Follow Us 👇

Sticky

तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

Showing posts with label संविधान ।।. Show all posts
Showing posts with label संविधान ।।. Show all posts

हिन्दी भाषा की संवैधानिक स्थिति ।।

✔️ संविधान के अनुच्छेद 343 से 351 तक संघ की भाषा, प्रादेशिक भाषाओं, न्यायालयों की भाषा के संबंध में उल्लेख किया गया है।

🔷 अनुच्छेद- 343ः संघ की राजभाषा
✔️ संघ की राजभाषा हिन्दी तथा लिपि देवनागरी होगी। अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा।
⇒✔️ संविधान के प्रारंभ से 15 वर्ष की अवधि तक (अर्थात् 1965 तक) उन सभी शासकीय प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाता रहेगा, जिनके लिए पहले प्रयोग किया जा रहा था।
✔️ संसद उक्त 15 वर्ष की अवधि के पश्चात् विधि द्वारा अंग्रेजी भाषा का या अंकों के देवनागरी रूप का, ऐसे प्रयोजनों के लिए प्रयोग उपबंधित कर सकेगी, जो ऐसी विधि में विनिर्दिष्ट किए जाए।

🔷 अनुच्छेद-344- राजभाषा के संबंध में आयोग (5 वर्ष के उपरांत राष्ट्रपति द्वारा) और संसद की समिति (10 वर्ष के उपरांत)
🔷 अनुच्छेद- 345- राज्य की राजभाषा या राजभाषाएँ
🔷 अनुच्छेद-346- एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा।
🔷 अनुच्छेद-347- किसी राज्य की जनसंख्या के किसी अनुभाग द्वारा बोली जाने वाली भाषा के संबंध में उपबंध।
🔷 अनुच्छेद-348- उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय में संसद व राज्य विधान मंडल में विधेयकों, अधिनियमों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा (उपबंध होने तक अंग्रेजी जारी)
🔷 अनुच्छेद-349- भाषा से संबंधित कुछ विधियाँ अधिनियमित करने के लिए विशेष मंजूरी।
✔️ राजभाषा संबंधी कोई भी विधेयक राष्ट्रपति की पूर्व मंजूरी के बिना पेश नहीं की जा सकती और राष्ट्रपति भी आयोग की सिफारिशों पर विचार करने के बाद ही मंजूरी दे सकेगा।
🔷 अनुच्छेद-350- व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा (किसी भी भाषा में)
(क) भाषाई अल्पसंख्यक वर्गों के लिए प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएँ
(ख) भाषाई अल्पसंख्यक वर्गों के लिए विशेष अधिकारी की नियुक्ति (राष्ट्रपति द्वारा)

🔷 अनुच्छेद- 351- हिन्दी के विकास के लिए निर्देश
संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह हिन्दी भाषा का प्रसार करें, उसका विकास करें ताकि वह भारत की मिली-जुली संस्कृति के अभिव्यक्ति का माध्यम बन सकें और उसकी प्रकृति में हस्तक्षेप किए बिना आठवीं अनुसूची में उल्लिखित भारत की अन्य भाषाओं में प्रयुक्त रूप शैली और पदों को आत्मसात करते हुए और जहाँ आवश्यक या वांछनीय हो, वहाँ उसके शब्द-भण्डार के लिए मुख्यतः संस्कृत से और गौणतः अन्य भाषाओं से शब्द ग्रहण करते हुए उसकी समृद्धि सुनिश्चित करें।
🔷 संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं को मान्यता प्रदान की गई है।
✔️ इस अनुसूची में आरंभ में 14 भाषाएँ थी-
(1) असमिया (8) मराठी
(2) बांग्ला (9) उङिया
(3) गुजराती (10) पंजाबी
(4) हिन्दी (11) संस्कृत
(5) कन्नङ (12) तमिल
(6) कश्मीरी (13) तेलुगू
(7) मलयालम (14) उर्दू

🕹 बाद में शामिल की गई भाषाएँः
(15) सिन्धी भाषा- (21 वें संविधान संशोधन 1967 द्वारा)
(16) कोंकणी- (71 वें संविधान संशोधन 1992 द्वारा)
(17) मणिपुरी- (71वें संविधान संशोधन 1992 द्वारा)
(18) नेपाली- (71वें संविधान संशोधन 1992 द्वारा)
(19) बोडो- (92वें संविधान संशोधन 2003 द्वारा)
(20) डोगरी- (92 वें संविधान संशोधन 2003 द्वारा)
(21) मैथिली- (92 वें संविधान संशोधन 2003 द्वारा)
(22) संथाली- (92 वें संविधान संशोधन 2003 द्वारा)

इस प्रकार 8वीं अनुसूची में 22 भाषाएँ हो गई।
विशेष – मैथिलीः आदिकाल से ही अपनी साहित्यिक समृद्धि तथा बोली की मिठास के कारण मैथिली को आठवीं अनुसूची में स्थान दिया गया है। आठवीं अनुसूची में शामिल यह हिन्दी की एकमात्र बोली है।
भोजपुरीः हिन्दी भाषा की सबसे समृद्ध बेाली है। जनता द्वारा प्रयोग किये जाने की दृष्टि से इसका प्रथम स्थान है। फिल्म निर्माण की दृष्टि से भी यह बोली सबसे संपन्न है। किन्तु भोजपुरी को आठवीं अनुसूची की 22 भाषाओं में स्थान नहीं दिया गया है।

नोटः अंग्रेजीः चूंकि विदेशी भाषा है किन्तु फिर भी यह भारत की राजभाषा हिन्दी के समानांतर राजकाज की भाषा में प्रयुक्त होती है। आठवीं अनुसूची की 22 भाषाओं में अंग्रेजी को शामिल नहीं किया गया है।

संविधान सभा द्वारा संविधान निर्माण हेतु कुछ समितियों का गठन किया गया जो निम्न प्रकार थी ।।

⚜समिति - ⚜अध्यक्ष

🔸संघ शक्त् समिति
 - जवाहर लाल नेहरू

🔸 संविधान समिति 
- जवाहर लाल नेहरू

🔸राज्यों के लिए समिति
 - जवाहर लाल नेहरू

🔸राज्यों तथा रियासतों से परामर्श समिति 
- सरदार पटेल

🔸मौलिक अधिकार एवं अल्पसंख्यक समिति 
 - सरदार पटेल

🔸प्रान्तीय संविधान समिति  
  - सरदार पटेल

🔸मौलिक अधिकारों पर उपसमिती    
- जे. बी. कृपलानी

🔸झण्डा समिति अध्यक्ष 
- जे. बी. कृपलानी

🔸प्रक्रिया नियम समिति(संचालन)  
 - राजेद्र प्रसाद

🔸 सर्वोच्च न्यायलय से संबधित समिति
 - एस. एच. वर्धाचारियर

🔸प्रारूप संविधान का परीक्षण करने वाली समिति 
   - अल्लादी कृष्णा स्वामी अरयर

🔸प्रारूप समिति/ड्राफटिंग/मसौदा समिति    
 - डा. भीमराव अम्बेडकर

🔸संविधान समीक्षा आयोग
 - एम एन बैक्टाचेलेया

♦️ प्रारूप समिति के 7 सदस्य निम्न थे-

▪डाॅ. बी. आर. अम्बेडकर
▪अल्लादी कृष्णा स्वामी अयंगर
▪एन. गोपाल स्वामी अयंगर
▪कन्हैयालाल माणिक्यलाल मुशी
▪एन. माधवराज -यह बी. एल. मित्तल के स्थान पर आये थे।
▪टी. टी. कृष्णामाचारी - यह डी. पी. खेतान के स्थान पर आये थे।
▪मोहम्मद सादुल्ला
⚜प्रारूप समिति 29 अगस्त 1947 को गठित की गई थी।

Imp Facts about Constitution

👉Fundamental Rights – USA 

👉 Single Citizenship – Britain 

👉 National Emergency – Germany 

👉 Fundamental Duties – USSR
 
👉 Procedure Established by Law – Japan 
 
👉 The constituent assembly took 2 years, 11 months and 18 days to frame the constitution.

👉There were 22 parts, 395 articles, and 8 schedules in the original constitution. 

👉The constitution had got ready on 26th November 1949 and some provisions relating to Citizenship, Elections, provisional parliament, and temporary & transitional provisions were given immediate effect. 

👉The rest of the constitution came into force on 26 January 1950. 

👉26 January 1930 marked the “Poorna Swarajya“ resolution of Indian National Congress under Jawahar Lal Nehru and so the date was chosen in 1950 to be our republic day.

भारतीय संविधान से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न- उत्तर ।।

Bhartiya Samvidhan Question Answer in Hindi

संसद के तीन अंग कौन कौन से होते हैं। –  राज्य सभा, लोकसभा और राष्ट्रपति

शून्य काल का समय कब से कब तक का होता है। –  12 से 1 बजे तक( 1 घंटे का)

मूल कर्तव्यों को किस संशोधन द्वारा संविधान में शामिल किया गया। –  42वां संविधान संशोधन

विश्व में किस देश का संविधान सबसे बड़ा लिखित संविधान है। –  भारत

भारत के संविधान को बनाने में कितना समय लगा था। –  2 वर्ष, 11 महीने, 18 दिन

भीमराव अंबेडकर ने”संविधान कीआत्मा” किसे कहा है। –  संवैधानिक उपचारों के अधिकार को

मौलिक कर्तव्यों का वर्णन किस अनुच्छेद में दिया गया है ।–  अनुच्छेद 51 ( क)

हमारे देश में तीनों सेनाओं का सेनापति  कौन होता है। –  राष्ट्रपति

संसद के दोनों सदनों के प्रश्न काल के ठीक के बाद के समय को क्या कहा जाता है। –  शून्यकाल

संविधान के किस अनुच्छेद द्वारा मतदान के लिए आयु सीमा 21 वर्ष से घटाकर 18 कर दी गई थी। – 61 वा संविधान संशोधन

मौलिक अधिकार को सबसे पहले किस देश में सर्वप्रथम मान्यता दी गई –  अमेरिका

संविधान के किस संशोधन द्वारा संपत्ति के मौलिक अधिकार को समाप्त कर दिया गया। –  44 वें संविधान संशोधन द्वारा

हमारे देश में अब तक वित्तीय आपातकाल कितनी बार लगा चुका है। –  कभी नहीं

भारतीय संविधान में कितने प्रकार का रिट  जारी करने की शक्ति है।  – 5

हमारे देश में पहली बार राष्ट्रपति शासन किस राज्य में लगा था। –  पंजाब में

नागरिकता से संबंधित अनुच्छेद ।।

 #Polity

✍ 5 — संविधान के प्रारंभ में नागरिकता

✍ 6 — पाकिस्तान से भारत को प्रवर्जन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार

✍ 7 — पाकिस्तान को प्रवर्जन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार

✍ 8 — भारत से बाहर रहने वाले भारतीय मूल के कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार

✍ 9 — विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित करने वाले व्यक्तियों का नागरिक न होना

✍ 10 — नागरिकता के अधिकारों का बना रहना

✍ 11 — संसद द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनिमय किया जाना

Articles related to CITIZENSHIP

✍ 5 — Citizenship at the commencement of the Constitution

✍ 6 — Rights of citizenship of certain persons who have migrated to India from Pakistan

✍ 7 — Rights of citizenship of certain migrants to Pakistan.

✍ 8 — Rights of citizenship of certain persons of Indian origin residing outside India

✍ 9 — Persons voluntarily acquiring citizenship of a foreign state not to be citizens

✍ 10 — Continuance of the rights of citizenship

✍ 11 — Parliament to regulate the right of citizenship by law

भारत का विधि आयोग ।।

✍️ भारतीय विधि आयोग न तो एक संवैधानिक निकाय है और न ही वैधानिक निकाय। यह भारत सरकार के आदेश से गठित एक कार्यकारी निकाय है। इसका प्रमुख कार्य है, कानूनी सुधारों हेतु कार्य करना।

✍️ स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1955 में पहला विधि आयोग स्थापित किया गया था। भारत के तत्कालीन अटॉर्नी जनरल एम.सी. सीतलवाड की अध्यक्षता में प्रथम विधि आयोग का गठन किया गया था। 

✍️ भारत के 21वें विधि आयोग का गठन 1 सितंबर 2015 को 3 वर्ष की अवधि के लिए किया गया था। आम तौर पर प्रत्येक विधि आयोग का गठन 3 वर्ष की अवधि के लिए होता है। 

✍️ 22वें विधि आयोग का गठन 21 फरवरी 2020 को किया गया था। 

✍️ सबसे पहली बार प्रथम विधि आयोग वर्ष 1834 में 1833 के चार्टर एक्ट के तहत लॉर्ड मैकाले की अध्यक्षता में गठित किया गया था जिसने दंड संहिता और दंड प्रक्रिया संहिता को संहिताबद्ध करने की सिफ़ारिश की।

✍️ इसके बाद द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ विधि आयोग, जो क्रमशः वर्ष 1853, 1861 और 1879 में गठित किये गए थे, ने 50 वर्ष की अवधि में उस समय प्रचलित अंग्रेजी क़ानूनों के पैटर्न पर, जिन्हें कि भारतीय दशाओं के अनुकूल किया गया था, की व्यापक किस्मों से भारतीय विधि जगत को समृद्ध किया।

Law Commission of India

✍️ The Law Commission of India is neither a constitutional body nor a statutory body. It is an executive body constituted by order of the Government of India. Its main function is to work for legal reforms.

✍️ After independence, the first Law Commission was established in the year 1955. The first Law Commission was constituted under the chairmanship of MC Setalvad, the then Attorney General of India.

✍️ The 21st Law Commission of India was constituted on 1st September 2015 for a period of 3 years. Normally each Law Commission is constituted for a period of 3 years.

✍️ The 22nd Law Commission was constituted on 21st February 2020.

✍️ For the first time, the first Law Commission was constituted in the year 1834 under the chairmanship of Lord Macaulay under the Charter Act of 1833 which recommended codification of the Criminal Code and the Code of Criminal Procedure.

✍️ This was followed by the Second, Third and Fourth Law Commissions, which were constituted in the years 1853, 1861 and 1879 respectively, over a period of 50 years, enriched the Indian legal world with a wide variety of patterns of English law prevailing at that time, which were adapted to Indian conditions.

POLITY PREVIOUS YEAR QUESTION ‼️

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति कौन करता है। – राष्ट्रपति

संविधान की व्याख्या करने का अंतिम अधिकार किसको प्राप्त है। – सर्वोच्च न्यायालय

मौलिक अधिकार का प्रावधान किस देश के संविधान से लाया गया। – अमेरिका

जब राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति दोनों का पद खाली हो तो राष्ट्रपति के पद को कौन संभालता है। – भारत का मुख्य न्यायाधीश

भारतीय की 22 भाषाओं का उल्लेख किस अनुसूची में है। – आठवीं

भारतीय संविधान की प्रस्तावना किन शब्दों से शुरू होती है। – हम भारत के लोग

42 वें संशोधन(1976) द्वारा प्रस्तावना में कौन से शब्द शामिल किए गए। – समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष एवं अखंडता
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में हमारे देश को किस नाम से पुकारा गया है। – इंडिया और भारत

नीति निदेशक सिद्धांत की शक्ति किस देश के संविधान से ली गई है। – आयरलैंड

 भारतीय संविधान को किसके द्वारा अपनाया गया। – संविधान सभा द्वारा

भारत में कौन से राष्ट्रपति दो बार निर्वाचित होने वाले प्रथम राष्ट्रपति बने। – डॉ राजेंद्र प्रसाद

प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र देने वाली प्रथम प्रधानमंत्री थे। – मोरारजी देसाई

कोई भी व्यक्ति किसी भी संसद का सदस्य बनाया अपने पद पर कितने दिनों तक रह सकता है। – 6 महीने तक

राष्ट्रीय आपातकाल में कौन सा अनुच्छेद स्थगित नहीं होता है। – अनुच्छेद 21

लोकसभा की कार्यवाही चलाने के लिए कोई सदस्यों की संख्या होनी चाहिए। – 1/10 का उपस्थित होना 10%

‼️ POLITY PREVIOUS YEAR QUESTION ‼️

Who appoints the Comptroller and Auditor General? - President

Who has the final authority to interpret the constitution? - Supreme Court

The provision of fundamental rights was brought from the constitution of which country? - America

When the post of both the President and the Vice-President are vacant, then who takes over the office of the President. - Chief Justice of India

In which schedule are the 22 languages of India mentioned? - Eighth

With which words does the Preamble of the Indian Constitution begin? We the people of India

Which words were added to the Preamble by the 42nd Amendment (1976)? Socialist, secular and integrity
By what name has our country been called in the Preamble of the Indian Constitution? – India and India

The power of Directive Principles of State Policy is derived from the constitution of which country? - Ireland

  By whom was the Indian Constitution adopted? by the Constituent Assembly

Which President of India became the first President to be elected twice? – Dr. Rajendra Prasad

He was the first Prime Minister to resign from the post of Prime Minister. - Morarji Desai

For how many days a person made a member of any parliament can stay on his post. – up to 6 months

Which article is not suspended during national emergency? Article 21

There must be a certain number of members to run the proceedings of the Lok Sabha. – Attendance of 1/10 10%

मौलिक अधिकारों से सम्बन्धित महत्वपूर्ण प्रश्न ।।

Q1. मौलिक अधिकार संविधान के किस भाग में वर्णित है ?
A.भाग II
B.भाग III ✅✅
C.भाग IV
D.भाग VI

Q2. भारत के संविधान का भाग III सम्बद्ध है -
A.राज्य के नीति निर्देशक तत्त्वों से
B.मूल कर्तव्यों से
C.मूल अधिकारों से ✅✅
D.नागरिकता से

Q3. मूल अधिकारों को सर्वप्रथम किस देश में संवैधानिक मान्यता प्रदान की गई ?
A. भारत
B.संयुक्त राज्य अमेरिका✅✅
C.फ्रांस
D.ब्रिटेन

Q4. भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों का वर्णन है -
A.संविधान के अनुच्छेद 12 से 35 तक✅✅
B.संविधान के अनुच्छेद 13 से 36 तक
C.संविधान के अनुच्छेद 15 से 39 तक
D.संविधान के अनुच्छेद 16 से 40 तक

Q5. डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने भारतीय संविधान के किस भाग को सर्वाधिक आलोकित भाग कहा है ?
A.भाग I
B.भाग II
C.भाग III✅✅
D.भाग IV

Q6. मूल अधिकार मूल कहलाते हैं, क्योंकि वह -
A.न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय है
B.संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार घोषणा पत्र के अनुरूप है
C.सरलता से संशोधनीय नहीं है
D.मानव के प्राकृतिक और अप्रतिदेय अधिकार है✅✅

Q7. भारतीय संविधान के भाग III में कुल कितने अनुच्छेदों में मूल अधिकारों का वर्णन है ?
A.21
B.22
C.23
D.24✅✅

Q8. भारतीय संविधान द्वारा भारतीय नागरिकों को कुल कितने मौलिक अधिकार प्रदान किये गए थे ?
A.6
B.7✅✅
C.4
D.5

Q9. वर्तमान में भारतीय नागरिकों को कितने मौलिक अधिकार प्राप्त है ?
A.6✅✅
B.7
C.8
D.9

Q10. भारत के संविधान में मौलिक अधिकार -
A.मूल संविधान का हिस्सा था✅✅
B.चौथे संशोधन द्वारा जोड़े गए थे
C.संसद द्वारा 1952 में जोड़े गये थे
D.42वें संशोधन द्वारा जोड़े गये थे

▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬▭▬

भू-राजस्व व्यवस्थायें –

✍️ रैयतवारी व्यवस्था – थामस मुनरो और कैप्टन रीड के द्वारा शुरु की गई इस व्यवस्था को प्रायोगिक तौर पर सर्वप्रथम मद्रास प्रेसीडेंसी (तमिलनाडु) के बारामहल (1792) में लागू किया गया। तमिलनाडु, मद्रास, बंबई प्रेसीडेंसी के कुछ हिस्सों, असम तथा कुर्ग के कुछ हिस्सों सहित यह व्यवस्था ब्रिटिश भारत के लगभग 51% भू-भाग पर लागू की गयी। इसके अंतर्गत किसानों को भू-स्वामी मानकर लगान का निर्धारण किया गया। इसमें 20-30 वर्षों पर लगान का पुनर्निर्धारण किया जाता था। 

✍️ महालवाड़ी बंदोबस्त – इस व्यवस्था के तहत गांव की बिरादरी अपने प्रतिनिधियों (मुखिया या लम्बरदार आदि) के माध्यम से रकम चुकाने का भार अपने ऊपर लेती थी। यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश, मध्यप्रांत, पंजाब में अर्थात भारत के कुल 30% भूमि पर लागू थी।

✍️ माटिन बर्ड – को उत्तरी भारत में भूमि का व्यवस्था का प्रवर्तक के नाम से स्मरण किया जाता है।

✍ नील दर्पण – यह दीनबंधु मित्र द्वारा 1860 में लिखित नाटक था, जिसमें नील की खेती करने वाले कृषकों की दयनीय दशा का वर्णन था। नील के रंग बनाने का उद्योग भारत में 18वीं सदी के अंत में शुरु किया गया था।

✍️ स्थायी बंदोबस्त – यह व्यवस्था लॉर्ड कार्नवालिस ने सर जॉन शोर के सुझावों पर 1793 में लागू की थी। इसके तहत लगान की एक निश्चित मात्रा, जो जमींदारों द्वारा देय थी, हमेशा के लिए निर्धारित कर दी गई। जमींदार अपनी सेवाओं के लिए एक हिस्सा (1/11) अपने पास रखता था। यह व्यवस्था बंगाल, बिहार, उड़ीसा तथा बनारस के क्षेत्रों एवं कर्नाटक (19%) पर लागू थी।

Land Revenue Systems –

✍️ Ryotwari System – This system was started by Thomas Munro and Captain Reed and was the first to implement it on a pilot basis in Baramahal (1792) of Tamil Nadu. This system was implemented on about 51% of the land area of British India, including parts of Tamil Nadu, Madras, Bombay Presidency, parts of Assam and Coorg. Under this, the rent was fixed by considering the farmers as the owners of the land. In this, the rent was re-fixed every 20-30 years.

✍️ Mahalwari Settlement – Under this system, the village fraternity used to take the burden of paying the amount through its representatives (chieftains etc.). This system was applicable in Uttar Pradesh, Madhya Pradesh, Punjab i.e. on total 30% land of India.

✍️ Martin Bird is remembered as the originator of the land system in northern India.

✍️ Neel Darpan – This was a play written by Dinabandhu Mitra in 1860, in which the pathetic condition of the farmers cultivating indigo was described. The industry of making indigo dyes was started in India in the late 18th century.

✍️ Permanent Settlement – This system was implemented by Lord Cornwallis in 1793 on the suggestions of Sir John Shore. Under this a fixed amount of rent, which was payable by the zamindars, was fixed forever. The zamindar kept a share (1/11) with himself for his services. This system was applicable to the areas of Bengal, Bihar, Orissa and Banaras and Karnataka (19%).

भारतीय राज व्यवस्था से सम्बन्धित टॉप महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर ।।

उच्च न्यायालय । राज व्यवस्था

• भारत में कुल कितने उच्च न्यायालय हैं? -24

• भारत के किस उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या सबसे कम है? -सिक्किम उच्च न्यायालय 

• भारत के किस उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या सबसे अधिक है? -इलाहाबाद उच्च न्यायालय 

• किस उच्च न्यायालय के सर्वाधिक स्थायी/अस्थायी खंडपीठ हैं? -गुवाहाटी उच्च न्यायालय 

• भारत के किस संघ शासित क्षेत्र का अपना उच्च न्यायालय है? -दिल्ली 

• पटना उच्च न्यायालय की स्थापना कब हुई? -1916 ई. 

• भारत का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय है -इलाहाबाद उच्च न्यायालय 

• किसके अन्तर्गत कोलकाता, चैन्नई एवं मुम्बई के उच्च न्यायालय स्थापित किये गये थे? -भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम, 1861 

• अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह किस उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार में आते हैं? -कोलकाता उच्च न्यायालय 

• छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय कहाँ स्थित है? -बिलासपुर 

• उत्तराखंड उच्च न्यायालय की स्थापना कहाँ की गई है? -नैनीताल 

• झारखंड उच्च न्यायालय की स्थापना कहाँ की गई है? -राँची 

• मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय कहाँ स्थित है? -जबलपुर 

• केरल का उच्च न्यायालय कहाँ स्थित है? -एर्नाकुलम 

• उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद पर नियुक्त होने वाली प्रथम महिला कौन है?-अन्ना चण्डी 

• उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद पर नियुक्त होने वाली प्रथम महिला कौन हैं? -लीला सेठ 

• दो या अधिक राज्यों या संघीय प्रदेश के लिए एक सामान्य उच्च न्यायालय की स्थापना किसके द्वारा की जा सकती हैं?-संसद द्वारा कानून बनाकर 

• उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार को घटाने या बढ़ाने का अधिकार किसे है? -संसद को

• उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति कौन करता है -राष्ट्रपति 

• किसी न्यायाधीश को एक उच्च न्यायालय से दूसरे में स्थानान्तरित करने का अधिकार किसको हैं?-भारत के राष्ट्रपति

• उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की अधिकतम उम्र सीमा क्या है? -65 वर्ष 

• उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीश को प्रतिमाह क्रमश: कितना वेतन मिलता है?-₹90,000 ₹ 80,000

• किसी राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन तथा भत्ते कौन-सी निधि पर भारित होते हैं? -सम्बन्धित राज्य की संचित निधि 

• उच्च न्यायालय के न्यायाधीश किस आयु तक अपना पद धारण कर सकते -62 वर्ष 

• उच्च न्यायालय को किसका अधीक्षण करने का अधिकार है?-अधीनस्थ न्यायालय 

• सबसे पहले किस उच्च न्यायालय ने घोषणा की कि बंद असंवैधानिक है? -केरल 

• भारत के कितने उच्च न्यायालयों की अधिकारिता में एक से अधिक राज्य - हैं (संघ राज्य क्षेत्र शामिल नहीं)? 

• उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने हेतु उम्मीदवार द्वारा -किसी उच्च न्यायालय में 10 वर्ष तक अधिवक्ता के रूप में कार्य किया गया हो

समितियाँ और उनका गठन वर्ष, व उनका उद्देश्य ।।

समिति का नाम — गठन वर्ष — उद्देश्य

✍ कपूर आयोग -- 1966 -- कपूर आयोग मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या की साजिश में भारत के मैसूर की जांच का एक आयोग था।

✍ खोसला आयोग -- 1970 -- सुभाष चंद्र बोस की मौत की फिर से जांच करने के लिए

✍ मंडल आयोग -- 1979 -- मंडल आयोग का गठन वर्ष 1979 में "सामाजिक या शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग की पहचान” के उद्देश्य से किया गया था। इस आयोग का नेतृत्व भारतीय बी.पी. मंडल द्वारा किया गया था।

✍ मुखर्जी आयोग -- 1959 -- सुभाष चंद्र बोस की मौत की फिर से जांच करने के लिए

✍ नरेन्द्रन आयोग -- 2000 -- नरेंद्रन आयोग फरवरी 2000 में केरल सरकार, भारत द्वारा नियुक्त एक जांच आयोग था, जो राज्य की सार्वजनिक सेवाओं में पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधित्व की पर्याप्तता या अन्यथा पर अध्ययन और रिपोर्ट करने के लिए था।

✍ संविधान के कामकाज की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय आयोग -- 2000 -- चुनावी कानूनों में बदलाव का सुझाव देना

Committee Name -- Establishment Year -- Details

✍ Kapur Commission -- 1966 -- The Kapur Commission was a commission of inquiry of Mysore, India, into the murder conspiracy of Mohandas Karamchand Gandhi.

✍ Khosla Commission -- 1970 -- To re-investigate the death of Subhas Chandra Bose

✍ Mandal Commission -- 1979 -- Mandal Commission was constituted in the year 1979 with the objective of "identification of socially or educationally backward class". This commission was headed by Indian B.P Mandal.

✍ Mukherjee Commission -- 1959 -- To re-investigate the death of Subhas Chandra Bose 

✍ Narendran Commission -- 2000 -- Narendran Commission was an inquiry commission appointed by The Government of Kerala, India, in February 2000 to study and report on the adequacy or otherwise of representation for Backward Classes in the State public services.

✍ National Commission to Review the Working of the Constitution -- 2000 -- To suggest changes in electoral laws

मूल अधिकारों एवं निदेशक तत्वों के बीच अंतर

 मूल अधिकार 

✍️ ये नकारात्मक हैं जैसा कि ये राज्य को कुछ मसलों पर कार्य करने से प्रतिबंधित करते हैं।

✍️ ये न्यायोचित होते हैं, इनके हनन पर न्यायालय द्वारा इन्हें लागू कराया जा सकता है।

✍️ इनका उद्देश्य देश में लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था स्थापित करना है।

✍️ ये कानूनी रुप से मान्य हैं।

✍️ ये व्यक्तिगत कल्याण को प्रोत्साहन देते हैं, इस प्रकार ये वैयक्तिक हैं।

✍️ इनको लागू करने के लिए विधान की आवश्यकता नहीं, ये स्वतः लागू हैं।

✍️ न्यायालय इस बात के लिए बाध्य कि किसी भी मूल अधिकार के हनन की विधि को वह गैर-संवैधानिक एवं अवैध घोषित करे।

निदेशक तत्व 

✍️ ये सकारात्मक हैं, राज्य को कुछ मसलों पर इनकी आवश्यकता होती है।

✍️ ये गैर-न्यायोचित होते हैं। इन्हें कानूनी रुप से न्यायालय द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता।

✍️ इनका उद्देश्य देश में सामाजिक एवं आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना करना है।

✍️ इन्हें नैतिक एवं राजनीतिक मान्यता प्राप्त है।

✍️ ये समुदाय के कल्याण को प्रोत्साहित करते हैं, इस तरह ये समाजवादी हैं।

✍️ इन्हें लागू रखने विधान की आवश्यकता होती है, ये स्वतः लागू नहीं होते।

✍️ निदेशक तत्वों का उल्लंघन करने वाली विधि को न्यायालय असंवैधानिक और अवैध घोषित कर सकता। यद्यपि विधि की वैधता को इस आधार पर सही ठहराया जा सकता है कि इहें निदेशक तत्वों को प्रभावी करने के लिए किया गया था।

Difference between Fundamental Rights and Directive Principles

Fundamental Rights   

✍️ These are negative as they prohibit the State from doing certain things.

✍️ These are justiciable, that is, they are legally enforceable by the courts in case of their violation. 

✍️ They aim at establishing political democracy in the country.

✍️ These have legal sanctions.

✍️ They promote the welfare of the individual. Hence, they are personal and individualistic.

✍️ They do not require any legislation for their implementation. They are automatically enforced.

✍️ The courts are bound to declare a law violative of any of the Fundamental Rights as unconstitutional and invalid.

Directive Principles  

✍️ These are positive as they require the State to do certain things. 

✍️ These are non-justiciable, that is, they are not legally enforceable by the courts for their violation.

✍️ They aim at establishing social and economic democracy in the country.

✍️ These have moral and political sanctions.

✍️ They promote the welfare of the community. Hence, they are societarian and socialistic.

✍️ They require legislation for their implementation. They are not automatically enforced. 

✍️ The courts cannot declare a law violative of any of the Directive Principles as unconstitutional and invalid. However, they can uphold the validity of a law on the ground that it was enacted to give effect to a directive.

महत्वपूर्ण समितियाँ एवं उनसे संबंधित क्षेत्र

 समिति  ~  संबंधित क्षेत्र

🪴 न्यायमूर्ति ए.के. माथुर आयोग — 7 वें वेतन आयोग 

🪴 वाघुल समिति — भारत में मुद्रा बाजार 

🪴 वासुदेव समिति — एनबीएफसी क्षेत्र में सुधार 

🪴 अरुणा सुंदरराजन समिति — दूरसंचार क्षेत्र का पुनरूद्धार 

🪴 चंद्रशेखर समिति — उद्यम पूंजी 

🪴 दवे समिति — असंगठित क्षेत्र के लिए पेंशन योजना 

🪴 ए. घोष समिति — बैंकों में गड़बड़ी             

🪴 के.एन. काबरा समिति — फ्यूचर ट्रेडिंग

🪴 भूरेलाल समिति — मोटर वाहन कर में वृद्धि 

Committee Name — Related Field

🪴 Justice A.K Mathur Commission — 7th Pay Commission 

🪴 Vaghul Committee — Money market in India 

🪴 Vasudev Committee — NBFC sector reforms 

🪴 Aruna Sundararajan Committee — Telecom sector revival 

🪴 Chandra Shekhar Committee — Venture Capital.

🪴 Dave Committee — Pension Scheme for Unorganized Sector 

🪴 A. Ghosh Committee — Malpractices in banks 

🪴 Bhurelal Committee — Increases in Motor Vehicle Tax

राष्ट्रपति का निर्वाचन –

राष्ट्रपति का निर्वाचन जनता प्रत्यक्ष रुप से नहीं करती बल्कि एक निर्वाचन मंडल के सदस्यों द्वारा उसका निर्वाचन किया जाता है। इसमें निम्न लोग शामिल होते हैं –

1.संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य

2.राज्य विधानसभा के निर्वाचित सदस्य

3.केन्द्रशासित प्रदेशों दिल्ली व पुडुचेरी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य

राष्ट्रपति के पद हेतु अर्हताएं – 

✍ राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए व्यक्ति की निम्न अर्हताओं को पूर्ण करना आवश्यक है –

1.वह भारत का नागरिक हो।

2.वह 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो।

3.वह लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने के लिए अर्हित है।

4.वह संघ सरकार में अथवा किसी राज्य सरकार में अथवा किसी स्थानीय प्राधिकरण में अथवा किसी सार्वजनिक प्राधिकरण में लाभ के पद पर न हो।संघ के वर्तमान अध्यक्ष या उपाध्यक्ष, किसी भी राज्य के राज्यपाल और संघ या किसी राज्य के मंत्री को लाभ का कोई पद धारण करने वाला नहीं समझा जाता है और इसलिए राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में योग्य माना जाता है।

ELECTION OF THE PRESIDENT

✍ The President is elected not directly by the people but by members of electoral college consisting of: 

1.The elected members of both the Houses of Parliament; 

2.The elected members of the legislative assemblies of the states; and 

3.The elected members of the legislative assemblies of the Union Territories of Delhi and Puducherry.

Qualifications for Election as President

✍ A person to be eligible for election as President should fulfil the following qualifications: 

1.He should be a citizen of India. 

2.He should have completed 35 years of age. 

3.He should be qualified for election as a member of the Lok Sabha. best study channel-study for civil services

4.He should not hold any office of profit under the Union government or any state government or any local authority or any other public authority. A sitting President or VicePresident of the Union, the Governor of any state and a minister of the Union or any state is not deemed to hold any office of profit and hence qualified as a presidential candidate.

संपत्ति का अधिकार

संविधान के 44 वें संशोधन के बाद, संपत्ति का अधिकार एक मौलिक अधिकार हो गया है। अनुच्छेद 300 ए के तहत, यह एक संवैधानिक अधिकार बन गया है। एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू कमजोर वर्गों से संबंधित कृषि और गृहस्थ भूमि के अभाव या अधिग्रहण के संबंध में है। इस तरह के अभाव से पहले, वंचित व्यक्तियों को गुणवत्ता की भूमि प्रदान की जानी चाहिए, क्योंकि लगभग भूमि उन लोगों के बराबर हो सकती है, जो पहले कब्जा कर रहे थे या अन्यथा पर्याप्त रूप से पुनर्वासित थे।

✅ RIGHT TO PROPERTY 

After the 44th Amendment of the Constitution, right to property has ceased to be a fundamental right.

Under Article 300A, it has become a constitutional right. One other important aspect is with regard to deprivation or acquisition of agricultural and homestead land belonging to weaker sections. Before such deprivation takes place, the persons so deprived must be provided lands of quality as nearly as may be equal to the lands such persons were previously occupying or otherwise adequately rehabilitated. 

भारतीय संविधान के भाग ।।

      (भारतीय संविधान के 22 भाग है)

➡️भाग - 1
संघ और उनका राज्यक्षेत्र

➡️भाग - 2
नागरिकता

➡️भाग - 3
 मूल अधिकार

➡️भाग - 4
राज्य की नीति के निर्देशक तत्व

➡️भाग - 4 (क) मूल कर्तव्य

➡️भाग - 5
संघ

➡️भाग - 6
 राज्य

➡️भाग - 7
 निकाल दिया गया निरस्त कर दिया गया

➡️भाग - 8 
संघ राज्य क्षेत्र

➡️भाग - 9
पंचायत

9 (क) नगर पालिकाए
9 (ख) सहकारी समितियां

➡️भाग - 10 
अनुसूचित जाति, जनजातीय क्षेत्र

➡️भाग - 11 
संघ और राज्यों के बीच संबंध

➡️भाग - 12
 वित्त, संपत्ती, संविदाए और वाद

➡️भाग - 13
 भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम

➡️भाग - 14 
संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं

➡️भाग - 14 (क)
 अधिकरण

➡️भाग - 15
निर्वाचन

➡️भाग - 16 
कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध

➡️भाग - 17
 राज्य भाषा

➡️भाग - 18
आपात उपबंध

➡️भाग - 19
प्रकीर्ण

➡️भाग - 20 
संविधान का संशोधन

➡️भाग - 21
अस्थाई, संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध

➡️भाग - 22
संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिंदी में प्राधिकृत पाठ और निरसन

➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖

Important Supreme Court Judgements

✅A.K. Gopalan Case (1950)
✅Romesh Thapar Case (1950)
✅Shankari Prasad Case (1951)
✅Berubari Union case (1960)
✅Kedar Nath Singh vs State Of Bihar (1962)
✅Golaknath case (1967)
✅Kesavananda Bharati case (1973)
✅Indira Gandhi v. Raj Narain case (1975)
✅Habeas Corpus Case (1976 )
✅Maneka Gandhi case (1978)
✅Minerva Mills case (1980)
✅Waman Rao Case (1981)
✅Shah Bano Begum case (1985)
✅MC Mehta and Union Of India (1986)
✅Mohini Jain vs State of Karnataka (1989)
✅Indra Sawhney and Union of India (1992)
✅S. R. Bommai case (1994)
✅Vishaka and State of Rajasthan (1997)
✅Samatha and State of Andhra Pradesh (1997)
✅L Chandra Kumar Case (1997)
✅Lily Thomas v Union of India (2000)
✅I.R Coelho and State of Tamil Nadu 2007
✅Pedophilia case (2011)
✅Aruna Shanbaug Case (2011)
✅NOTA judgement (2013)
✅Lily Thomas and Union Of India (2013)
✅Nirbhaya Case (2014)
✅National Legal Services Authority and Union of India (2014)
✅Triple Talaq Judgement (2016)
✅Right To Privacy (2017)
✅Puttuswamy Case (2017)
✅Repealing Section 377 (2018)
✅Public Interest Foundation v. Union of India (2018)

Join @UPSCMainsGuidance

Minimum Members Age

1. Lok Sabha - 25 years

2. Rajya Sabha - 30 years

3. Legislative Assembly - 25 years

4. Legislative Council - 30 years

5. Head - 21 years

6. Sarpanch - 21 years

7. President - 35 years

8. Governor - 35 years

9. Vice President - 35 years

10. Prime Minister - 25 years

11. Chief Minister - 25 years

╭─❀⊰╯ प्रमुख सदस्य व न्यूनतम आयु 
╨──────────────────━❥

  
☬ लोकसभा ➩ 25 वर्ष

☬ राज्यसभा ➩ 30 वर्ष 

☬ विधान सभा ➩ 25 वर्ष 

☬ विधान परिषद ➩ 30 वर्ष 

☬ मुखिया ➩ 21 वर्ष 

☬ सरपंच ➩ 21 वर्ष 

☬ राष्ट्रपति ➩ 35 वर्ष 

☬ राज्यपाल ➩ 35 वर्ष  

☬ उपराष्ट्रपति ➩ 35 वर्ष 

☬ प्रधान मंत्री ➩ 25 वर्ष

☬ मुख्य मंत्री ➩ 25 वर्ष
──────────────────────────────

अनुच्छेद 355 (Article 355)

संदर्भ:

हाल ही में, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस पार्टी ने मांग करते हुए कहा है, कि पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से भंग हो चुकी है और संविधान के प्रावधानों के अनुसार राज्य को शासित करने के लिए ‘अनुच्छेद 355(Article 355) को लागू किया जाना चाहिए।

संबंधित प्रकरण:

पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में 21 मार्च 2022 को सत्ताधारी दल के दो गुटों के बीच हिंसक लड़ाई हुई।

बीरभूम जिले की रामपुर हाट में कुछ दिन पहले सत्ताधारी टीएमसी के ग्राम पंचायत उप प्रधान ‘भादु शेख’ की हत्या कर दी गयी थी और इसकी जवाबी कार्रवाई में क्षेत्र में घरों पर हमला किया गया और आग लगा दी गई जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं और बच्चों सहित 12 लोगों की मौत हो गई। मरने वाले सभी व्यक्ति अल्पसंख्यक समुदाय से हैं।

‘अनुच्छेद 355’ के बारे में:

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 355में उल्लिखित प्रावधान के अनुसार,“संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशान्ति से प्रत्येक राज्य की संरक्षा करे और प्रत्येक राज्य की सरकार का इस संविधान के उपबंधों के अनुसार चलाया जाना सुनिश्चित करे”।

संघ के लिए निर्धारित इस कर्तव्य के दूसरे भाग अर्थात “प्रत्येक राज्य की सरकार को इस संविधान के उपबंधों के अनुसार चलाया जाना सुनिश्चित करने”के कई दृष्टिकोणहैं।

कानून और व्यवस्था का कोण:

“सार्वजनिक व्यवस्था” और “पुलिस” राज्य के विषय हैं और राज्यों के पास इन मामलों पर कानून बनाने की विशेष शक्ति है।

आपातकाल का कथित औचित्य(Alleged justification of emergency):

यद्यपि, इस अनुच्छेद का प्रयोग शायद ही कभी किया गया हो; किंतु इसे अनुच्छेद 352 और 356 के तहत आपातकाल लगाने को उचित ठहराने के एक साधन के रूप में अवश्य देखा जाता है।

एसआर बोम्मई मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा की गयी टिप्पणी के अनुसार, हालाँकि अनुच्छेद 352 के सशस्त्र विद्रोह होने की स्थिति में केंद्र सरकार को राज्य में आपातकाल लागू करने की शक्ति प्रदान की गयी है, किंतु ‘आंतरिक अशांति’ (Internal Disturbance) की स्थिति में इस प्रकार की घोषणा नहीं की जा सकती है।

अतः,सुप्रीम कोर्ट की व्याख्या के अनुसार- अनुच्छेद 355स्वयं केंद्र सरकार को आपातकाल लगाने की शक्ति प्रदान नहीं करता है, क्योंकिमात्र ‘आंतरिक अशांति’ से जनित एक प्रकार के सशस्त्र विद्रोह के लिए अनुच्छेद 352के तहत आपातकाल की घोषणा को सही नहीं ठहराया जा सकता है और न ही इस प्रकार की ‘अशांति’अनुच्छेद356 के तहत आपातकाल जारी करने को सही ठहरा सकती है।

धन - विधेयक 💥

• धन विधेयक को पारित करने की प्रक्रिया अनु . 109 में दी गयी है । 

• धन विधेयक में सिर्फ अनु . 110 में निर्दिष्ट विषय आते हैं ।

 • धन विधेयक का विषय क्षेत्र वित्त विधेयक की अपेक्षा सीमित होता है , अतः प्रत्येक वित्त विधेयक धन विधेयक नहीं होता है ।

 • धन विधेयक को राज्यसभा में पेश नहीं किया जा सकता है ।

 • धन विधेयक को राज्यसभा द्वारा 14 दिन के अन्दर सिफारिश सहित या रहित लौटा दिया जाता है ।

 • धन विधेयक को राष्ट्रपति की सिफारिश पर ही लोकसभा में पेश किया जाता है ।

 • धन विधेयक के सम्बन्ध में संयुक्त बैठक का प्रावधान नहीं है ।

 • धन विधेयक को राष्ट्रपति पुनर्विचार के लिए नहीं लौटा सकता है । वह उस पर अनुमति देने के लिए बाध्य है ।