किसी दवा की एक्सपायरी डेट कैसे तय की जाती है?
किसी भी दवा की समय सीमा एक वैज्ञानिक पद्धति से तय की जाती है। इन दवाइयों को सामान्य से कठिन परिस्थितियों में रखा जाता है। जैसे 75 आर एच से अधिक आद्र्रता या 40 डिग्री से अधिक तापमान। फिर हर महीने या हर हफ्ते उनकी प्रभावशीलता की जांच की जाती है इस आधार पर यह तय किया जाता है कि अमुक दवा की समय सीमा डेढ़ साल या दो साल या फिर तीन साल है। जब दवा बाजार में आ जाती है तो फिर उसका अध्ययन किया जाता है और उसकी प्रभावशीलता के अनुसार ही उसकी समय सीमा बढ़ाई जाती है।
किसी भी दवा की समय सीमा एक वैज्ञानिक पद्धति से तय की जाती है। इन दवाइयों को सामान्य से कठिन परिस्थितियों में रखा जाता है। जैसे 75 आर एच से अधिक आद्र्रता या 40 डिग्री से अधिक तापमान। फिर हर महीने या हर हफ्ते उनकी प्रभावशीलता की जांच की जाती है इस आधार पर यह तय किया जाता है कि अमुक दवा की समय सीमा डेढ़ साल या दो साल या फिर तीन साल है। जब दवा बाजार में आ जाती है तो फिर उसका अध्ययन किया जाता है और उसकी प्रभावशीलता के अनुसार ही उसकी समय सीमा बढ़ाई जाती है।
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