भारत में साल 2010 से 2017 के बीच प्रति वर्ष शराब की खपत में 38 फीसद का इजाफा हुआ है। हालांकि, दुनिया भर में साल 1990 के बाद से एल्कोहॉल की वार्षिक खपत कुल बढ़ोतरी 70 फीसद पाई गई है। एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, भारत में साल 2010 से 2017 के बीच यह खपत प्रति व्यक्ति के हिसाब से सालाना 4.3 से 5.9 लीटरपाई गई। लैनसेट जर्नल (Lancet journal) में 8 मई 2019 को प्रकाशित हुए एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। साल 1990 से 2017 के बीच हुए इस अध्ययन में दुनिया के 189 देशों को शामिल किया गया।
शोध में यह भी कहा गया है कि यदि शराब की खपत इसी तरह जारी रही तो साल 2030 तक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक एल्कोहॉल के खिलाफ चलाई गई मुहिम को लक्ष्य के अनुरूप सफलता नहीं मिल पाएगी।हालांकि, इसी अवधि के दौरान अमेरिका और चीन में शराब की खपत में मामूली इजाफा दर्ज किया गया है। अमेरिका में प्रति व्यक्ति सालाना 9.3 से 9.8 लीटर का जबकि चीन में 7.1 से 7.4 लीटर की खपत दर्ज की गई है। हालांकि इस बढ़ोतरी के पीछे जनसंख्या वृद्धि का भी योगदान रहा है। अध्ययन के मुताबिक, दुनियाभर में साल 1990 में शराब की खपत 20,999 मिलियन लीटर थी जो 2017 में बढ़कर 35,676 मिलियन लीटर हो गई। जर्मनी में टीयू ड्रेसडेन (TU Dresden in Germany) के शोधकर्ताओं ने कहा कि एल्कोहॉल की खपत निम्न और मध्य आय वाले देशों में ही बढ़ रही है, जबकि उच्च आय वाले देशों में यह स्थिर है। अनुमान है कि यदि आंकड़ों में इसी तरह इजाफा होता रहा तो साल 2030 तक लगभग आधे वयस्क शराब का सेवन करने लगेंगे जबकि 23 फीसद महीने में कम से कम एक बार शराब का सेवन करेंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले साल सितंबर में आई विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में प्रति व्यक्ति शराब की खपत 2005 से 2016 तक दोगुना बढ़ गई थी। बता दें कि एल्कोहॉल का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। साल 2016 में शराब के सेवन से दुनियाभर में 30 लाख लोगों की मौत हो गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, शराब का इस्तेमाल 200 से अधिक बीमारियों कारण बनता है।
❣💕❣💕❣💕❣💕❣💕❣💕❣💕
0 comments:
Post a Comment
Thank You For messaging Us we will get you back Shortly!!!