लोकसभा ने 17 मार्च 2020 को वायुयान (संशोधन) विधेयक, 2020 को ध्वनिमत से पारित कर दिया. इससे पहले नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने विमान अधिनियम, 1934 में संशोधन का विधेयक संसद में प्रस्तुत किया. उन्होंने एअर इंडिया का उल्लेख करते हुए कहा कि पूर्व में इसकी स्थिति सुधारने हेतु 30 हजार करोड़ रूपये लगाए गये. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थितियों के मद्देनजर देश-दुनिया में विमानन कंपनियां दबाव में हैं.
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने विधेयक प्रस्तुत करते हुए कहा कि इन संशोधनों से अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन की आवश्यकताएं पूरी की जा सकेंगी. इससे, भारत में नागरिक उड्डयन क्षेत्र में तीन विनियामक निकायों- नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, नागरिक उड्डयन सुरक्षा कार्यालय और विमान दुर्घटना जांच कार्यालय को ज्यादा प्रभावी बनाया जा सकेगा. इससे, देश में विमान संचालन की सुरक्षा का स्तर बढ़ाने में सहायता मिलेगी.
विमान ईंधन को जीएसटी के तहत लाया जायेगा
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि विमान ईंधन को जीएसटी के अंतर्गत लाया जायेगा, ताकि ईंधन पर शुल्क को तार्किक बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि विमान उड़ाने की कुल लागत का 40 फीसदी विमान ईंधन पर खर्च होता है. इसलिए वित्त मंत्रालय से इसे जीएसटी के अंतर्गत लाने हेतु विशेष बैठक बुलाने का अनुरोध किया गया है.
कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा
नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि एयर इंडिया फिलहाल रोजाना 26 करोड़ रूपये के घाटे में चल रही है. उन्होंने कहा कि एयर इंडिया के विनिवेश के समय कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा की जायेगी. कोरोना वायरस के कारण अनेक उड़ानें निलंबित की गई हैं.
उन्होंने कहा कि देश में उड़ान भरने वाले सभी ड्रोन में इलैक्ट्रॉनिक चिप लगाई जायेगी ताकि उनके आवागमन पर नज़र रखी जा सके. सरकार इस संबंध में एक नीति बनाने जा रही है.
वायुयान संशोधन विधेयक, 2020
वायुयान संशोधन विधेयक, 2020 में सेना, नौसेना या वायु सेना से भिन्न संघ के सशस्त्र बलों से संबंधित वायुयानों को वायुयान अधिनियम 1934 के कार्य क्षेत्र से बाहर रखने का प्रावधान किया गया है.
इस विधेयक में नागर विमानन महानिदेशालय, नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो और वायुयान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो के पदों को परिभाषित किया गया है.
इसमें केंद्र सरकार को अधिनियम के अधीन नागर विमानन महानिदेशालय, नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो तथा वायुयान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो गठित करने हेतु अधिकार दिए गए हैं.
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