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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

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वायलिन वादक🎻 और पद्म पुरस्कार से सम्मानित टीएन कृष्णन का निधन।।

टीएन कृष्णन का जन्म साल1928 में केरल के त्रिप्पुनितुरा में हुआ था. उनके पिता का नाम ए. नारायण अय्यर और मां अम्मिनी अम्माल थीं.

वायलिन वादक और पद्म पुरस्कार से सम्मानित टीएन कृष्णन का 02 नवंबर 2020 को चेन्नई (तमिलनाडु) में निधन हो गया. वे 92 साल के थे. वे पद्म भूषण और पद्म विभूषण सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके थे. कृष्णन बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृष्णन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन के कारण संगीत की दुनिया में एक बहुत बड़ा स्थान रिक्त हो गया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि प्रख्यात वायलिन वादक टीएन कृष्णन के निधन से संगीत जगत में एक बहुत बड़ा खालीपन आ गया है.

🏆पुरस्कार-सम्मान

उन्हें साल 1974 में संगीत नाटक अकादमी और साल 1980 में संगीत कलानिधि से सम्मानित किया गया. भारत सरकार ने कृष्णन को साल 1973 में पद्मश्री और साल 1992 में पद्मभूषण से सम्मानित किया. उन्हें साल 1999 में चेन्नई के द इंडियन फाइन आर्ट्स सोसाइटी द्वारा संगीत कलसिकमणि पुरस्कार मिला.

टीएन कृष्णन के बारे में

टीएन कृष्णन का जन्म साल1928 में केरल के त्रिप्पुनितुरा में हुआ था. उनके पिता का नाम ए. नारायण अय्यर और मां अम्मिनी अम्माल थीं.

कृष्णन को संगीत की शुरुआती शिक्षा उन्हें अपने पिता ए नारायण अय्यर से मिली. उन्होंने तिरुवनंतपुरम में 11 साल की उम्र में 1939 अपना पहला कॉन्सर्ट में दिया था.

साल 1942 में चेन्नई जाने के दौरान वे सेमंगुड़ी श्रीनिवास अय्यर से जुड़ गए. इसके बाद उनके केरियर को नई ऊंचाई मिली.

कृष्णन ने एक शिक्षक के रूप में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. वे म्यूजिक कॉलेज, चेन्नई में म्यूजिक के प्रोफेसर रहे. वे इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ म्यूजिक एंड फाइन आर्ट्स के डीन बने.

उन्हें संगीत की दुनिया में प्रोफेसर कृष्णन के रूप में जाना जाता था. उन्हें संगीत अकादमी का संगीत कलानिधि और पद्म भूषण और पद्म विभूषण सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया.

कृष्णन ने कई दिग्गज लोगों के साथ काम किया है. उसमें से कुछ अरियाकुड़ी रामानुज अयंगर, मुसिरी सुब्रमनिया अय्यर, अलाथुर ब्रदर्स, जीएन बालासुब्रमण्यम, मदुरै मणि अय्यर, वैद्यनाथ भगवान, एमडी रामनाथन और महाराजपुरम विश्वनाथ अय्यर जैसे महान संगीतकार भी शामिल हैं.

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