Follow Us 👇

Blood Circulation ( परिसंचरण तंत्र )।।

परिसंचरण तंत्र संबंधित प्रश्नोत्तरी ।। 1. कौन सा ‘जीवन नदी’ के रूप में जाना जाता है? उत्तर: रक्त 2. रक्त परिसंचरण की खोज की गई? ...

अभिवृद्धि एवं विकास (Growth and Development)।।

मानव विकास का अध्ययन मनोविज्ञान का एक महत्वपूर्ण अंग है | एक शिक्षक को बालक के अभिवृद्धि के साथ-साथ उसमें होने वाले विभिन्न प्रकार के विकास एवं उसकी विशेषताओं का ज्ञान आवश्यक है क्योंकि बच्चों के जीवन यात्रा, वृद्धि एवं विकास की कहानी माँ के गर्भ में एक पौधे की भांति एक छोटे से अंकुरित  बीज के समान शरु होती है जैसे- जैसे उसकी उम्र बढ़ती जाती है वह वंशानुक्रम, वातावरण, औपचारिक और अनौपचारिक शिक्षा से प्रभावित होता हुआ सामाजिक, मानसिक, शारीरिक, संवेगनात्मक और नैतिक परिवर्तन करता रहता है | इसलिए बच्चों की सर्वांगिक विकास हेतू उसे समझना आवश्यक है ताकि शिक्षक की शिक्षा की योजना का कार्यान्वयन विकास एवं अभिवृद्धि के सम्बन्ध में कर सके |


अभिवृद्धि (Growth) -                 
—————————————
      सामान्यतः व्यक्ति के स्वाभाविक विकास को अभिवृद्धि कहते है | गर्व धारण के समय भ्रूण बनने, जन्म लेने से लेकर प्रौढ़ अवस्था तक मानव शरीर  कोशिका का परिणात्मक वृद्धि जो भी स्वाभाविक परिवर्तन होता है | जिनपर प्रायः शिक्षण एवं प्रशिक्षण का प्रभाव नहीं पड़ता है, अभिवृद्धि कहलाता है | जैसे- हाथ-पैर का बढ़ना, नाख़ून का बढ़ना, बाल का बढ़ना, ऊँचाई, भार, चौड़ाई, शारीरिक अनुपात आकार जिसे नापा-तौला एवं प्रायः देखा जा सके | अभिवृद्धि निश्चित उम्र में जाकर रुक जाती है या बहुत कम हो जाती है |

      फ्रैंक के अनुसार शरीर एवं व्यवहार के किसी पहलू में होने वाले परिवर्तन अभिवृद्धि कहलाता है 

      सोरेन्सन के अनुसार, समान रूप से अभिवृद्धि का अभिप्राय शरीर एवं उनके अंगों के भाग में वृद्धि को कहा जाता है |


विकास (Development)-
———————————————
      सामान्यतः विकास में वृद्धि, परिपक्वता, पोषण अवधारणाओं के मिले - जुले अर्थो का प्रयोग किया जाता है, परन्तु वास्तव में इन सब में कुछ न कुछ अंतर है | विकास एक निरंतर रूप से चलने वाली जटिल प्रक्रिया है जिसके परिणामस्वरूप बालक या व्यक्ति के अंतर निहित शक्तियों एवं गुणों का प्रस्फुटित होता है जिसपर वंशानुक्रम एवं पर्यावरण का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति में कुछ नये योग्यताओं जैसे- विशेषताओं एवं क्षमताओं, मानसिक शक्तियों, सामान्य नैतिक एवं चारित्रिक आचरण का विकास होता है |



0 comments:

Post a Comment

Thank You For messaging Us we will get you back Shortly!!!