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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाओं का स्थिति काल रहा है→500 ई.पू. से 1000 ई.पू.

✒ ‘प्राचीन देशभाषा’ (पूर्व अपभ्रंश) को ‘अपभ्रंश’ तथा परवर्ती अर्थात् अग्रसरीभूत अपभ्रंश को ‘अवहट्ठ’ किस भाषा वैज्ञानिक ने कहा है→सुनीतिकुमार चटर्जी एवं सुकुमार सेन
✒ अर्द्धमागधी अपभ्रंश से इनमें से किस बोली का विकास हुआ है→बंगाली

✒ कामताप्रसाद गुरु का हिन्दी व्याकरण विषयक ग्रंथ, जो नागरी प्रचारिणी सभा, काशी से प्रकाशित हुआ था, उसका नाम था→हिन्दी व्याकरण
✒ देवनागरी लिपि है→अक्षरात्मक
✒ विद्यापति की उस प्रमुख रचना का नाम बताइए, जिसमें ‘अवहट्ठ’ भाषा का बहुतायत प्रयोग हुआ है→कीर्तिलता\

✒ जॉर्ज ग्रियर्सन ने पश्चिमोत्तर समुदाय की भाषा को आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं की किस उपशाखा में रखा है→बाहरी उपशाखा
✒ उर्दू किस भाषा का मूल शब्द है→तुर्की भाषा
✒ ‘साहित्य का इतिहास दर्शन’ ग्रंथ के लेखक का नाम है→डॉ. नलिन विलोचन शर्मा

✒ जहाँ शब्दों, शब्दांशों या वाक्यांशों की आवृत्ति हो, किंतु उनके अर्थ भिन्न हों, वहाँ निम्न में से कौन-साअलंकार है→यमक
✒ गिला’ कहानी के लेखक का नाम है→प्रेमचन्द्र
✒ ‘गंगावतरण’ काव्य के रचयिता हैं→जगन्नाथदास रत्नाकर

✒ छायावादी कवियों ने जब आध्यात्मिक प्रेम को अपनी कविताओं में व्यक्त किया तो ऐसी कविताओं को किस वाद के अंतर्गत रखा गया है→रहस्यवाद
✒ गोवा की स्वीकृत राजभाषा है→कोंकणी
✒ ‘ध्रुव स्वामिनी’ नाटक के रचयिता हैं→जयशंकर प्रसाद

✒ ‘परिवर्तन’ नामक कविता सर्वप्रथम सुमित्रानन्दन पंत के किस कविता संग्रह में संगृहीत हुई है→पल्लव
✒ भिखारीदास की रचना का नाम है→काव्य निर्णय
✒ उन्नीसवीं सदी की साहित्य- सर्जना का मूल हेतु है→पराधीनता का बोध

✒ ‘यह प्रेम को पंथ कराल महा तरवारि की धार पै धावनो है’, नामक पंक्ति किस कवि द्वारा सृजित है→बोधा
✒ आचार्य केशवदास को ‘कठिन काव्य का प्रेत’ किस आलोचक ने कहा है→आचार्य रामचन्द्र शुक्ल

✒ भक्तिकाल का एक कवि अवतारवाद और मूर्तिपूजा का विरोधी है. इसके बावज़ूद वह हिन्दुओं के जन्म-मृत्यु सम्बन्धी सिद्धांत को मानता है, ऐसा रचनाकार है→कबीर
✒ प्रथम सूफ़ी प्रेमाख्यानक काव्य के रचयिता हैं→मुल्ला दाऊद
✒ भक्तिकालीन कवियों में एक ऐसा ख्यातिलब्ध रचनाकार है जो अपने काव्य में लोकव्यापी प्रभाव वाले कर्म और लोकव्यापिनी दशाओं के वर्णन में माहिर है। ऐसे रचनाकार का नाम है→तुलसीदास

✒ ‘जायसी -ग्रंथावली’ के सम्पादक का नाम है→रामचन्द्र शुक्ल
✒ दोहा छन्द में श्रृंगारी रचना प्रस्तुत करने वालों में हिन्दी के सर्वाधिक ख्यातिलब्ध कवि हैं→बिहारी
✒ ‘कंचन तन धन बरन बर रहयौ रंग मिलि रंग। जानी जाति सुबास ही केसरि लाई अंग॥’ उपर्युक्त पंक्तियाँ किसकी हैं?→ बिहारी

✒ जलप्लावन भारतीय इतिहास की ऐसी प्राचीन घटना है जिसको आधार बनाकर छायावादी युग में एक महाकाव्य लिखा गया है। उसका नाम है→कामायनी
✒ शब्दार्थों सहित काव्यम् यह उक्ति किसकी है→भामह

✒ ढ़ाई आखर प्रेम के, पढ़ै सो पंडित होय॥ प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं→कबीर दास
✒ चौपाई के प्रत्येक चरण में मात्राएँ होती हैं→16
✒ ‘संदेश रासक’ के रचयिता हैं→अब्दुल रहमान
✒ ‘साखी’ के रचयिता हैं→कबीरदास
✒ लोगहिं लागि कवित्त बनावत, मोहिं तौ मेरे कवित्त बनावत॥ प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं→घनानन्द

✒ बैर क्रोध का अचार या मुरब्बा है, यह कथन किसका है→रामचन्द्र शुक्ल
✒ रामभक्त कवि नहीं हैं→नरोत्तमदास
✒ जीवन में हास्य का महत्त्व इसलिए है कि, वह जीवन को→सरस बनाता है
✒ श्रृंगार रस का स्थायी भाव है→रति
✒ रहीम द्वारा लिखित इन पंक्तियों में ‘बड़े’ शब्द का प्रयोग जिस रूप में हुआ है, वह है-

✒ बड़े बड़ाई ना करें, बड़े न बोलें बोल।
✒ रहिमन हीरा कब कहै, लाख टका मेरो मोल॥→ संज्ञा
✒ किस रस का संचारी भाव उग्रता, गर्व, हर्ष आदि है→वीर
✒ कबीरदास की भाषा थी→सधुक्कड़ी
✒ “रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून” में कौन-सा अलंकार है→श्लेष
✒ ‘कितने पाकिस्तान’ नामक उपन्यास के लेखक हैं→कमलेश्वर

✒ राजेन्द्र कुमार द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘आलोचना का विवेक’ किस विधा से संबंधित है→आलोचना
✒ ‘भ्रमरगीत’ के रचयिता हैं→सूरदास
✒ ‘ईदगाह’ कहानी के रचनाकार हैं→प्रेमचंद
✒ कवि कालिदास की ‘अभिज्ञान शाकुंतलम’ का हिन्दी अनुवाद किसने किया→राजा लक्ष्मण सिंह
✒ ‘यह काम मैं आप कर लूँगा’, पंक्तियों में ‘आप’ है→निजवाचक सर्वनाम

✒ निम्नलिखित में से कौन-सा स्त्रीलिंग में प्रयुक्त होता है→ऋतु
✒ ‘तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए’ में कौन-सा अलंकार है→अनुप्रास अलंकार
✒ उपर्युक्त पंक्तियों में रस है-
✒ ‘राग है कि, रूप है कि
✒ रस है कि, जस है कि

✒ तन है कि, मन है कि
✒ प्राण है कि, प्यारी है’→अद्भुत
✒ मुग़ल काल में किस भाषा को रेख्यां कहा गया है→उर्दू
✒ मुग़ल काल की राजकीय भाषा थी→उर्दू

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