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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

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TERI के पूर्व प्रमुख और पर्यावरणविद आरके पचौरी का निधन।।

ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान (टेरी) के पूर्व निदेशक पर्यावरणविद् डॉ. आरके पचौरी का 13 फरवरी 2020 को निधन हो गया. वे 79 वर्ष के थे. टेरी के मौजूदा महानिदेशक डॉ. अजय माथुर ने कहा कि टेरी के संस्थापक निदेशक डॉक्टर आरके पचौरी का निधन हो गया है. आरके पचौरी लंबे समय से बीमार थे. डॉ. अजय माथुर ने साल 2015 में आरके पचौरी की जगह निदेशक बने थे.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वे लंबी बीमारी के चलते दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती थे. उन्हें एक दिन पहले ही लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था. डॉ. आरके पचौरी की अस्पताल में ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी. आरके पचौरी ने साल 2015 में टेरी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था. साल 2015 में उन पर एक महिलाकर्मी ने यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्होंने टेरी पद से इस्तीफा दे दिया था.

आरके पचौरी के संयुक्त राष्ट्र अंतर-सरकारी जलवायु परिवर्तन पैनल (आईपीसीसी) के चेयरमैन रहने के दौरान जलवायु परिवर्तन पर चर्चा शुरु हुई थी. आरके पचौरी साल 2002 से साल 2015 तक आईपीसीसी के चेयरमैन रहे. उनके कार्यकाल दौरान आईपीसीसी और पूर्व अमरीकी उप-राष्ट्रपति अल गोर को ‘नोबेल शांति पुरस्कार’ से नवाज़ा गया था.

पद्म भूषण अवार्ड से सम्मानित

भारत सरकार ने पर्यावरण के क्षेत्र में उनके अहम योगदान को देखते हुए उन्हें साल 2001 में पद्म भूषण और साल 2008 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था. आरके पचौरी ने अब तक जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण से जुड़े तमाम संस्थानों और फोरम में सक्रिय भूमिका निभाई.

आरके पचौरी के बारे में

आरके पचौरी का पूरा नाम राजेन्द्र कुमार पचौरी है. उनका जन्म 20 अगस्त 1940 को नैनीताल में हुआ था.

उन्होंने बिहार के जमालपुर में भारतीय रेलवे संस्थान से मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में शिक्षा प्राप्त की.

वे साल 1981 में टेरी के निदेशक बने. उन्होंने साल 2001 में इस संस्थान के महानिदेशक का पद संभाला था.

उन्होंने अमेरिका के करोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी, रेलिग से इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग और इकोनॉमिक्स में डॉक्ट्रेट की डिग्री हासिल की है. वे साल 1974 से साल 1975 तक इसी यूनिवर्सिटी में इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग विभाग में असिस्टेंट प्रफेसर रहे.

उन्होंने अमेरिका से भारत लौटने के बाद कई अहम सरकारी पदों पर काम किया. वे जनवरी 1999 में इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के अध्यक्ष बने और तीन साल तक इस पद पर रहे थे.

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