दुनिया अब पहले से अधिक हरी भरी : नासा की रिपोर्ट

नासा के एक ताजा अध्ययन में यह पाया गया है कि भारत और चीन पेड़ लगाने के मामले में विश्व में सबसे आगे हैं। इस अध्ययन में 11 फरवरी 2019 को कहा गया कि दुनिया 20 वर्ष पहले की तुलना में अधिक हरी भरी हो गई है। नासा के उपग्रह से मिले आंकड़ों एवं विश्लेषण पर आधारित अध्ययन में कहा गया कि भारत और चीन पेड़ लगाने के मामले में आगे हैं। भारत ने वर्ष 2017 में केवल 12 घंटों में 6.6 करोड़ पौधे लगाकर अपना विश्व रिकॉर्ड तोड़ा था।

रिपोर्ट से संबंधित मुख्य तथ्य:

नासा के अध्ययन के मुताबिक, 2000-2017 के बीच दुनिया को हरा-भरा करने में भारत और चीन का योगदान एक-तिहाई रहा जबकि धरती की वन भूमि का 9% क्षेत्र ही इन दोनों देशों के पास है।

पेड़ पौधों से ढके क्षेत्र में वैश्विक बढोतरी में 25 प्रतिशत योगदान केवल चीन का है जो वैश्विक वनीकरण क्षेत्र का मात्र 6.6 प्रतिशत है।

नासा के अध्ययन में कहा गया है कि चीन वनों (42 प्रतिशत) और कृषि भूमि (32 प्रतिशत) के कारण हरा भरा बना है जबकि भारत में ऐसा मुख्यत: कृषि भूमि (82 प्रतिशत) के कारण हुआ है. इसमें वनों (4.4 प्रतिशत) का हिस्सा बहुत कम है।

चीन भूक्षरण, वायु प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन को कम करने के लक्ष्य से वनों को बढ़ाने और उन्हें संरक्षित रखने के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम चला रहा है।

नासा के उपग्रहों की इस आश्चर्यजनक खोज से पता चला कि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले ये दो देश पेड़ लगाने और कृषि आधारित महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के जरिए इस दिशा में काफी आगे बढ़ रहे हैं. अध्ययन का यह नतीजा उस आम धारणा के उलट है जिसके तहत यह कहा जाता है कि बड़ी आबादी वाले देशों में ज़्यादा दोहन की वज़ह से हरित क्षेत्रों में गिरावट आ रही है।

शोधकर्ताओं को डेटा के बाद पता चला है कि इस दौरान धरती की हरियाली में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो पूरे अमेजॉन वर्षावन क्षेत्र के बराबर है।

भारत और चीन में 2000 के बाद से खाद्य उत्पादन में 35 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी हुई है. कृषि सुविधाओं और खादों के उपयोग से कृषि क्षेत्र में वृद्धि हुई है। भारत में भूजल सिंचाई की सुविधा से खाद्य उत्पादन काफी बढ़ा है. भारत और चीन में 1970 और 1980 के दशक में पेड़-पौधों के संबंध में स्थिति सही नहीं थी। इस अध्ययन के परिणामस्वरूप यह भी जाहिर हुआ है कि 20 साल पहले की तुलना में दुनिया ज़्यादा हरी-भरी हुई है।

0 comments:

Post a Comment

We love hearing from our Readers! Please keep comments respectful and on-topic.