- पर्यावरण से अभिप्राय है – भूमि, जल, वायु, पौधों एवं पशुओं की प्राकृतिक दुनिया जो इनके चारों ओर अस्त्तत्व में है। उन संपूर्ण दशाओं का योग जो व्यक्ति को एक समय बिन्दु पर घेरे हुए होती है। भौतिक, जैविकीय एवं सांस्कृतिक तत्वों की अंत:क्रियात्मक व्यवस्था जो अंत:संबंधित होती है।
- पृथ्वी पर पाए जाने वाले भूमि, जल, वायु, पेड़-पौधों एवं जीव-जंतुओं का समूह जो हमारे चारों ओर है, सामूहिक रूप से कहलाता है – पर्यावरण
- पर्यावरण किसी जीव के चारों तरफ घिरे भौतिक एवं जैविक दशाएं एवं उनके साथ अंत:क्रिया को सम्मिलित करता है – पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की परिभाषा के अनुसार।
- सतत् विकास लक्ष्य’, 2017 के सूचकांक में भारत का स्थान है – 116वां
- वर्षा की मात्रा निर्भर करती है – वायुमंडल में नमी पर
- जलमंडल, स्थलमंडल, जैवमंडल तथा जीवोम में से पृथ्वी का सर्वाधिक बृहद पारिस्थितिक तंत्र है – जैवमंडल
- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) की भारत सरकार द्वारा स्थापना की गई थी – वर्ष 2010 में
- पर्यावरणीय सुरक्षा से संबंध नहीं है –गरीबी कम करने का
- भारत में पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम पारित हुआ – वर्ष 1986 में
- पर्यावरण बनता है – जीवीय घटकों, भू-आकृतिक घटकों, तथा अजैव घटकों से
- पर्यावरण के कुछ कारक संसाधन के रूप में कार्य करते हैं तथा कुछ कारक कार्य करते हैं -नियंत्रक के रूप में Environmental Science
- धारणीय विकास के उपयोग के संदर्भ में अंतर-पीढ़ीगत संवेदनशीलता का विषय है – प्राकृतिक संसाधन
- विकास की वह अवधारणा जिसके तहत वर्तमान की आवश्यकताओं के साथ-साथ भविष्य की आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखाता है – धारणीय विकास
- वर्ष 2002 में जोहॉन्सबर्ग में आयोजित पृथ्वी सम्मेलन का मुख्य मुद्दा था – सतत विकास
- संयुक्त राष्ट्र संघ ने सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals-SDGS) का निर्धारण किया है, वे हैं कुल – 17
- सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की प्रगति की दिशा में विभिन्न देशों द्वारा किए गए प्रयासो की प्रगति जानने हेतु निर्माण किया गया है – सस्टेनेबल डेवलपमेंट इंडेक्स का
- ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाया जाता है – 5 जून को
- देश की प्राकृतिक पूंजी में सम्मिलित किए जाते हैं – वन, जल तथा खनिज
- वे संसाधन, जो हमें प्रकृति द्वारा प्रदत्त होते हैं, कहलाते हैं – प्राकृतिक पूंजी अथवा प्राकृतिक संसाधन
- वर्ष 1972 में आयोजित किया गया था – स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन
- सौर विकिरण की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है – जल चक्र में
- राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी शोध संस्थान (NEERI) अवस्थित है – नागपुर में
- NEERI कार्य करता है – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन
- सतत विकास के लिए आवश्यक है –जैविक विविधता का संरक्षण, प्रदूषण का निरोध एवं नियंत्रण तथा निर्धनता को घटाना
- पृथ्वी शिखर सम्मेलन का योजन किया गया था – रियो में
- संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा पर्यावरा एवं सतत विकास पर पहला पृथ्वी शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया – वर्ष 1992 में रियो डी जनेरिया (ब्राजील) में
- पृथ्वी सम्मेलन में 21वीं सदी के लिए पर्यावरणीय विकास हेतु कार्यक्रम निर्धारित किए गए। इन कार्यक्रमों को नाम दिया गया – एजेंडा-21
- रियो-20 घोषणा पत्र का शीर्षक था – द फ्यूचर वी वांट
- पृथ्वी के चारों ओर गैसों के समूह को कहते हैं – वायुमंडल
- वायु है, एक – मिश्रण
- नाइट्रोजन (78%), ऑक्सीजन (21%), ऑर्गन (0.93%), कार्बन डाइऑक्साइड (0.038%), इत्यादि गैसें पाई जाती हैं – वायुमंडल(Atmisphere) में
- नोबल गैसों में से वह गैस जो वायु में नहीं पाई जाती है – रेडॉन
- वातावरण में सर्वाधिक प्रतिशत है –नाइट्रोजन का
- यदि पृथ्वी पर पाई जाने वाली वनस्पतियां (पेड़-पौधे) समाप्त हो जाएं, तो वह गैस जिसकी कमी होगी – ऑक्सीजन
- वह कार्य जो पेड़ पौधों का नहीं है –वायु का प्रदूषण
- पृथ्वी के कार्बन चक्र में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा को नहीं बढ़ाता है – प्रकाश संश्लेषण
- अपक्षय का विचार संबंधित है –एक प्राकृतिक क्रिया से जो चट्टानों को सूक्ष्म कणों में विभक्त करती है
- विश्व मौसम विाान संगठन का मुख्यालय अवस्थित है – जेनेवा में
- विश्व मौसम विज्ञान अभिसमय (World Meteorogical Convention) लागू हुआ – 23 मार्च, 1950 को
- यू.एन.ई.पी. का मुख्यालय अवस्थित है – नैरोबी में
- संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP-United Nations Environment Programme) की स्थापना हुई थी – वर्ष 1972 में
- UNEP के वर्तमान प्रमुख हैं – एरिक सोल्हेम
- EPA का पूर्ण रूप है – इन्वायरमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी
- EPA (Environmental Protection Agency) संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की संघीय एजेंसी है, जिसकी स्थापना की गई थी – 2 दिसंबर, 1970 को
- E.A. से आशय है – नेशनल इन्वायरमेंट अथॉरिटी
- ग्रीन पीस इंटरनेशलन का मुख्यालय अवस्थित है – एम्सटर्डम में
- ‘इकोमार्क’ उन भारतीय उत्पादों को दिया जाता है, जो – पर्यावरण के प्रति मैत्रीपूर्ण हों
- ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स द्वारा वर्ष 1991 से दिया जा रहा है –‘इकोमार्क’ प्रमाण पत्र
- पर्यावरण अनुकूल उपभोक्ता-उत्पादों को चिन्हित करने के लिए सरकार ने आरंभ किया है – इकोमार्क
- धारणीय कृषि (Sustainable Agriculture) का अर्थ है – भूमि का इस प्रकार प्रयोग कि उसकी गुणवत्ता अक्षुण्ण बनी रहे
- भारत में टिकाऊ कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन चल रहा है – वर्ष 2014-15 से
- भारत में ‘हरितगृह कृषि’ (Green House Farming) प्रारंभ करने वाला राज्य है – पंजाब
- नगरीकरण एवं औद्योगीकरण हानिकारक है – संतुलित विकास के लिए, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी के लिए, जैव-विविधता के संरक्षण के लिए
- राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम, 2010 भरतीय संविधान के जिस प्रावधान के आनुरूप्य अधिनियमित हुआ था/हुए थे –स्वस्थ पर्यावरण के अधिकार के आनुरूप्य, जो अनुच्छेद 21 के अंतर्गत जीवन के अधिकार का अंग माना जाता है
- राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (National Green Tribunal) के अध्यक्ष हैं – जस्टिस आदर्श कुमार गोयल
- राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की स्थापना राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम, 2010 के तहत की गई – 18 अक्टूबर, 2010 को
- ‘हरित विकास’ (ग्रीन डेवलपमेंट) पुस्तक के लेखक हैं – डब्ल्ूय. एम. एडम्स
- आम तौर पर समाचारों में आने वाला रियो + 20 (Rio+20) सम्मेलन है– धारणीय विकास (सस्टेनेबल डेवलपमेंट) पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन
- रियो + 20, धारणीय विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का लघु नाम है। यह सम्मेलन जून, 2012 में सम्पन्न हुआ था – रियो डी जनेरियो,ब्राजील में
- पृथ्वी सम्मेलन+5 आयोिजत हुआ था– वर्ष 1997 में
- 23-27 जून, 1997 के मध्य संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक विशेष बैठक का आयोजन किया (जो रियो + 5 या पृथ्वी सम्मेलन +5 के नाम से जाना जाता है) – न्यूयॉर्क में
- विकास की वह अवधारणा जिसके तहत वर्तमान की आवश्यकताओं के साथ-साथ भविष्य की आवश्यकताओं को भी ध्यान में रखा जाता है – धारणीय विकास(Sustainable Development)
- वैज्ञानिकों, अर्थविदों, सिविल सेवकों तथा व्यवसायियों की एक संस्था जो मानवता के समक्ष उपस्थित होने वाली वैश्विक चुनौतियों के समाधान हेतु सुझाव देती है – क्लब ऑफ रोम
- अर्थ समिट या पृथ्वी शिखर सम्मेलन स्टॉकहोम सम्मेलन की 20वी वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित किया गया। इसमें सम्मिलित देशों ने धारणीय विकास के लिए एक कार्यवाही योजना स्वीकृत की, जिसे जाना जाता है – ‘एजेंडा 21‘ के नाम से
- कई प्रतिरोपित पौधे इसलिए नहीं बढ़ते हैं, क्योंकि– प्रतिरोपण के दौरान अधिकांश मूल रोम नष्ट हो जाते हैं ।
- मूलरोम की कोशा-भित्ति मुख्यतया बनी होती है – सेलुलोज से
- मूलरोम मृदा से चिपके रहते हैं – पेक्टिन के कारण
- पर्यावरण अपकर्ष से अभिप्राय है – पर्यावरणीय गुणों का पूर्ण रूप से निम्नीकरण, मानवीय क्रिया-कलापों से विपरीत परिवर्तन लाना,पारिस्थितिकीय विभिन्नता के परिणामस्वरूप पारिस्थ्ज्ञितिकीय असन्तुलन।
- पर्यावरण संतुलन के संरक्षण से संबंधित है – वन नीति, पर्यावरण (सुरक्षा) अधिनियम, 1986,औद्योगिक नीति तथा शिक्षा नीति
- ‘जैव-विविधता पर अभिसमय’ एवं ‘जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र ढांचा अभिसमय’ के लिए वित्तीय क्रियाविधि के रूप में काम करता है –भूमंडलीय पर्यावरण सुविधा (GEF)
- वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF-Global Environment Facility) की स्थापना की गई –रियो अर्थ समिट, 1992 के दौरान
- UNFCCC के तहत अल्प विकसित देशों को अल्प विकसित देश निधि (Least Developed Countries Fund : LDCF) उपलब्ध कराता है – GEF
- विशिष्ट जलवायु परिवर्तन निधि (The Special Climate Change Fund : SCCF) की स्थापना की गई – CoP-7 की बैठक माराकेश से प्राप्त निर्देशों के आधार पर
- वर्तमान में GEF की कार्यकारी अधिकारी व अध्यक्षा हैं – नाओको इशी (Naoko Ishii)
- पलाचीमाड़ा जो पर्यावरण की अपार क्षति के कारण चर्चा में था, अवस्थित है – केरल में
- पर्यावरा सुरक्षा अधिनियम (EPA) को अन्य जिस नाम से जाना जाता है – छाता विधान
- वर्ष 1972 में स्टाकहोम में आयोजित संयुक्त राष्ट्र के प्रथम मानव पर्यावरण सम्मेलन के निर्णयों को कार्यान्वित करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने पारित किया –पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986
- जेनेटिक इंजीनियरिंग अनुमोदन समिति (Genetic Engineering Approval Committee) का नाम बदल दिया गया है। ‘आनुवंशिक इंजीनियरिंग अनुमोदन समिति’ शब्दों के स्थान पर, जहां कहीं वे आते हैं, शब्द रखे जाएंगे – आनुवंशिक इंजीनियरिंग आकलन समिति(Genetic Engineering Appraisal Committee)
- अपने वार्षिक सर्वेक्षण के परिणाम के रूप में नेशनल जियोग्राफिक सोसायटी एवं अंतरराष्ट्रीय मतदान कंपनी ग्लोबस्कैन ने ग्रीन-डेक्स, 2009 स्कोर के तहत भारत को शीर्ष स्थान दिया। वह स्कोर है – विभिन्न देशों में पर्यावरणीय रूप से धारणीय उपभोक्ता व्यवहार का मापक
- भारत में कृषि के पर्यावरण अनुकूल, दीर्घस्थायी विकास के लिए जो रणनीति सर्वश्रेष्ठ है –मिश्र शस्यन, कार्बनिक खादें, नाइट्रोजन यौगिकीकर पौधो और कीट प्रतिराध शस्य किस्में
- प्राकृतिक कषि का अन्वेषक है – मसानोबू फुफुका
- पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘ग्रीन आर्मी’ को प्रारंभ किया –ऑस्ट्रेलिया ने
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