दिसंबर के पहले हफ्ते में शिक्षक भर्ती शुरू होने की संभावना कम
अध्यापक पात्रता परीक्षा 2018 पर आ रही आपत्तियों के चलते 68,500 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया दिसम्बर के पहले हफ्ते में शुरू होने की संभावना कम है। लाख सावधानी बरतने के बावजूद इस बार भी 35 हजार से ज्यादा आपत्तियां आई हैं। अभ्यर्थियों की नजर संशोधित उत्तरमाला पर है।
इन आपत्तियों के निस्तारण से यदि अभ्यर्थी संतुष्ट न हुए तो वे हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे और इससे 68,500 शिक्षक भर्ती में देरी होना तय है। परीक्षार्थियों ने लगभग दो दर्जन सवालों पर आपत्तियां दर्ज करवाई हैं। इनमें से किसी के भी निस्तारण से यदि वे संतुष्ट न हुए तो हाईकोर्ट में मामला जाना तय है। इस बार लगभग 17,83,716 अभ्यर्थियों ने टीईटी में पंजीकरण करवाया था। 5 दिसम्बर से 68,500 शिक्षक भर्ती के आवेदन लिये जाने की योजना है लेकिन यदि मामला लटका तो इसमें देरी लगना तय है।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी पर इस परीक्षा को सफलतापूर्वक करवाने का दबाव था। वहीं प्रश्न पत्र सेट करने में निर्देश दिये गये थे कि ऐसे सवाल ही पूछे जाएं जिनके एक से ज्यादा जवाब न हों ताकि प्रश्नों को लेकर मामला न्यायालय में जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अफसरों और शिक्षकों की लापरवाही के चलते टीईटी 2017 का मामला तो हाईकोर्ट में लम्बित है ही, टीईटी 2018 पर भी सवाल उठ रहे हैं। वहीं इससे पहले हुई 68,500 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा का मामला भी हाईकोर्ट में चल रहा है।
अध्यापक पात्रता परीक्षा 2018 पर आ रही आपत्तियों के चलते 68,500 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया दिसम्बर के पहले हफ्ते में शुरू होने की संभावना कम है। लाख सावधानी बरतने के बावजूद इस बार भी 35 हजार से ज्यादा आपत्तियां आई हैं। अभ्यर्थियों की नजर संशोधित उत्तरमाला पर है।
इन आपत्तियों के निस्तारण से यदि अभ्यर्थी संतुष्ट न हुए तो वे हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे और इससे 68,500 शिक्षक भर्ती में देरी होना तय है। परीक्षार्थियों ने लगभग दो दर्जन सवालों पर आपत्तियां दर्ज करवाई हैं। इनमें से किसी के भी निस्तारण से यदि वे संतुष्ट न हुए तो हाईकोर्ट में मामला जाना तय है। इस बार लगभग 17,83,716 अभ्यर्थियों ने टीईटी में पंजीकरण करवाया था। 5 दिसम्बर से 68,500 शिक्षक भर्ती के आवेदन लिये जाने की योजना है लेकिन यदि मामला लटका तो इसमें देरी लगना तय है।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी पर इस परीक्षा को सफलतापूर्वक करवाने का दबाव था। वहीं प्रश्न पत्र सेट करने में निर्देश दिये गये थे कि ऐसे सवाल ही पूछे जाएं जिनके एक से ज्यादा जवाब न हों ताकि प्रश्नों को लेकर मामला न्यायालय में जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अफसरों और शिक्षकों की लापरवाही के चलते टीईटी 2017 का मामला तो हाईकोर्ट में लम्बित है ही, टीईटी 2018 पर भी सवाल उठ रहे हैं। वहीं इससे पहले हुई 68,500 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा का मामला भी हाईकोर्ट में चल रहा है।
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