सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, राजस्व इंटेलीजेंस विभाग और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय समेत ज्यादातर जांच एजेंसियां अपने दफ्तरों में पूछताछ करती हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने 02 दिसंबर 2020 को देश भर के थानों में सीसीटीवी लगाने का निर्देश जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि सही भावना से कोर्ट के आदेश को लागू कराया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) समेत जांच ऐसी एजेंसियों के दफ्तर में सीसीटीवी व रिकॉर्डिंग उपकरण लगाने का निर्देश दिया, जिनके पास गिरफ्तारी करने व पूछताछ करने की शक्ति है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, राजस्व इंटेलीजेंस विभाग और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय समेत ज्यादातर जांच एजेंसियां अपने दफ्तरों में पूछताछ करती हैं. ऐसे में जहां आरोपी को रखा जाता है और उससे पूछताछ होती है, वहां सीसीटीवी व रिकॉर्डिंग उपकरण लगाना अनिवार्य है. इससे पहले शीर्ष अदालत ने मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं के बाद सभी थानों में सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया था.
जस्टिस आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक पुलिस थाने में सीसीटीवी कैमरा लगा हो. थाने के सभी एंट्री एवं एग्जिट प्वाइंट, मेन गेट, सभी लॉकअप, लॉबी और रिसेप्शन एरिया में सीसीटीवी होना चाहिए.
छह हफ्ते का समय
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, कैबिनेट सेक्रेटरी या फिर होम सेक्रेटरी हलफनामा दायर कर बताएं कि अदालत के आदेश का पालन के लिए एक्शन प्लान क्या है और टाइम लाइन क्या होगी. अदालत ने इसके लिए छह हफ्ते का समय दिया है.
ईडी के दफ्तर में भी लगे सीसीटीवी
थाने के अलावा सीबीआई, एनआईए, ईडी, एनसीबी, डीआरआई, आदि में लगाया जाए. थाने में सीसीटीवी लगाए जाने के बारे में इंग्लिश और हिंदी के अतिरिक्त स्थानीय भाषा में जानकारी उपलब्ध हो कि सीसीटीवी के निगरानी में हैं. ये बात साफ है कि आम आदमी को अधिकार है कि उसके मानवाधिकार की रक्षा हो.
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