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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

योगदर्शन में ईश्वर का स्वरूप।।

योगसूत्र = क्लेशकर्मविपाकाशयैरपरामृष्ट:
                   पुरुषविशेष ईश्वरः ।। 24।।

पुरुष प्रकृति साहचर्यवश क्लेश, कर्म
      कर्म-फल, वासना से युक्त दिखलाता है।

किन्तु क्लेश, कर्म, कर्म-फल, वासनाविमुक्त
        पुरुष विशेष वही ईश्वर कहाता है।

तीनों काल में न दु:ख दोष का है लेश जहाँ
       सर्वशक्तिमान् एकरूप माना जाता है।

उसके बराबर या उससे बड़ा न कोई
        इच्छामात्र से ही मुक्ति-फल का प्रदाता है।।

सूत्रार्थ :   क्लेश, कर्म, कर्मों के फल और और वासनाओं से असम्बद्ध, अन्य पुरुषों से विशिष्ट (उत्कृष्ट) पुरुषोत्तम ईश्वर है।

     - डॉ देवीसहाय पाण्डेय
       (पातंजलयोगदर्शनम् से)
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