प्रेरणा शब्द लैटिन भाषा के “मौटम” शब्द से बना है, जिसका अर्थ है- motor तथा motion इसके अनुसार प्रेरणा में गति होना अनिवार्य है|
मनोवैज्ञानिक क्रेच तथा क्रेचफील्ड के अनुसार प्रेरणा हमारे ‘क्यों’ का उत्तर देती हैं|
हम किसी से क्यों प्यार करते हैं?
हम किसी से क्यों घृणा करते हैं?
तारे दिन में क्यों दिखाई नहीं देते हैं?
मनोवैज्ञानिक क्रेच तथा क्रेचफील्ड के अनुसार प्रेरणा हमारे ‘क्यों’ का उत्तर देती हैं|
हम किसी से क्यों प्यार करते हैं?
हम किसी से क्यों घृणा करते हैं?
तारे दिन में क्यों दिखाई नहीं देते हैं?
शिक्षा एक जीवनपर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है अर्थात क्रिया है|
किसी भी क्रिया के पीछे एक बल कार्य करता है जिसे हम प्रेरक बल कहते हैं| उसी प्रकार शिक्षा प्राप्त करने की प्रक्रिया में कार्य करने वाला बल अभिप्रेरणा है|
किसी भी क्रिया के पीछे एक बल कार्य करता है जिसे हम प्रेरक बल कहते हैं| उसी प्रकार शिक्षा प्राप्त करने की प्रक्रिया में कार्य करने वाला बल अभिप्रेरणा है|
प्रेरकों का वर्गीकरण(Classification of motives)
आंतरिक अभिप्रेरक
जिन्हें हम व्यक्तिगत, जैविक, प्राथमिक, जन्मजात अभिप्रेरक आदि भी कहते हैं| भूूख प्यास,आराम,नींद,प्यार,क्रोध,सेक्स,मल-मूत्र त्याग आदि|
बाह्य अभिप्रेरक
जिन्हें हम सामाजिक,मनोवैज्ञानिक,द्वितीयक,अर्जित अभिप्रेरक कहते हैं|
सुरक्षा,प्रदर्शन,जिज्ञासा,सामाजिकता,ज्ञान
प्रेरक= आवश्यकता+ चालक+ प्रोत्साहन
सुरक्षा,प्रदर्शन,जिज्ञासा,सामाजिकता,ज्ञान
प्रेरक= आवश्यकता+ चालक+ प्रोत्साहन
आवश्यकता ( need)
यह हमारे शरीर की कोई जरूरत या अभाव है जिसके उत्पन्न होने पर हम शारीरिक असंतुलन या तनाव महसूस करते हैं|
जैसे-भूख लगने पर खाने की आवश्यकता|
बीमार पड़ने पर दवा की आवश्यकता|
अकेले रहने पर साथी की आवश्यकता|
थक जाने पर आराम की आवश्यकता|
“आवश्यकता प्राणी की वहां आंतरिक अवस्था है जो किसी उद्दीपन हो अथवा लक्ष्यों के संबंध में जीवो का क्षेत्र संगठित करती हैं और उन की प्राप्ति हेतु क्रिया उत्पन्न करती हैं |”
जैसे-भूख लगने पर खाने की आवश्यकता|
बीमार पड़ने पर दवा की आवश्यकता|
अकेले रहने पर साथी की आवश्यकता|
थक जाने पर आराम की आवश्यकता|
“आवश्यकता प्राणी की वहां आंतरिक अवस्था है जो किसी उद्दीपन हो अथवा लक्ष्यों के संबंध में जीवो का क्षेत्र संगठित करती हैं और उन की प्राप्ति हेतु क्रिया उत्पन्न करती हैं |”
चालक/अंतर्नोद/प्रणोदन ( drive)
प्रत्येक आवश्यकता से जुड़ा हुआ एक चालाक होता है|
जैसे- खाने की आवश्यकता से भूख,
पानी की आवश्यकता से प्यास|
जब तक चालक शांत नहीं हो जाता तब तक हम तनाव में रहते हैं|
जैसे- खाने की आवश्यकता से भूख,
पानी की आवश्यकता से प्यास|
जब तक चालक शांत नहीं हो जाता तब तक हम तनाव में रहते हैं|
उद्दीपन/प्रोत्साहन(Incentive)
प्रोत्साहन वातावरण में उपस्थित तत्व है जो हमारे चालक को शांत कर देते हैं|
जैसे- प्यास लगने पर जीव तालाब,झरना,नदी-नाले का पानी पीकर अपनी प्यास बुझाता है|
“उद्दीपन वह वस्तु परिस्थितियां अथवा प्रक्रिया है जो व्यवहार को उत्तेजना प्रदान करती हैं उसे जारी रखती हैं तथा उसे दिशा देती हैं|”
वास्तव में आवश्यकता चालक एवं उद्दीपन में घनिष्ठ संबंध है|
आवश्यकता चालको को जन्म देती हैं| चालक एक तनावपूर्ण स्थिति हैं तथा व्यवहार को एक निश्चित दिशा और रूप प्रदान करती हैं|
उद्दीपन द्वारा आवश्यकता की पूर्ति होती हैं| आवश्यकता की पूर्ति होने के पश्चात चालक समाप्त हो जाते हैं|
जैसे- प्यास लगने पर जीव तालाब,झरना,नदी-नाले का पानी पीकर अपनी प्यास बुझाता है|
“उद्दीपन वह वस्तु परिस्थितियां अथवा प्रक्रिया है जो व्यवहार को उत्तेजना प्रदान करती हैं उसे जारी रखती हैं तथा उसे दिशा देती हैं|”
वास्तव में आवश्यकता चालक एवं उद्दीपन में घनिष्ठ संबंध है|
आवश्यकता चालको को जन्म देती हैं| चालक एक तनावपूर्ण स्थिति हैं तथा व्यवहार को एक निश्चित दिशा और रूप प्रदान करती हैं|
उद्दीपन द्वारा आवश्यकता की पूर्ति होती हैं| आवश्यकता की पूर्ति होने के पश्चात चालक समाप्त हो जाते हैं|
थॉमसन के अनुसार अभिप्रेरिक दो प्रकार के होते हैं- 1 स्वाभाविक 2 कृत्रिम
मैस्लो के अनुसार अभिप्रेरक दो प्रकार के होते हैं- 1 जन्मजात 2 अर्जित
गैरेट के अनुसार अभिप्रेरक तीन प्रकार के होते हैं- 1 जैविक 2 मनोवैज्ञानिक 3 सामाजिक
अभिप्रेरणा के प्रकार(Type of motivation)
1 आंतरिक अभिप्रेरणा
जब व्यक्ति स्वयं से प्रेरित होकर कार्य करता है तो इसे यांत्रिक या सकारात्मक अभिप्रेरणा कहते हैं|
2 बाह्य अभिप्रेरणा
जब व्यक्ति स्वयं से प्रेरित ना होकर किसी बाहर के व्यक्ति के द्वारा प्रेरित करने पर कार्य करता है तो इसे बाह्य या नकारात्मक अभिप्रेरणा कहते हैं|
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