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เคคเคค्เคธเคฎ เค”เคฐ เคคเคฆ्เคญเคต เคถเคฌ्เคฆ เค•ी เคชเคฐिเคญाเคทा,เคชเคนเคšाเคจเคจे เค•े เคจिเคฏเคฎ เค”เคฐ เค‰เคฆเคนाเคฐเคฃ - Tatsam Tadbhav

เคคเคค्เคธเคฎ เคถเคฌ्เคฆ (Tatsam Shabd) : เคคเคค्เคธเคฎ เคฆो เคถเคฌ्เคฆों เคธे เคฎिเคฒเค•เคฐ เคฌเคจा เคนै – เคคเคค +เคธเคฎ , เคœिเคธเค•ा เค…เคฐ्เคฅ เคนोเคคा เคนै เคœ्เคฏों เค•ा เคค्เคฏों। เคœिเคจ เคถเคฌ्เคฆों เค•ो เคธंเคธ्เค•ृเคค เคธे เคฌिเคจा...

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स्वतंत्रता के पश्चात, भारत सरकार द्वारा 26 जनवरी, 1950 को प्रथम तीन वीरता पुरस्कार अर्थात परम वीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र प्रारंभ किए गए थे, जिन्हें 15 अगस्त, 1947 से प्रभावी माना गया था

इसके पश्चात, भारत सरकार द्वारा दिनांक 4 जनवरी, 1952 को अन्य तीन वीरता पुरस्कार अर्थात अशोक चक्र श्रेणी – I, अशोक चक्र श्रेणी-II और अशोक चक्र श्रेणी-III प्रारंभ किए गए थे जिन्हें 15 अगस्त, 1947 से प्रभावी माना गया था । इन पुरस्कारों को जनवरी, 1967 में क्रमशः अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र के रूप में पुनः नाम दिया गया था।

ये वीरता पुरस्कार वर्ष में दो बार घोषित किए जाते हैं – गणतंत्र दिवस के अवसर पर और फिर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ।

इन पुरस्कारों का वरीयता क्रम परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र है ।

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