –
बिनु पग चलै सुनै बिनु काना ।
वह ( भगवान ) बिना पैरों के चलता है और बिना कानों के सुनता है ! कारण के अभाव में कार्य होने से यहां विभावना अलंकार है !

7- अनुप्रास – जहां किसी वर्ण की अनेक बार क्रम से आवृत्ति हो वहां अनुप्रास अलंकार होता है !
👉 जैसे –
भूरी -भूरी भेदभाव भूमि से भगा दिया ।
‘ भ ‘ की आवृत्ति अनेक बार होने से यहां अनुप्रास अलंकार है !

8- भ्रान्तिमान – उपमेय में उपमान की भ्रान्ति होने से और तदनुरूप क्रिया होने से भ्रान्तिमान अलंकार होता है !
👉 जैसे –
नाक का मोती अधर की कान्ति से , बीज दाड़िम का समझकर भ्रान्ति से,
देखकर सहसा हुआ शुक मौन है, सोचता है अन्य शुक यह कौन है ?
यहां नाक में तोते का और दन्त पंक्ति में अनार के दाने का भ्रम हुआ है , यहां भ्रान्तिमान अलंकार है !

9- सन्देह – जहां उपमेय के लिए दिए गए उपमानों में सन्देह बना रहे तथा निशचय न हो सके, वहां सन्देह अलंकार होता है !जैसे –
सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है ।
सारी ही की नारी है कि नारी की ही सारी है ।

10- व्यतिरेक – जहां कारण बताते हुए उपमेय की श्रेष्ठता उपमान से बताई गई हो , वहां व्यतिरेक अलंकार होता है !
👉जैसे –
का सरवरि तेहिं देउं मयंकू । चांद कलंकी वह निकलंकू ।।
मुख की समानता चन्द्रमा से कैसे दूं ? चन्द्रमा में तो कलंक है , जबकि मुख निष्कलंक है !

11- असंगति – कारण और कार्य में संगति न होने पर असंगति अलंकार होता है !
👉 जैसे –
हृदय घाव मेरे पीर रघुवीरै ।
घाव तो लक्ष्मण के हृदय में हैं , पर पीड़ा राम को है , अत: असंगति अलंकार है !

12- प्रतीप – प्रतीप का अर्थ है उल्टा या विपरीत । यह उपमा अलंकार के विपरीत होता है । क्योंकि इस अलंकार में उपमान को लज्जित , पराजित या हीन दिखाकर उपमेय की श्रेष्टता बताई जाती है !

👉 जैसे –
सिय मुख समता किमि करै चन्द वापुरो रंक ।
सीताजी के मुख ( उपमेय )की तुलना बेचारा चन्द्रमा ( उपमान )नहीं कर सकता । उपमेय की श्रेष्टता प्रतिपादित होने से यहां प्रतीप अलंकार है !

13- दृष्टान्त – जहां उपमेय , उपमान और साधारण धर्म का बिम्ब -प्रतिबिम्ब भाव होता है,

👉जैसे-
बसै बुराई जासु तन ,ताही को सन्मान ।
भलो भलो कहि छोड़िए ,खोटे ग्रह जप दान ।।
यहां पूर्वार्द्ध में उपमेय वाक्य और उत्तरार्द्ध में उपमान वाक्य है ।इनमें ‘ सन्मान होना ‘ और ‘ जपदान करना ‘ ये दो भिन्न -भिन्न धर्म कहे गए हैं । इन दोनों में बिम्ब -प्रतिबिम्ब भाव है । अत: दृष्टान्त अलंकार है ।

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