नदी - विशेषता
नील - विक्टोरिया झील से निकलने वाली यह नदी विश्व की सबसे लम्बी नदी है। अस्वान बांध व नासिर झील इसी पर स्थित है।
अमेजन - आयतन की दृष्टि से विश्व की यह सबसे बड़ी एवं लंबाई में विश्व की दूसरी सबसे लम्बी नदी है।
मिसीसिपी-मिसौरी - यह विश्व का सबसे बड़ा नदी तंत्र बनाती है। यह नदी पक्षी-पाद डेल्टा बनाती है.
रियो-ग्रांडे - यह संयुक्त राज्य अमेरिका व मैक्सिको की सीमा बनाती है।
सेंट लॉरेंस नदी - यह विश्व का व्यस्ततम आंतरिक जल परिवहन मार्ग है। नियाग्रा जलप्रपात इसी नदी पर स्थित है।
कोलोरैडो - विश्व प्रसिद्ध ग्रैंड कैनियन एवं हूबर बाँध इसी नदी पर स्थित है।
राइन - यह यूरोप का सबसे व्यस्ततम आंतरिक जल परिवहन मार्ग है। इसे कोयला नदी भी कहा जाता है। यूरोप का व्यस्ततम बंदरगाह रॉटरडम इसी पर स्थित है। राइन घाटी में बॉक्साइट (एल्युमिनियम) के भी भंडार पाए जाते हैं।
डेन्यूब - जर्मनी के ब्लैक फॉरेस्ट पर्वत से निकलने वाली यह नदी यूरोपीय देशों के राजधानियों बेलग्रेड( यूगोस्लाविया), ब्राटिस्लावा ( स्लोवानिया), बुखारेस्ट(रोमानिया), बुडापेस्ट( हंगरी) व वियना (आस्ट्रिया) से गुजरने हुये काला सागर में गिरती है।
वोल्गा - वल्दाई पहाड़ी से निकलने वाली यह नदी कैस्पियन सागर में गिरती है। यह यूरोप की सबसे लम्बी नदी है।
नाइजर - गिनी की खाड़ी में गिरने वाली यह नदी तेल नदी नाम से भी प्रसिद्ध है।
जाम्बेजी - विक्टोरिया जल-प्रपात व करीबा बांध इसी पर स्थित है।
कांगो/जायरे नदी - यह नदी विषुवत रेखा को दो बार काटते हुये पार करती है। स्टेनले व लिविंगस्टोन जलप्रपात इसी पर स्थित है।
लिम्पोपो - दक्षिण अफ्रीका के हाई वेल्ड से निकलने वाली यह नदी मकर रेखा को दो बार काटती है।
माही - भारत की केवल माही नदी नदी कर्क रेखा को दो बार काटती है।
मेकांग - यह दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे लम्बी नदी है।
मर्रे-डार्लिंग - यह कोशियुस्को पर्वत से निकलती है एवं आस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी नदी है।
अमूर नदी - यह नदी चीन व रूस की सीमा बनाती है।
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