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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

अतिमहत्वपूर्ण प्रश्नों की सीरीज

1.    ‘अज्ञेय को मैं चुपचाप अपना फेवरेट कवि मानता हूं’ यह कथन हिंदी के किस कवि का है - शमशेर बहादुर सिंह

2.   नई कविता सीमाएं और संभावनाएं नामक पुस्तक किसकी है - गिरिजाकुमार माथुर, 1966 

3.  किस नाटक में महाभारत की कथा के बहाने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के विनाश अनस्था और टूटते मूल्यों की महागाथा कही गई है - अंधा युग, धर्मवीर भारती

4.  हिंदी का वह एक कौन सा काव्य नाटक है, जो रंगमंच पर सर्वाधिक बार मंचित हुआ है - अंधायुग

5.  मोहन राकेश के किस नाटक में कलाकार या रचनाकार के सामने सृजन या सत्ता में से किसी एक को चुनने का प्रश्न और उस से उत्पन्न होने वाले खतरे को चित्रित किया गया है - आषाढ़ का एक दिन

6.  मोहन राकेश का वह कौन सा नाटक है, जिसमें भारतीय स्वरूप में यथार्थवाद को अच्छे से चित्रित किया गया है - आषाढ़ का एक दिन

7.  सर्वेश्वर दयाल सक्सेना के उस नाटक का नाम बताइए जो नौटंकी शैली में लिखा गया है - बकरी

8.  नाटक ‘एक और द्रोणाचार्य’ किसकी रचना है - शंकर शेष

9.  जगनिक के परमाल रासो में कुल कितने खंड हैं - 36
हल्दीघाटी - 17 सर्ग, 
जायसी/पद्मावत - 57 खंड, 
नरपतिनाल्ह/बीसलदेव रास - 4 खंड,
चंदबरदाई/पृथ्वीराज रासो - 69 समय, 
सूरदास/सूरसागर - 12 स्कंध, 
ज्योतिश्वर ठाकुर/वर्णरत्नाकर - 8 कल्लोल,
तुलसीदास/रामचरितमानस - सात कांड, 
केशवदास/रामचंद्रिका – 39 प्रकाश, 
बिहारी/बिहारी सतसई - 713 या 719 दोहे,
सेनापति/कवित्त रत्नाकर - पांच तरंग, 
हरिऔध /प्रियप्रवास - 17 सर्ग, 
हरिऔध/वैदेही वनवास - 18 सर्ग, 
मैथिलीशरण गुप्त/साकेत - 12 सर्ग, 
जयशंकर प्रसाद - कामायनी 15 सर्ग, 
मुक्तिबोध/अंधेरे में - 8 खंड, 
अंधायुग/धर्मवीर भारती - 5 अंक, 
नाट्यशास्त्र/भरतमुनि - 36 अध्याय, 
केशवदास/रसिकप्रिया - 16 प्रभाव, 
केशवदास/कविप्रिया - 16 प्रकाश, 
केशवदास/विज्ञान गीता - 21 प्रभाव

10.   हिंदी में कुछ प्रमुख वाद और उनके प्रवर्तक : अद्वैतवाद - शंकराचार्य,  
द्वैतवाद - मध्वाचार्य, 
शुद्धाद्वैतवाद - वल्लभाचार्य, 
संघातवाद या क्षणिकवाद - महात्मा बुद्ध,  
सनक संप्रदाय - विष्णु स्वामी, 
रामावत संप्रदाय – रामानंद, 
उदासी संप्रदाय - श्री चंद, 
हरिदासी या सखी संप्रदाय - स्वामी हरिदास, 
भक्ति के प्रवर्तक - रामानुज, 
विशिष्टाद्वैतवाद - रामानुजाचार्य, 
द्वैतवाद - निंबार्काचार्य, 
श्री संप्रदाय - रामानुज, 
ब्रह्म संप्रदाय - मध्वाचार्य, 
गौड़ीय संप्रदाय - चैतन्य महाप्रभु, 
बिंबवाद - टी. ई. ह्यूम, 
मांसलवाद - रामेश्वर शुक्ल, 
स्वच्छंदतावाद - श्रीधर पाठक, 
हालावाद - हरिवंशराय बच्चन, 
छायावाद - जयशंकर प्रसाद, 
प्रयोगवाद - अज्ञेय,  
रीति संप्रदाय - वामन, 
औचित्य संप्रदाय - क्षेमेंद्र, 
ध्वनिवाद - आनंदवर्धन, 
सचेतन कहानी - महीप सिंह, 
सहज कहानी - अमृत राय, 
सक्रिय कहानी - राकेश वत्स,  
कैप्सूलवाद - ओंकार नाथ त्रिपाठी, 
पुष्टिमार्ग - वल्लभाचार्य, 
नकेनवाद - नलिन विलोचन शर्मा, 
वेदांत – वादरायण

11.  हिंदी के कुछ प्रमुख लेखक, कवि और उनके उपनाम/प्रचलित/पहचान बन  जाने वाले नाम :  आदि कवि - वाल्मीकि, 
अपभ्रंश का वाल्मीकि - स्वयंभू, 
अभिनव जयदेव - विद्यापति, 
हिंदी का प्रथम कवि - सरहपा, 
हिंदी का प्रथम सूफी कवि - असाइत,  
जड़िया कवि - नंददास, 
वात्सल्य रस का सम्राट - सूरदास, 
हिंदी का जातीय कवि - तुलसीदास, 
कठिन काव्य का प्रेत - केशवदास, 
कठिन गद्य का प्रेत - अज्ञेय,  
पुराने पंथ का पथिक - मतिराम, 
प्रेम की पीर का कवि - घनानंद, 
हिंदी नवजागरण का अग्रदूत - भारतेंदु हरिश्चंद्र, 
हिंदी साहित्य में आधुनिकता के जन्मदाता - भारतेंदु हरिश्चंद्र, 
नियम नारायण शर्मा - महावीर प्रसाद द्विवेदी, 
कल्लू अल्हैत - महावीर प्रसाद द्विवेदी, 
कवि सम्राट - अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध,
आधुनिक कविता के सुमेरु - जयशंकर प्रसाद,
बुंदेलखंड का चंदबरदाई - वृंदावन लाल वर्मा,
स्वच्छतावादी आलोचक - नन्द दुलारे वाजपेयी, 
रसवादी आलोचक - डॉ नगेंद्र, 
गद्यकाव्य के लेखक - वियोगी हरि

12.  “जब से हमने अपनी भाषा का आदर करना छोड़ा , तभी से हमारी अवनति और अनादर शुरू हुआ” यह कथन हिंदी के किस विद्वान का है - राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह

13.  ‘हमन है इश्क़ मस्ताना हमन को होशियारी क्या, रहे आज़ाद या जग में हमन दुनिया से यारी क्या’ नामक ग़ज़ल की पंक्तियां हिंदी के किस कवि की हैं - कबीरदास

14.  ‘रास्ता छोड़ो डार्लिंग’ किसका उपन्यास है - क्षमा शर्मा

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