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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

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पूर्व भारतीय ऑलराउंडर बापू नाडकर्णी का निधन, जानें उनके बारे में सबकुछ ।।

भारत के पूर्व ऑलराउंडर बापू नाडकर्णी का हाल ही में निधन हो गया. वे 86 साल के थे. उन्होंने मुंबई में आखिरी सांस ली. वे काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनके निधन पर क्रिकेटर सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर सहित विभिन्न क्षेत्र की हस्तियों ने शोक जताया है.

वे मुंबई के शीर्ष क्रिकेटरों में शामिल थे. उनके निधन पर भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर ने भी शोक जताया. सचिन तेंदुलकर ने लिखा कि बापू नाडकर्णी के निधन के बारे में सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ. मैं उनके एक टेस्ट में लगातार 21 मेडन ओवर्स गेंदबाजी करने के रिकॉर्ड के बारे में सुनकर बड़ा हुआ हूं. उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी संवेदना है.


वह रिकॉर्ड क्या था? 

बापू नाडकर्णी ने 1963-64 में चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ लगातार 21 ओवर मेडन फेंके थे. यह रिकॉर्ड अब तक कायम है. उन्होंने उस पारी में 32 ओवर में केवल 05 रन देकर कुल 27 ओवर मेडन फेंक कर सभी को अचंभे में डाल दिया था. इसके बावजूद उन्हें उस पारी में कोई विकेट नहीं मिला था.

बापू नाडकर्णी के बारे में

• बापू नाडकर्णी का जन्म 04 अप्रैल 1933 को नासिक में हुआ था. वे बाएं हाथ के बल्लेबाज और बाएं हाथ के स्पिनर थे. उन्हें क्रिकेट जगत में सबसे किफायती गेंदबाज (इकोनॉमिकल गेंदबाज) कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अपने कैरियर में बहुत ही किफायती गेंदबाजी की थी.

• उन्होंने साल 1955 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच दिल्ली में खेला था. उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मैच भी न्यूजीलैंड के खिलाफ साल 1968 में एमएके पटौदी की अगुवाई में आकलैंड में खेला था.

• बापू नाडकर्णी राष्ट्रीय चयन समिति के सदस्य भी रहे थे तथा उन्होंने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के संयुक्त सचिव का पद भी संभाला था. वे मुंबई के शीर्ष क्रिकेटरों में शामिल थे. उन्हें लगातार 21 ओवर मेडन करने हेतु याद किया जाता है.


बापू नाडकर्णी का क्रिकेट कैरियर

उन्होंने भारत की ओर से 41 टेस्ट मैचों में 1414 रन बनाये और 88 विकेट लिए. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट शानदार बल्लेबाजी करते हुए 01 शतक और 07 अर्धशतक की बदौलत 1414 रन बनाये थे. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 43 रन देकर छह विकेट रहा. उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 9165 गेंदों में केवल 2559 रन दिए थे. उनकी टेस्ट इकोनॉमैी केवल 1.67 थी और आज भी उन गेंदबाजों में चौथी श्रेष्ठ है जिन्होंने 2000 से ज्यादा टेस्ट गेंदें फेंकी हैं.

उन्होंने मुंबई के लिए 191 प्रथम श्रेणी मुकाबलों में 500 विकेट अपने नाम किए थे. इस दौरान 8880 रन भी बनाए थे. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ साल 1960-61 में 32 ओवर में सिर्फ 23 रन दिए थे.

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