List of 75 Ramsar Sites in India in Hindi 2022,
भारत में रामसर स्थल की सूची 2022 :~
( नवीनतम आंकड़े 13 अगस्त 2022 )
1. कोलेरु झील (आंध्र प्रदेश)
2. गहरा बील (असम)
3. नालसरोवर पक्षी अभयारण्य (गुजरात)
4. चंदेरटल वेटलैंड (हिमाचल प्रदेश)
5. पौंग बांध झील (हिमाचल प्रदेश)
6. रेणुका वेटलैंड (हिमाचल प्रदेश)
7. होकेरा वेटलैंड (जम्मू और कश्मीर)
8. सूरिंसार-मानसर झीलें (जम्मू-कश्मीर)
9. त्सो-मोरीरी (लद्धाख)
10. वुलर झील (जम्मू-कश्मीर)
11. अष्टमुडी वेटलैंड (केरल)
12. सस्थमकोट्टा झील (केरल)
13. वेम्बनाड-कोल वेटलैंड( केरल)
14. भोज वेटलैंड, भोपाल, ( मध्य प्रदेश)
15. लोकतक झील ( मणिपुर)
16. भितरकनिका मैंग्रोव (ओडिशा)
17. चिलिका झील (ओडिशा)
18. हरिके झील (पंजाब)
19. कंजली झील (पंजाब)
20. रोपड़ (पंजाब)
21. सांभर झील (राजस्थान)
22. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान( राजस्थान)
23. प्वाइंट कैलिमेरे वन्यजीव और पक्षी अभयारण्य (तमिलनाडु)
24. रुद्रसागर झील (त्रिपुरा)
25. ऊपरी गंगा नदी ,ब्रजघाट से नरौरा खिंचाव (उत्तर प्रदेश)
26. पूर्व कलकत्ता वेटलैंड्स (पश्चिम बंगाल)
27. सुंदर वन डेल्टा (पश्चिम बंगाल)
28. नंदूर मधमेश्वर ,नासिक (महाराष्ट्र)
29. केशोपुर मिआनी कम्युनिटी रिजर्व ( पंजाब)
30. व्यास संरक्षण रिजर्व (पंजाब)
31. नांगल वन्यजीव अभयारण्य,रूपनगर ( पंजाब)
32. साण्डी पक्षी अभयारण्य ,हरदोई ( उत्तर प्रदेश)
33. समसपुर पक्षी अभयारण्य,रायबरेली (उत्तर प्रदेश)
34. नवाबगंज पक्षी अभयारण्य, उन्नाव (उत्तर प्रदेश)
35. समन पक्षी अभयारण्य ,मैनपुरी (उत्तर प्रदेश)
36. पार्वती अरगा पक्षी अभयारण्य , गोंडा (उत्तर प्रदेश)
37. सरसई नावर झील , इटावा (उत्तर प्रदेश)
38. आसान रिजर्व
39. कबर तल (बिहार)
40.लोनार झील (महारष्ट्र)
41.सुर सरोबर (आगरा)
42.त्सो कर लेक (लद्दाख)
43. सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (हरियाणा) 2021
44. भिड़ावास वन्यजीव अभ्यारण्य (हरियाणा) 2021
45. थोल झील वन्यजीव अभ्यारण्य (गुजरात) 2021
46. वाधवाना आर्द्रभूमि क्षेत्र (गुजरात) 2021
47. हैदरपुर वेटलैंड (उत्तर प्रदेश) 2021
इस वर्ष शामिल किए गए 28 क्षेत्र ।।
48. खिजड़िया पक्षी अभयारण्य (गुजरात) 2022
49. बखिरा वन्यजीव अभयारण्य (उत्तर प्रदेश) 2022
50. करीकिली पक्षी अभयारण्य ( तमिलनाडु )
51. पल्लिकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट ( तमिलनाडु )
52. पिचवरम मैंग्रोव ( तमिलनाडु )
53. पाला आर्द्रभूमि ( मिजोरम 26 जुलाई 2022 )
54. साख्य सागर ( मध्य प्रदेश 26 जुलाई 2022 )
55. कूनथनकुलम पक्षी अभ्यारण्य- (तमिलनाडु)
56. मन्नार की खाड़ी समुद्री बायोस्फीयर रिजर्व- (तमिलनाडु)
57. उदयमार्थंदपुरम पक्षी अभयारण्य- (तमिलनाडु)
58. वेदान्थंगल पक्षी अभ्यारण्य- (तमिलनाडु)
59.वेलोड पक्षी अभयारण्य- (तमिलनाडु)
60. वेम्बन्नूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स- (तमिलनाडु)
61. सतकोसिया गॉर्ज- (ओडिशा)
62. नंदा झील- (गोवा)
63. रंगनाथितु बी एस- (कर्नाटक)
64.सिरपुर आर्द्रभूमि- (मध्य प्रदेश)
65. टंपारा झील ओडिशा 13 अगस्त 2022
66. हीराकुंड रिजर्व ओडिशा 13 अगस्त 2022
67. अनसुपा झील ओडिशा 13 अगस्त 2022
68. यशवंत सागर मध्य प्रदेश 13 अगस्त 2022
69. चित्रांगुडी पक्षी अभ्यारण्य तमिलनाडु 13 अगस्त 2022
70. सुचिन्द्रम थेरूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स तमिलनाडु 13 अगस्त 2022
71. वडुवुर पक्षी अभ्यारण्य तमिलनाडु 13 अगस्त 2022
72. कांजीरंकुलम पक्षी अभ्यारण्य तमिलनाडु 13 अगस्त 2022
73. ठाणे क्रीक महाराष्ट्र 13 अगस्त 2022
74. हाइगम वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व जम्मू और कश्मीर 13 अगस्त 2022
75. शालबुग वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व जम्मू और कश्मीर 13 अगस्त 2022
▪️13 अगस्त, 2022 को भारत ने 11 और रामसर स्थल जोड़े हैं, जिससे कुल रामसर साइट 64 से बढ़कर 75 हो गई हैं।
▪️भारत 1971 में रामसर, ईरान में हस्ताक्षरित रामसर कन्वेंशन के लिए अनुबंधित पक्षों में से एक है।
▪️भारत ने 1 फरवरी 1982 को इस पर हस्ताक्षर किए।
▪️अब तक 12,50,361 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करने वाली 64 आर्द्रभूमि को अंतर्राष्ट्रीय महत्व के रामसर स्थलों के रूप में नामित किया गया है।
Vijay saran
What Is Ramsar Sites In Hindi ? / रामसर स्थल क्या है ? -:
रामसर समझौता ( Ramsar Convention ) वेटलैंड्स के संरक्षण और प्रबंधन के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संधि है। ईरान के शहर रामसर में 2 फरवरी 1971 को इस अंतर्राष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर किए गए। इसलिए इसे रामसर अभिसमय / रामसर समझौता के नाम से जाना जाता है। यह समझौता 21 दिसंबर 1975 से प्रभाव में आया। भारत में रामसर संधि पर 1 फरवरी 1982 को हस्ताक्षर किए थे। प्रत्येक वर्ष 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस ( World Wetlands Day ) मनाया जाता है। विश्व आर्द्रभूमि दिवस पहली बार 1997 में मनाया गया था। भारत में अब तक कुल 49 स्थानों को रामसर सूची में शामिल किया गया है। भारत का 49वां रामसर स्थल उत्तर प्रदेश में स्थित बखिरा वन्यजीव अभयारण्य है।
रामसर स्थलों की सूची का उद्देश्य आर्द्र भूमि के एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को विकसित करना है। जो वैश्विक जैव विविधता के संरक्षण और उनके पारिस्थितिक तंत्र घटकों व प्रक्रियाओं के रखरखाव एवं लाभों के माध्यम से मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
आर्द्रभूमि क्षेत्र पृथ्वी पर सबसे उत्पादक पारिस्थितिक तंत्रों में से एक है। यह मानव समाज के लिए कई महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करता है जैसे सिंचाई के लिए पानी, मत्स्य पालन, गैर-इमारती लकड़ी के उत्पाद, पानी की आपूर्ति और जैव विविधता रखरखाव आदि। आर्द्रभूमि क्षेत्र पानी को अवशोषित करके बाढ़ के प्रभाव को भी कम करता है। यह पानी के प्रवाह की गति को कम करता है।
आर्द्र भूमि क्षेत्र (Wetland) एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां जमीन पानी से ढकी होती है। तालाब, झील, नदी का डेल्टा, दलदली भूमि और समुद्र का किनारा आदि जगहों को आर्द्र भूमि क्षेत्र कहते है।
रामसर सम्मेलन के अनुसार आर्द्र भूमि क्षेत्र / वेटलैंड्स हैं –: “दलदल,पंकभूमि, पीट भूमि या पानी के क्षेत्र, चाहे प्राकृतिक या कृत्रिम, स्थायी या अस्थायी, पानी के साथ चाहे स्थैतिक हो या बहता हो, ताजा, खारा या नमकीन हो, इसमें समुद्री पानी के क्षेत्र भी शामिल हैं, जिसमें कम ज्वार पर गहराई 6 मीटर से अधिक नहीं हो।”
भारत में वेटलैंड्स को स्थलाकृतिक भिन्नता के आधार पर निम्नलिखित 4 वर्गों में वर्गीकृत किया गया है।
१. हिमालयी आर्द्रभूमि
२. गंगा के मैदान में आर्द्रभूमि
३. रेगिस्तान में आर्द्रभूमि
४. तटीय आर्द्रभूमि
भारत में आर्द्रभूमि के संरक्षण और प्रबंधन के लिए वर्ष 2012-13 में राष्ट्रीय आर्द्रभूमि संरक्षण कार्यक्रम लागू किया गया था।
वर्तमान में रामसर क्षेत्रों की संख्या 75 हैं ।।(2022)
रामसर सूची का उद्देश्य ‘‘आर्द्रभूमि के एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को विकसित करना और बनाए रखना है जो वैश्विक जैविक विविधता के संरक्षण और उनके पारिस्थितिक तंत्र घटकों एवं प्रक्रियाओं के रखरखाव एवं लाभों के माध्यम से मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं’’।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की पर्यावरण के प्रति चिंता के कारण भारत में आर्द्रभूमियों की देखभाल के तरीके में समग्र सुधार हुआ है। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि चार और भारतीय आर्द्रभूमियों को अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियों के रूप में रामसर की मान्यता मिली है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात के थोल एवं वाधवाना और हरियाणा के सुल्तानपुर एवं भिंडावास को रामसर ने मान्यता दी है। भारत में रामसर स्थलों की संख्या अब 75 है।’’
हरियाणा का भिंडावास वन्यजीव अभयारण्य मानव निर्मित ताजाजल आर्द्रभूमि है। यह हरियाणा में सबसे बड़ी आर्द्रभूमि है। वर्षभर पक्षियों की 250 से अधिक प्रजातियां इस अभयारण्य का उपयोग विश्राम स्थल के रूप में करती हैं। यह स्थल मिस्र के गिद्ध, स्टेपी ईगल, पलास की फिश ईगल और ब्लैक-बेलिड टर्न सहित विश्व स्तर पर 10 से अधिक विलुप्तप्राय प्रजातियों के उपयुक्त है।
हरियाणा स्थित सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान उसके मूल पक्षियों, शीतकालीन प्रवासियों और स्थानीय प्रवासी जलपक्षियों की 220 से अधिक प्रजातियों के लिए उनके जीवन चक्र के महत्वपूर्ण चरणों में अनुकूल है। इनमें से 10 से अधिक अधिक प्रजातियां वैश्विक स्तर पर विलुप्तप्राय श्रेणी में आती है।
गुजरात में थोल झील वन्यजीव अभयारण्य ‘सेंट्रल एशियन फ्लाइवे’ पर स्थित है और यहां पक्षियों की 320 से अधिक प्रजातियां पाई जा सकती हैं।
गुजरात में वाधवाना आर्द्रभूमि पक्षी जीवन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रवासी जलपक्षी सर्दियों में यहां आते हैं। इन पक्षियों में 80 से अधिक ऐसी प्रजातियां शामिल हैं जो मध्य एशियाई फ्लाईवे पर प्रवास करती हैं।
रामसर संधि आर्द्रभूमि के संरक्षण और समझदारी से उपयोग के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संधि है। इसका नाम कैस्पियन सागर पर स्थित ईरानी शहर रामसर के नाम पर रखा गया है, जहां दो फरवरी, 1971 को संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। भारत में 64 रामसर स्थलों में ओडिशा स्थित चिल्का झील, राजस्थान स्थित केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, पंजाब स्थित हरिके झील, मणिपुर स्थित लोकतक झील और जम्मू- कश्मीर स्थित वुलर झील शामिल हैं।
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