🌀दूसरे शब्दों में, राजकोषीय घाटा “सरकार की कुल ऋण आवश्यकताओं को दर्शाता है” ।
👉उच्च राजकोषीय घाटे का प्रभाव:
अर्थव्यवस्था में, निवेश योग्य बचतों का सीमित पूल होता है। इन बचतों का उपयोग वित्तीय संस्थानों, जैसे कि बैंकों, द्वारा निजी व्यवसायों (लघु और बड़े, दोनों प्रकार के) और सरकारों (केंद्र और राज्य) को ऋण प्रदान करने हेतु किया जाता है।
यदि राजकोषीय घाटे का अनुपात काफी अधिक होता है, तो इसका तात्पर्य है कि बाजार में, निजी उद्यमियों और व्यवसायों को ऋण प्रदान करने हेतु कम राशि बची है।
बाजार में ऋण प्रदान करने हेतु कम राशि होने से, ऋण पर ब्याज दरें उच्च हो जाती हैं।
उच्च राजकोषीय घाटे और उच्च ब्याज दरों का तात्पर्य यह भी होता है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों को कम करने के प्रयास प्रभावी साबित नहीं हुए हैं।
✅विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए राजकोषीय घाटे का स्वीकार्य स्तर:
विकासशील अर्थव्यवस्था में निवेश करने हेतु प्रायः निजी उद्यमों की तुलना में सरकार बेहतर स्थिति में होती है, और विकसित अर्थव्यवस्था की तुलना में राजकोषीय घाटा अधिक हो सकता है।
🌀विकासशील अर्थव्यवस्था में सरकारों को राजस्व वृद्धि के पर्याप्त साधन नहीं होने पर भी सामाजिक और भौतिक अवसंरचनाओं पर अग्रिम निवेश करना पड़ता है।
🌀भारत में, राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (Fiscal Responsibility and Budget Management – FRBM) अधिनियम के तहत, राजकोषीय घाटे में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के लगभग 3 प्रतिशत तक की कमी एक आदर्श स्थिति बताई गयी है। दुर्भाग्य से, सरकारें इस लक्ष्य को प्राप्त करने में असमर्थ रही हैं।
‘👉FRBM अधिनियम’ क्या है?✅
राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (Fiscal Responsibility and Budget Management – FRBM), 2003, वित्तीय घाटे को कम करने के लिए वित्तीय विनियमन करता है।
✅FRBM अधिनियम के उद्देश्य:
🌀FRBM अधिनियम का उद्देश्य भारत की राजकोषीय प्रबंधन प्रणालियों में पारदर्शिता लाना है।
🌀अधिनियम का दीर्घकालिक उद्देश्य भारत में राजकोषीय स्थिरता प्राप्त करना और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारत में मुद्रास्फीति से निपटने के लिए लचीलापन प्रदान करना है।
🌀यह अधिनियम, भारत के ऋणों का अधिक न्यायसंगत वितरण करने के लिए लागू किया गया था।
✅FRBM अधिनियम की प्रमुख विशेषताएं:
🔶राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम (FRBM Act) के तहत, सरकार के लिए संसद में प्रतिवर्ष केंद्रीय बजट के साथ निम्नलिखित दस्तावेजों को प्रस्तुत करना अनिवार्य है:
🔶मध्यकालिक राजकोषीय नीति विवरण (Medium Term Fiscal Policy Statement)।
🔶वृहत् आर्थिक रूपरेखा विवरण (Macroeconomic Framework Statement)।
🔶राजकोषीय नीति कार्यनीति विवरण (Fiscal Policy Strategy Statement)।
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