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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

उपसर्ग ( Prefix ) ।।

उपसर्ग को आंग्लभाषा में ",Prefix" कहते हैं ।  "Pre"  का अर्थ पहले और Fix का अर्थ जोडना होता है । इस प्रकार Prefix का अर्थ पहले जोडना हुआ ।

संस्कृत में "उपसर्ग" का अर्थ शब्द के निकट  । संस्कृत में कुल उपसर्ग २१ होते हैं 

जो धातु या शब्द से पहले जुडता हो , उसे उपसर्ग कहते हैं ।

संस्कृत में २१ उपसर्ग हैं :----प्र, परा, अप, सम्‌, अनु, अव, निस्‌, निर्‌, दुस्‌, दुर्‌, वि, आ (आङ्‌), नि, अधि, अपि, अति, सु, उत् /उद्‌, अभि, प्रति, परि तथा उप ॥

उपसर्गों का महत्त्व :----
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 उपसर्गों के कारण ही धातु के विविध अर्थ होते हैं । एक ही धातु विभिन्न उपसर्गों से जुडकर अनेक अर्थों को प्रकट करती हैं । जैसे कृ धातु का सामान्य अर्थ करना होता है , किन्तु उपसर्गों से मिलकर अर्थ बदल जाते हैं जैसे :----
 प्रकार, विकार, आकार, संस्कार, प्रतीकार , उपकार, अपकार, अधिकार आदि ॥

"उपसर्गेण धात्वर्थो बलादन्यत्र नीयते ।
प्रहाराहारसंहारविहारपरिहारवत् ॥"

 उपसर्गों के तीन काम
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"धात्वर्थं बाधते कश्चित् कश्चित् तमनुवर्तते ।
तमेव विशिनष्ट्यन्य उपसर्ग गतिस्त्रिधा ॥"

(१.) कभी धातु का अर्थ बिल्कुल उल्टा हो जाता है ।
(२.) कभी अर्थ  तो वही रहता है, किन्तु उसमें एक  विशेषता आ जाती है ।
(३.) कभी धातु का अर्थ ठीक वही बना रहता है जो पहले था ॥

उदाहरण :--- भू का होता है :--- होना ॥

अभि उपसर्ग लगाकर बना :--- अभिभू । इसका अर्थ है :--- हराना ।

प्र उपसर्ग से प्रभु बना, जिसका अर्थ है :--- समर्थ होना ।

 (१.) अति :---- अधिकता या उल्लंघन । (अतिलोभः, अतिक्रमः)

(२.) अधि :---- ऊपर   । (अध्यास्ते किसी चीज के ऊपर बैठता है ।)

(३.) अनु :--- दूर    । अनुगमन ।

(४.) अप :--- दूर । पापमपाकरोति --- पाप को दूर करता है ।

(५.) अपि :--- समीप । (अपिधानम् --- ढक्कन)

(६.) अभि :--- ओर । (अभिमानः )

(७.) अव :--- दूर, नीचे, कम । ( अवरोधः, अवतारः, अवस्करः 

(८.) आङ् आ :---- कम, तक, चारों ओर  ॥आच्छादयति ।

(९.) उद् :---ऊपर । उत्पतितः ।

(१०.) उप :---- समीप । उपसर्पति

(११.) दुर्  :---- कठिन, बुरा ॥ दुर्लभ ।

(१२.) दुस् :---- कठिन ॥। दुस्तरम् ।

(१३.) नि :---- नीचे ॥ निपातयति ॥

(१४.) निर्  :---- बाहर, बिना ।  निर्मूलम् ।

(१५.) निस्  ::---- बाहर , बिना ॥ निस्सहायम् ।

(१६.) परा :---- पीछे, उल्टा ।  पराजयः , परागतः

(१७.) परि :---- चारों ओर । परिपूर्णः ॥

(१८.) प्र :---- अधिक ।  प्रवेशः ।

(१९.) प्रति :---- ओर, विपरीत । प्रतिपादनम् ।

(२०.) वि :---- विना, पृथक् । वियोगः ।

(२१.) सम् :--- अच्छी तरह से । संयोगः ।

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