० जीवनीपरक आलोचना 'महाप्राण निराला' एवम 'महीयसी महादेवी' किसने लिखी - गंगाप्रसाद पांडेय
० 'छायावाद के आधार स्तंभ' नामक पुस्तक किसकी है - गंगा प्रसाद पांडेय
० जवाहर लाल : एक मध्य बिंदु, नेहरू जी : विचार और व्यक्तित्व, नेहरू की काव्यानुभूतियाँ नामक निबन्ध किसने लिखे - शांतिप्रिय द्विवेदी
० छायावाद को "करुणा की छाया में सौंदर्य के माध्यम से व्यक्त होने वाला भावात्मक सर्ववाद" किसने कहा - महादेवी वर्मा
० अरविंद दर्शन एवम अंतश्चेतनावाद का प्रभावी विश्लेषण पन्त के किस भूमिका में प्रकट होती है - उत्तरा की
० किस छायावादी कवि ने कविकर्म को आध्यात्मिक कर्म बताया है - जयशंकर प्रसाद
० "नयी कविता यदि अनुभूति को आधार मानकर चलती है तो रस से उसकी मुक्ति नहीं है" किस आलोचक का कथन है - डॉ नागेंद्र
० "उर्मिला के विरह में मानवता की पुकार है - यह अधिक स्वाभविक है। साथ ही गरिमा की न्यूनता नहीं है, वह विश्वव्यापी है" कथन किसका है - डॉ नगेन्द्र
० समित्रानंदन पंत आलोचना के क्षेत्र में किसकी पहली पुस्तक है - डॉ नगेन्द्र
० "सूरदास की राधा केवल विलासिनी नहीं है। श्री कृष्ण के साथ उनका केवल युवा काल का सम्बंध नहीं है, वे परकीया नायिका भी नहीं है" कथन किस आलोचक का है - हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
० "साहित्य समीक्षा अंततः विचार जगत की वस्तु है" - नन्द दुलारे वाजपेयी
० प्रसाद जी के किस नाटक में जयचन्द काल का चित्रण हुआ है - प्रायश्चित ।
० "शिवशम्भू के चिट्ठा" किस पत्रिका में प्रकाशित हुआ - भारत मित्र ।
० मुसलमानों की राष्ट्रीय भावना को चित्रित करने वाला नाटक है- शेरशाह ।
० कहानी कला किसका निबन्ध है- मुंशी प्रेमचन्द ।
० उपेन्द्रनाथ अश्क जी की सर्वाधिक प्रौढ नाट्य कृति है- अंजो दीदी ।
० नागरी प्रचारिणी सभा, काशी (1893) संस्थापक : श्यामसुंदर दास, पंडित रामनारायण मिश्रा, शिव कुमार सिंह।
० 14 अक्टूबर 1899 को 'नागरी प्रचारिणी सभा' में सरस्वती के संपादक मंडल का नाम घोषित किया।
० सरस्वती के आरंभिक संपादक मंडल : जगन्नाथदास रत्नाकर, श्यामसुंदर दास, किशोरी लाल गोस्वामी, राधा कृष्णदास, कार्तिक प्रसाद खत्री।
० सरस्वती पत्रिका के संस्थापक : 'चिंतामणि घोष'
० सरस्वती पत्रिका के संपादक : महावीर प्रसाद द्विवेदी (1903-1920) तक रहें
० वर्तमान में सरस्वती पत्रिका का प्रकाशन-- 17 अक्टूबर 2020 (हिंदुस्तान एकेडमी, प्रयागराज)
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