यह रोपवे 1.8 किलोमीटर लंबा है. इस में दो केबिन हैं, हर केबिन में 30 यात्री बैठ सकते हैं. यह रोपवे गुवाहाटी में कचहरी घाट से उत्तरी गुवाहाटी के डोल गोविंदा मंदिर तक बनाया गया है.
असम सरकार ने 24 अगस्त 2020 को ब्रह्मपुत्र नदी पर भारत की सबसे लंबी नदी रोपवे सेवा का शुभारंभ किया है. रोपवे गुवाहाटी को उत्तरी गुवाहाटी से जोड़ेगा. यह ब्रह्मपुत्र नदी के दो किनारों को आपस में जोड़ेगा. यह देश का सबसे लंबा रोपवे है, जो गुवाहाटी और उत्तरी गुवाहाटी को जोड़ेगा.
इस रोपवे का उद्घाटन 24 अगस्त 2020 को असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंता बिस्वा सरमा और गुवाहाटी विकास विभाग के मंत्री सिद्धार्थ भट्टाचार्य ने किया. इस योजना के शुरू होने से उत्तर गुवाहाटी के लोगों को काफी सहायता मिलेगी. जबकि, पर्यटन को भी इससे काफी लाभ मिलेगा.
मुख्य बिंदु👇🇮🇳
• यह रोपवे 1.8 किलोमीटर लंबा है. इस में दो केबिन हैं, हर केबिन में 30 यात्री बैठ सकते हैं.
• कोविड-19 स्वास्थ्य दिशानिर्देशों के कारण केवल 15 यात्रियों को एक बार में लाया- ले जाया जाएगा जो कि यह संख्या कुल क्षमता की आधी है.
• यह रोपवे गुवाहाटी में कचहरी घाट से उत्तरी गुवाहाटी के डोल गोविंदा मंदिर तक बनाया गया है.
• इस रोपवे से उत्तरी गुवाहाटी और शहर के मध्य हिस्सों के बीच यात्रा का समय घटकर आठ मिनट रह जाएगा.
• इस रोपवे के निर्माण में 56 करोड़ रुपये की लागत आई है. इसमें सभी सुरक्षा उपकरणों का ध्यान रखा गया है.
• अधिकारियों के अनुसार, इसके निर्माण में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है.
• रोपवे सेवा शुरू होने से लोगों को गुवाहाटी और उत्तर गुवाहाटी के बीच यात्रा करने में कम समय लगेगा. इस रोपवे सेवा शुरू होने से असम में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.
• इस रोपवे से यात्री गुवाहाटी शहर की खूबसूरती के साथ विशाल ब्रह्मपुत्र और पिकॉक आइलैंड में बने उमानंद मंदिर का नजारा आसानी से देख पाएंगे.
शुल्क कितना होगा👇🇮🇳
प्रत्येक व्यक्ति से रोपवे सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए 60 रुपए का शुल्क लिया जाएगा, जबकि दोनों तरफ से यात्रा करने पर 100 रुपए का टिकट लेना होगा. ब्रह्मपुत्र नदी पर बने इस रोपवे से गुवाहाटी की खूबसूरती को और नजदीक से निहारा जा सकता है. इसमें सफर करने वाले यात्रियों के लिए रोजाना, साप्ताहिक और मासिक पास की भी सुविधा होगी.
रोपवे सर्विस का समय👇🇮🇳
अभी रोपवे सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी. रोपवे सर्विस पर निगरानी रखने के लिए लगभग 58 सीसीटीवी कैमरा भी लगाए गए हैं. इसे बनाने में लगभग 56 करोड़ रुपए लगे हैं. इस प्रोजेक्ट पर काम गुवाहटी मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट ने साल 2006 में शुरू किया था. कामख्या मंदिर का गृह नीलांचल हिल और सरायघाट ब्रिज समेत अन्य कई आसपास की जगह इसका आकर्षण का केंद्र होंगे
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