भारत में नील वायरस की शुरुआत।।

केरल में सात साल के एक लड़के को वेस्ट नील वायरस का संक्रमण होने की बात पता चली है।    
यह वायरस एक मच्छर के काटने से मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है और इसके अधिकतर मामले उत्तर अमेरिका में सामने आये हैं।
वायरस के संक्रमण के शिकार लोगों को बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, चक्कर आना, उल्टी आना और त्वचा पर निशान पड़ना आदि शिकायतें होती हैं। 
वेस्ट नील वायरस (West Nile Virus)
वेस्ट नील वायरस एक मच्छर जनित रोग है।
वेस्ट नील वायरस मनुष्यों में एक घातक न्यूरोलॉजिकल बीमारी का कारण बन सकता है। हालांकि, इससे संक्रमित लगभग 80% लोगों में इसके लक्षण लक्षण पता नहीं लग पाते हैं।
यह वायरस घोड़ों में गंभीर बीमारी और मृत्यु का कारण बन सकता है। घोड़ों को रोग से बचाने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले टीके उपलब्ध हैं लेकिन अभी तक मनुष्य के लिए उपलब्ध नहीं हैं।

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