Follow Us 👇

Sticky

तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

विश्व अल्जाइमर दिवस: समय पर पहचानें, जागरूकता जरूरी।।

अगर सामान्य जिंदगी जीते हुये हम कुछ भूल जाते हैं, तो उसे याद करने के लिये या किसी समाना को ढूंढने के लिये पूरी कोशिश लगा देते हैं। लेकिन कल्पना करना भी मुश्किल है कि कोई व्यक्ति सब कुछ भूल जाए, उसे कुछ याद ही न रहे। परिवार, घर की गलियां सब कुछ... ऐसे में जिंदगी दुश्वार हो जाती है। हालाकि ऐसा कई बार बुजुर्गों के साथ देखा गया है, घर तक पहुंचने के लिये कितनी ही जद्दोजहद करते हैं। लेकिन अब ये बीमारी सिर्फ बुजुर्गों में ही नहीं बल्कि कई कम उम्र के लोगों में भी पायी जाने लगी है। इस बीमारी को अल्जाइमर रोग या डिमेंशिया कहते हैं। हर साल लोगों को अल्जाइमर और डिमेंशिया के बारे में जागरूकता प्रसारित करने के लिए 21 सितंबर को विश्‍व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है।

क्या है अल्जाइमर

अल्जाइमर रोग डिमेंशिया का सबसे सामान्य प्रकार है। यह प्रगतिशील मस्तिष्क रोग है, जिसमें याददाश्त और सोचने की शक्ति धीरे-धीरे खत्म हो जाती है। यह मस्तिष्क की कोशिकाओं को नष्ट कर देता है, जिसके कारण याददाश्त खोना, याददाश्त में बदलाव, अनियमित व्यवहार एवं शारीरिक प्रक्रियाओं को नुकसान पहुंचता हैं। आमतौर पर यह रोग धीरे-धीरे शुरू होता है लेकिन समय के साथ गंभीर हो जाता है। अल्जाइमर के सबसे सामान्य शुरूआती लक्षणों में हालिया घटनाओं को याद रखने में कठिनाई है। अल्जाइमर से पीड़ित रोगी व्यक्ति का नाम जैसे कि पुराने मित्रों, आवासीय पता, यहां तक कि सड़कों तथा अन्य वस्तुओं के नाम भी भूल जाता हैं। स्मरण शक्ति कमज़ोर करने वाली यह बीमारी ज्यादातर बुजुर्गों को होती है, लेकिन कई बार इसके लक्षण युवाओं में भी पाये जाते हैं, इसलिए जागरूकता और इसका उचित इलाज बेहद आवश्यक है

अल्जाइमर रोग के बारे में तथ्य  

> 2018 विश्व अल्जाइमर रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में प्रति वर्ष हर तीन सेकंड में मनोभ्रंश के मरीज होते है।

> यह अनुमान के मुताबिक पूरे विश्व में 2017 में लगभग 50 मिलियन लोग डिमेंशिया के साथ जी रहे थे - यह संख्या लगभग हर 20 साल में दोगुनी हो जाएगी और 2050 में 131.5 मिलियन तक पहुंच जाएगी।

> इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि 2050 तक 152 मिलियन तक से अधिक ये संख्या पहुंच जायेगी।

> अल्जाइमर रोग धीरे-धीरे विकसित होने वाला मस्तिष्क रोग हैं। इस रोग की शुरुआत चीज़े भूलने एवं निम्न स्तर पर याददाश्त में कमी विकसित होने के साथ होती है, जिसके परिणामस्वरूप रोगी को हाल-फ़िलहाल की घटनाओं को याद रखने में कठिनाई का सामना करना पड़ता हैं। अंततः यह दैनिक गतिविधियों, यहां तक कि मूल ज़रूरतों को पूरा करने में अक्षमता उत्पन्न करता हैं।

> अल्जाइमर रोग ज़्यादातर वृद्धों को प्रभावित करता है। आज भारत में वृद्ध जनसंख्या बढ़ रहीं हैं। यह अलार्म का कारण है।

> अल्जाइमर रोग के सही कारण अभी ज्ञात नहीं है। मस्तिष्क में होने वाली कुछ जटिल परेशानियाँ इस रोग का कारण है।

> अल्जाइमर रोग का कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। इस रोग का प्रभावी ढंग से उपचार करने के लिए रोगी में रोग का जल्दी पता लगने से लाभ होता है।

> उपचार के तौर-तरीका में औषधीय, मनोवैज्ञानिक एवं देखभाल संबंधी पहलु शामिल हैं। 

> रोग के उपचार में पारिवारिक एवं सामाजिक सहयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

अल्जाइमर के चेतावनी या संकेत  

> स्वभाव में बदलाव

> चीजों को ग़लत स्थान पर रख देना

> समय या स्थान में भटकाव

> समस्याओं को हल करने में कठिनाई

> तारीख और समय की जानकारी रखने में परेशानी

> हालिया जानकारी भूलना।

> सामाजिक एवं मनोरंजक गतिविधियों से दूर रहना।

> घर या कार्यस्थल पर सामान्य कार्यों को पूरा करने में कठिनाई। 

> पढ़ने, दूरी का आकलन और रंग पहचानने में कठिनाई। 

रोकने के लिए उपयोगी सुझाव 

शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं मनोरंजनात्मक गतिविधियों में शामिल होना, जैसे कि पढ़ना, चलना, योग एवं ध्यान, संगीतमय वाद्ययंत्र बजाना, समूह में खेल खेलना, प्रौढ़ शिक्षा पाठ्यक्रम में भाग लेना, घर के अंदर खेले जाने वाले खेल जैसे कि वर्ग पहेली, पहेली बूझो, स्क्रैबल एवं शतरंज खेलना। 

अल्जाइमर के मरीज को लक्षण दिखाई देने में लगभग 20 साल लगते हैं। ज्यादातर लोग सिर्फ इस बीमारी के साथ रहते हैं और अनजान रहते हैं। हालांकिअल्जाइमर के सटीक कारण अभी भी अज्ञात हैं। इसलिए इसके प्रति जागरूकता और ध्यान जरूरी है।

0 comments: