मई_20_2019
भारत और सिंगापुर के बीच सिम्बेक्स-2019 युद्ध अभ्यास शुरू हो गया है. यह इस अभ्यास का 26वां संस्करण है. इस अभ्यास का आयोजन 16 मई से 22 मई 2019 के बीच किया जा रहा है.
इस वार्षिक द्विपक्षीय अभ्यास की शुरुआत पारंपरिक पनडुब्बी रोधी अभ्यासों से हुई जो एडवांस्ड एयर डिफेंस ऑपरेशन्स, एंटी हवाई/सतह लक्ष्यों पर अभ्यास गोलीबारी, सामरिक अभ्यास आदि तक पहुंच चुकी है.
#उद्देश्य:
सिम्बेक्स-19 के लिए भारतीय नौसेना ने आपसी विश्वास को मजबूत बनाने, अंत:पारस्परिकता को बढ़ाने एवं दोनों नौसेनाओं के बीच समान सामुद्रिक चिंताओं के समाधान में अधिक समन्वय के निर्माण करने के उद्देश्य से अपने सबसे बेहतरीन एसिट को तैनात किया है.
#सिम्बेक्स_2019_के_मुख्य_बिंदु:
• भारतीय नौसेना के जहाज कोलकाता और शक्ति के अतिरिक्त लंबी दूरी के सामुद्रिक निगरानी विमान भी सिम्बेक्स-19 में हिस्सा लेंगे.
• सिंगापुर के पक्ष का प्रतिनिधित्व आरएसएन जहाज इस्टीड फास्ट और वेलियेंट, सामुद्रिक निगरानी विमान फोकर-50 (एफ-50) और एफ-16 लड़ाकू विमान द्वारा किया जाएगा.
• सिम्बेक्स-19 में भारतीय नौसना के जहाज कोलकाता और शक्ति की दक्षिण एवं पूर्व चीन सागर में दो महीने की तैनाती भी शामिल है, जिसका उद्देश्य पूर्व एवं दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के साथ संवर्द्धित सांस्कृतिक, आर्थिक एवं सामुद्रिक अंत:संपर्कों के जरिए मित्रता सेतु को विस्तारित करना है.
• पीएलए (नौसेना) 70वें वार्षिक समारोहों तथा एडीएमएम-प्लस एमएसएफटीएक्स के एक हिस्से के रूप में चीन के किंगडाओ में अंतरराष्ट्रीय बेडा समीक्षा (आईएफआर) में भारतीय नौसेना जहाजों की सहभागिता भारत सरकार की ‘पूर्व की ओर देखो’ नीति तथा भारतीय नौसेना के ‘समुद्रों के जरिए राष्ट्रों को एकजुट करने’ के प्रयासों को भी प्रदर्शित करती है.
#सिमबेक्स_19_के_हार्बर_चरण:
सिम्बेक्स-19 के हार्बर चरण का संचालन 16 मई से 18 मई 2019 तक हुआ था. इसमें कई विनियोजन सम्मेलन, सिमुलेटर आधारित युद्ध प्रशिक्षण या वार गेमिंग, आरएसएन नौसेना के विख्यात व्यक्तियों से औपचारिक मुलाकात, क्रीड़ा स्पर्धाएं तथा डेक रिसेप्शन ऑन बोर्ड कोलकाता के रूप में शामिल हैं.
#सिम्वेक्स_19_का_सामुद्रिक_चरण:
सिम्बेक्स-19 का सामुद्रिक चरण दक्षिण चीन सागर में 19 मई से 22 मई 2019 तक निर्धारित है, जिसमें हवाई/सतह लक्ष्यों पर गोलीबारी, एडवांस्ड एरियल ट्रैकिंग, समन्वित लक्ष्य निर्धारण अभ्यास एवं हवाई/सतह परिदृश्यों पर सामरिक अभ्यास शामिल होंगे.
#सिम्बेक्स_के_बारे_में:
साल 1993 में अपनी शुरुआत से सिम्बेक्स सुनियोजित और संचालनगत जटिलता के साथ आगे बढ़ा रहा है. सिंगापुर और भारत के बीच द्विपक्षीय सहयोग पहली बार औपचारिक हुआ जब आरएसएन जहाजों ने साल 1994 में भारतीय नौसेना के साथ प्रशिक्षण शुरू किया.
सिम्बेक्स दोनों सेनाओं के बीच पिछले कुछ वर्षों के दौरान सामुद्रिक सहयोग बढ़ाने तथा दोनों देशों के बीच मित्रता के रिश्तों को मजबूत करने में राष्ट्र की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने में खरा उतरा है.
सिम्बेक्स का मुख्य उद्देश्य आरएसएन और आईएन के बीच अंतःक्रियाशीलता बढ़ाने के साथ-साथ समुद्री सुरक्षा संचालन के लिए सामान्य समझ और प्रक्रियाओं को विकसित करना है.
#भारत_सिंगापुर_संबंध:
भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय संबंध परंपरागत रूप से मजबूत और मैत्रीपूर्ण रहे हैं. दोनों देशों ने व्यापक सांस्कृतिक एवं व्यावसायिक संबंधों का आनंद लिया है. भारत और सिंगापुर ने व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग बढ़ाने हेतु व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) और सामरिक संबंध समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. दोनों देशों ने समुद्री सुरक्षा, प्रशिक्षण बलों, संयुक्त नौसेना अभ्यास, सैन्य प्रौद्योगिकी विकसित करने और आतंकवाद से लड़ने पर द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार किया है.
भारत और सिंगापुर बहुत लंबे समय से सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और सामरिक संबंध साझा करते हैं. सिंगापुर "ग्रेटर इंडिया" सांस्कृतिक और वाणिज्यिक क्षेत्र का हिस्सा है. भारतीय मूल के लगभग 300,000 से अधिक लोग सिंगापुर में रहते हैं. सिंगापुर भारत में निवेश का 8 वां सबसे बड़ा स्रोत है. सिंगापुर आसियान सदस्य राष्ट्रों में सबसे बड़ा है.
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