भारत ने अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक रात्रि परीक्षण किया ।।

_भारत ने 30 नवम्बर 2018 को परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम स्वदेश निर्मित अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक रात्रि परीक्षण किया._

_सामरिक बल कमान ने अभियान तैयारियों को मजबूत करने के लिए डॉ अब्दुल कलाम द्वीप से मिसाइल का परीक्षण किया. सूत्रों ने परीक्षण को सफल बताते हुए कहा कि परीक्षण के दौरान सभी लक्ष्यों को हासिल कर लिया गया है._

*_अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइल के बारे में:_*

_•   अग्नि-1 मिसाइल स्वदेशी तकनीक से विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली परमाणु सक्षम मिसाइल है. मिसाइल को रेल व सड़क दोनों प्रकार के मोबाइल लांचरों से छोड़ा जा सकता है._

_•   यह मिसाइल 700 किलोमीटर की दूरी तक के लक्ष्य को भेद सकती है. इसकी मारक क्षमता काफी अधिक है और सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करके दुश्मनों को तबाह कर सकती है._

_•   यह परमाणु बमों को भी गिराने में सक्षम है. अग्नि-1 में विशेष नौवहन प्रणाली लगी है जो सुनिश्चत करती है कि मिसाइल अत्यंत सटीक निशाने के साथ अपने लक्ष्य पर पहुंचे._

_•   15 मीटर लंबी और 12 टन वजनी यह मिसाइल एक क्विंटल भार के पारंपरिक और परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम है. इस मिसाइल का पहला परीक्षण 25 जनवरी 2002 को किया गया था._

_•   यह एक ठोस रॉकेट प्रणोदक प्रणाली निर्देशित मिसाइल है और यह विशेष नेविगेशन प्रणाली से युक्त है. यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि मिसाइल अत्यधिक सटीकता के साथ अपने लक्ष्य पर पहुंचे._

_•   पहले ही सशस्त्र बलों में शामिल की जा चुकी इस मिसाइल ने मारक दूरी, सटीकता और घातकता के मामले में खुद को साबित किया है._

_•   अग्नि-1 को एडवांस्ड सिस्टम्स लैबोरेटरी (एएसएल) ने रक्षा अनुसंधान विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) और अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) के सहयोग से विकसित किया है._

_•   मिसाइल को भारत डायनामिक्स लिमिटेड, हैदराबाद ने समेकित किया है. एएसएल मिसाइल विकसित करने वाली डीआरडीओ की प्रमुख प्रयोगशाला है._

_नोट:- भारत ने अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का भी सफल परीक्षण कर चुका है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा निर्मित अग्नि-5, अग्नि मिसाइल श्रृंखला का सबसे उन्नत संस्करण है._

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