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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

भारतीय संविधान की अनुसूचियाँ।।

📚भारत के मूल संविधान में मूलतः आठ अनुसूचियाँ थीं परन्तु वर्तमान में भारतीय संविधान में 12 (बारह) अनुसूचियाँ हैं। संविधान में नौवीं अनुसूची प्रथम संविधान संशोधन 1951, 10वीं अनुसूची 52वें संविधान संशोधन 1985, 11वीं अनुसूची 73वें संविधान संशोधन 1992 एवं बाहरवीं अनुसूची 74वें संविधान संशोधन 1992 द्वारा सम्मिलित किया गया।

✍️पहली अनुसूची - (अनुच्छेद 1 तथा 4) - इसमें भारतीय संघ के घटक राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों का उल्लेख है।

✍️दूसरी अनुसूची - [अनुच्छेद 59(3), 65(3), 75(6),97, 125,148(3), 158(3),164(5),186 तथा 221] - मुख्य पदाधिकारियों के वेतन-भत्ते [9]

इसमें भारतीय राज-व्यवस्था के विभिन्न पदाधिकारियों(राष्ट्रपति, राज्यपाल, लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष,राज्यसभा के सभापति और उप-सभापति, विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, विधानपरिषद् के सभापति और उप-सभापति, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों
के न्यायाधीशों और भारत के नियन्त्रक महालेखा परीक्षक, आदि) को प्राप्त होने वाले वेतन, भत्ते और पेन्शन आदि का उल्लेख किया गया है। द्वितीय अनुसूची में इन पदो के उल्लेख का आशय यह है कि इन पदों की संवैधानिक स्थिति प्राप्त है।

भाग-क : राष्ट्रपति और राज्यपाल के वेतन-भत्ते,
भाग-ख : लोकसभा तथा विधानसभा के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष, राज्यसभा तथा विधान परिषद् के सभापति तथा उपसभापति के वेतन-भत्ते,
भाग-ग : उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन-भत्ते,
भाग-घ : भारत के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक के वेतन-भत्ते।

✍️तीसरी अनुसूची - [अनुच्छेद 75(4),99, 124(6),148(2), 164(3),188 और 219] - व्यवस्थापिका के सदस्य, मंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, न्यायाधीशों आदि के लिए शपथ लिए जानेवाले प्रतिज्ञान के प्रारूप दिए हैं।

इसमें विभिन्न पद धारियों (राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, मन्त्री, संसद सदस्य, उच्चतम और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों, आदि) द्वारा पद ग्रहण के समय ली जाने वाली शपथ का उल्लेख है।

✍️चौथी अनुसूची - [अनुच्छेद 4(1),80(2)] - राज्यसभा में स्थानों का आबंटन राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों से।

इसमें विभिनन राज्यों तथा संघीय क्षेत्रों के राज्यसभा में प्रतिनिधित्व का विवरण दिया गया है।

✍️पाँचवी अनुसूची - [अनुच्छेद 244(1)] - अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जन-जातियों के प्रशासन और नियंत्रण से संबंधित उपबंध।

इसमें विभिन्न अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियन्त्रण के बारे में उल्लेख है।

✍️छठी अनुसूची- [अनुच्छेद 244(2), 275(1)] - असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के विषय में उपबंध।

इसमें असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में प्रावधान है।

✍️सातवीं अनुसूची - [अनुच्छेद 246] - विषयों के वितरण से संबंधित सूची-1 संघ सूची, सूची-2 राज्य सूची, सूची-3 समवर्ती सूची।

इसमें संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची के विषयों का उल्लेख किया गया है।

✍️आठवीं अनुसूची - [अनुच्छेद 344(1), 351] - भाषाएँ - 22 भाषाओं का उल्लेख।

इसमें भारत की 22 भाषाओं का उल्लेख किया गया है।मूल रूप से आठवीं अनुसूची में 14 भाषाएं थीं, 1967 में सिंधी की ओर 1992 में कोंकणी, मणिपुरी तथा नेपाली इन तीन भाषाओं को आठवीं अनुसूची में स्थान दिया गया।

✍️नवीं अनुसूची - [अनुच्छेद 31 ख ] - कुछ भूमि सुधार संबंधी अधिनियमों का विधिमान्य करण।पहला संविधान संशोधन (1951) द्वारा जोड़ी गई ।

संविधान में यह अनुसूची प्रथम ’संविधान संशोधन अधिनियम’ (1951) द्वारा जोड़ी गई। इसके अन्तर्गत राज्य द्वारा सम्पत्ति के अधिग्रहण की विधियों का उल्लेख किया गया है। इस अनुसूची में सम्मिलित विधियों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती। इस अनुसूची में विभिन्न अधिनियमों को शामिल किया जाना जारी रहा और आज इस अनुसूची में 284 अधिनियमों ने स्थान पा लिया है।

✍️दसवीं अनुसूची - [अनुच्छेद 102(2), 191(2)] - दल परिवर्तन संबंधी उपबंध तथा परिवर्तन के आधार पर 52वें संविधान संशोधन (1985) द्वारा जोड़ी गई ।

यह संविधान में 52वें संवैधानिक संशोधन (1985) द्वारा जोड़ी गई है। इसमें दल-बदल से सम्बन्धित प्रावधानों का उल्लेख है। पिछले अनेक वर्षों से इन बात की आवश्यकता अनुभव की जा रही थी कि स्थानीय स्वशासन (ग्रामीण क्षेत्र और शहरी क्षेत्र) की व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया जाना चाहिए: अतः 1992 में संविधान में 11वीं और 12वीं अनुसूचियां जोड़ी गई हैं।

✍️गयारहवीं अनुसूची - [अनुच्छेद 243 छ ] - पंचायती राज/ जिला पंचायत से सम्बन्धित यह अनुसूची संविधान में 73वें संवैधानिक संशोधन (1992) द्वारा जोड़ी गई।

संविधान में यह अनुसूची 73वें संवैधानिक संशोधन (1993) से जुड़ी है। इस अनुसूची के आधार पर ’पंचायती राज-संस्थाओं’ की कार्य करने के लिए 29 विषय प्रदान किये गये हैं।

✍️बारहवीं अनुसूची - इसमे नगरपालिका का वर्णन किया गया हैं ; यह अनुसूची संविधान में 74वें संवैधानिक संशोधन द्वारा जोड़ी गई।

संविधान में यह अनुसूची 74वें संवैधानिक संशोधन (1993) के आधार पर जुड़ी है। इस अनुसूची में शहरी क्षेत्र की स्थानीय स्वशासन संस्थाओं को कार्य करने के लिए 18 विषय प्रदान किये गये हैं।


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