इन ऐप्स में ज्यादातर पुराने बैन किए गए ऐप्स के क्लोन हैं। सूत्रों के मुताबिक़ 250 से ज़्यादा अन्य चीनी ऐप्स की लिस्ट भी तैयार की जा रही है। ख़बर है कि इसमें पबजी मोबाइल का नाम भी हो सकता है। क्या भारत में पबजी मोबाइल बैन हो सकता है? क्या ये ऐप भी चीनी ऐप्स की है कैटिगरी में ही आता है? डेटा सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर यह ऐप कहां टिकता है? ऐसे कई सवालों के जवाब जानने के लिए आप अवश्य उत्सुक होंगे।
पबजी चीन का है या फिर साउथ कोरिया का
दुनिया भर में पबजी के कई चाहने वाले हैं। मोबाइल की दुनिया में यह चर्चा लंबे समय से चलती आ रही है कि आखिर पबजी चीनी ऐप या है या फिर साउथ कोरियन। इस चर्चा की वजह है इस ऐप को बनाने वाली कंपनी Bluehole का साउथ कोरियन होना। हालांकि पबजी मल्टी प्लेयर गेमिंग यानी प्लेयर अननोन बैटलग्राउंड है और इसे ब्लूहोल ने बनाया है। यह भी सही है कि ब्लूहोल एक साउथ कोरियन ब्लूहोल स्टूडियोज़ की सब्सिडरी कंपनी है। 2018 में पबजी मोबाइल को गूगल प्ले स्टोर और ऐप स्टोर पर रिलीज किया गया था। पबजी वीडियो गेम लगातार पॉपुलर हुआ और इस वजह से चीन का सबसे बड़ा वीडियो गेम्स पब्लिशर टेंसेंट गेम्स ने साउथ कोरियन ब्लूहोल से इस गेम को चीन में लॉन्च करने और कंपनी में स्टेक्स ख़रीदने की बात की।
कोरियाई पबजी में जब हुई चीनी कंपनी की एंट्री
चीनी कंपनी टेंसेंट गेम्स ने ब्लूहोल में स्टेक ख़रीद लिया। इसके पबजी को मोबाइल वर्जन टेंसेंट ने डेवेलप किया। इसके बाद टेंसेंट पबजी मोबाइल की पब्लिशर बन गई। तब से अब तक पबजी मोबाइल ओपन करने पर टेंसेंट का लोगो भी दिखता है, जो असल में एक चीनी कंपनी है। अब आपके लिए यह समझना ज़रूरी हो जाता है कि PUBG और PUBG Mobile में क्या फर्क है।
टेंसेंट ने चीन में पबजी किया रिलीज और लॉन्च किया मोबाइल वर्जन
असल में, PUBG और PUBG Mobile में ही नहीं, इनके पब्लिशर्स में भी फर्क है। चीन में टेंसेंट के साथ मिलकर ब्लूहोल ने पबजी मोबाइल वहां लॉन्च किया। शुरुआत में पबजी के चीन में डिस्ट्रिब्यूशन के लिए टेंसेंट ने इसका राइट ख़रीदा। इसके बाद इस गेम का मोबाइल वर्जन लाने के लिए ब्लूहोल के साथ पार्टनरशिप की। यानी कुल मिलाकर पबजी मोबाइल यानी स्मार्टफोन्स और टैबलेट में खेला जाने वाला यह गेम, असल में टेंसेंट गेम ने तैयार किया और इसे चीन में लॉन्च कर दिया।
कितना सुरक्षित है इसके पास आपका डेटापबजी मोबाइल की प्राइवेसी पॉलिसी भी दूसरे ज़्यादातर ऐप्स की तरह ही है, जो कई ज़रूरी और ग़ैरज़रूरी जानकारियां यूज़र्स से एक्सेस करते हैं। पबजी मोबाइल की प्राइवेसी पॉलिसी यह कहती है कि कंपनी के सर्वर भारत में भी है और यहां के यूज़र्स का डेटा यहीं के सर्वर में स्टोर रहता है। हालांकि इसके सर्वर चीन में भी हैं। हालांकि कंपनी कुछ यूजर्स का डेटा अमेरिका और सिंगापुर के भी सर्वर में भी स्टोर करती है।
कंपनी पॉलिसी कहती है कि शेयर किया जा सकता है डेटा
जहां तक यूज़र की पर्सनल इन्फ़ॉर्मेशन शेयरिंग का सवाल है, पबजी कंपनी किसी भी थर्ड पार्टी को मोबाइल के भारतीय यूज़र्स का डेटा दे सकती है। क्योंकि उनकी शर्तों में भी यह लिखा हुआ है कि ‘हम किसी भी थर्ड पार्टी को आपका डेटा कलेक्ट और यूज करने की इजाज़त देते हैं। हालांकि हम ये इंश्योर करने के लिए ज़िम्मेदार हैं कि कोई भी थर्ड पार्टी यूज़र्स की पर्सनल जानकारियां किसी के साथ डिस्क्लोज न करें’।
कंपनी ने स्पष्ट किया कि डेटा लीक की जिम्मेदारी उनकी नहीं
कंपनी की पॉलिसी के मुताबिक़, पबजी यूज़र्स की पर्सनल इन्फ़ॉर्मेशन सिक्योरिटी को लेकर प्रतिबद्ध है लेकिन कंपनी ने यह भी कहा है कि चूंकि जानकारियों का आदान प्रदान इंटरनेट के ज़रिए होता है, इसलिए ये पूरी तरह से सिक्योर नहीं है। पबजी मोबाइल के मुताबिक़ कंपनी डेटा प्रोटेक्शन के लिए मेजर्स लेती है, लेकिन फिर भी यूज़र्स की जो जानकारियां ट्रांसफ़र की गई हैं, उनकी सुरक्षा की गारंटी कंपनी नहीं ले सकती है
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