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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

सर सैय्यद अहमद बिन मुताकी खान ।।

✍️ सर सैयद अहमद खान ने 1864 में अलीगढ़ की साइंटिफिक सोसाइटी की स्थापना की, जो इंग्लैंड की रॉयल सोसाइटी पर आधारित थी।

✍️ "धर्म को समय के साथ परिवर्तित होना चाहिए वरना यह जीवाश्म बन जाएगा।" सर सैयद अहमद खान

✍️ "धार्मिक सिद्धांत अपरिवर्तनीय नहीं होते हैं।" सर सैयद अहमद खान

✍️ उन्होंने 1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेजों का समर्थन किया और 1859 में मुसलमानों को विद्रोह के आरोपों से मुक्त करने के लिए असबाब-ए-बगावत-ए-हिंद (1857 के भारतीय विद्रोह के कारण) पुस्तिका प्रकाशित की।

✍️ उन्होंने कांग्रेस का विरोध करने के लिए कुछ हिंदू और मुस्लिम नेताओं जैसेकि बनारस के राजा शिव प्रसाद के समर्थन से “यूनाइटेड पैट्रियोटिक एसोसिएशन” की स्थापना की।

✍️ उन्होंने 1860 में किताब लिखी- द लॉयल मुहम्मडन्स ऑफ इंडिया नामक एक किताब लिखी थी।

✍️ 1878 में ये इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल के सदस्य बने थे। इनकी वफादारी के कारण 1888 में ब्रिटिश सरकार द्वारा इन्हे नाईटहुड की उपाधि दी गई थी। 

✍️ सर सैय्यद अहमद खान ने 1875 में अलीगढ़ में मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की।

✍️ "उच्च पद और प्रतिष्ठा धारण करने वाले लोग भी अधिकारियों के सामने नहीं पड़ते थे और यदि सामने गए भी हों तो एक आंतरिक भय और बौखलाहट के साथ आते थे" - सर सैयद अहमद खान

Sir Syed Ahmed bin Muttaqi Khan

✍️ Sir Syed Ahmed Khan founded the Scientific Society of Aligarh in 1864 modelling it on the Royal Society of England. 

✍️ “Religion should be adaptable with time or else it would become fossilised.” Sir Syed ahmed Khan 

✍️ “Religious tenets were not immutable.” Sir Syed ahmed Khan 

✍️ He supported the British during the 1857 revolution and in 1859 published the booklet Asbab-i-Baghawat-i-Hind (The Causes of the Indian Revolt) to clear the Muslims of the charges of mutiny. 

✍️ He founded the “United Patriotic Association” with the support of some Hindu and Muslim leaders such as Raja Sheo Prasad of Banaras to oppose the Congress.

✍️ He wrote the book in 1860 – The Loyal Muhammadans of India.

✍️ In 1878 he became a member of the Imperial Legislative Council. His loyalty earned him a Knighthood title in 1888.

✍️ Sir Syed Ahmed Khan established the Mohammedan Anglo-Oriental College at Aligarh in 1875.

“Even natives of the highest rank never came into the presence of officials but with an inward fear and trembling” – Sir Syed Ahmed Khan

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