नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal - NGT)

💥चर्चा में क्यों?💥

💫हाल ही में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal-NGT) ने कहा है कि राज्य कानून से ऊपर नहीं (State is not above the law) है।
National Green Tribunal decision on Biodiversity Management ...

💥प्रमुख बिन्दु💥

💫तमिलनाडु के थूथुकुडी (Thoothukudi) जिले में मछली लैंडिंग सेंटर(fish landing centre) के निर्माण में एक संयुक्त समिति(joint committee) ने उल्लंघन पाया है।
संयुक्त समिति ने एनजीटी को प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा है कि थूथुकुडी (Thoothukudi) जिले में मत्स्य विभाग के एक मछली लैंडिंग केंद्र के निर्माण में तटीय विनियमन क्षेत्र (Coastal Regulation Zone -CRZ) अधिसूचना, 2011 के नियमों का उल्लंघन हुआ है। इसके निर्माण में आवश्यक मंजूरी नहीं ली गई है।

💫इस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal-NGT) की दक्षिणी बेंच ने कहा है कि राज्य कानून से ऊपर नहीं है यदि इसके द्वारा कार्यान्वित किसी परियोजना में उल्लंघन होते हैं।

💫नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal-NGT)
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण अधिनियम, 2010 द्वारा भारत में एक राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) की स्थापना की गई है।

💫यह एक विशेष पर्यावरण अदालत है जो पर्यावरण संरक्षण और वनों का संरक्षण से संबंधित मामलों कि सुनवाई करती है।
अधिकरण की प्रधान पीठ नई-दिल्ली में और भोपाल, पुणे, कोलकाता और चेन्नई अधिकरण के अन्य चार पीठें हैं।
इसमें पूर्णकालिक अध्यक्ष के रूप में भारत के सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायिक सदस्य और विशेषज्ञ सदस्य शामिल होते हैं।

💫प्रत्येक श्रेणी में निर्धारित न्यायिक और विशेषज्ञ सदस्यों की न्यूनतम संख्या 10 अधिकतम संख्या 20 होती है।
तटीय विनियमन क्षेत्र (Coastal Regulation Zone -CRZ)
भारत के तटीय क्षेत्रों के संरक्षण एवं सुरक्षा हेतु पर्यावरण, वन एवं मंत्रालय द्वारा तटीय विनियमन क्षेत्र (Coastal Regulation Zone -CRZ) अधिसूचना को जारी किया जाता है।
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