भारत और फ्रांस की नौसेना के बीच व्यापक नौसैनिक युद्धाभ्यास 'वरुण' चल रहा है। युद्धाभ्यास के छठे दिन भारत और फ्रांस के नौसैनिक जहाज, युद्धाभ्यास 'वरुण' के लिए गोवा के बंदरगाह से रवाना हो चुके हैं। अभी तक यह युद्धाभ्यास समुद्री तट पर चल रहा था। अब खुले समुंद्र में युद्धाभ्यास किया जाएगा। दोनों देशों के बीच अब तक का यह सबसे बड़ा नौसैनिक युद्धाभ्यास है। युद्धाभ्यास में पहले चरण के दौरान कई अहम अभ्यास किए गए। जिनमें प्रमुख रूप से एयर-टू-एयर कॉम्बैट एक्सरसाइज, एयर डिफेंस एक्सरसाइज, एंटी-सबमरीन एक्सरसाइज और सरफेस शूट्स डे शामिल रहे।
दोनों देशों के संयुक्त नौसेना युद्धाभ्यास का उद्देश्य विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में दोनों सेनाओं के बीच अंतर-अभियानगत क्षमता विकसित करना है। इस दौरान नौसेना अधिकारियों ने बताया कि संयुक्त नौसेना अभ्यास ‘वरुण‘ के एक मई से छह मई तक बंदरगाह और सात मई से 10 मई तक समुद्र में चलने वाले साझा युद्धाभ्यास है। दोनों ही देशों के बीच हो रहे युद्धाभ्यास का आपसी समुद्री सहयोग में बहुत महत्व है।गौरतलब है कि एक हफ्ते से ज्यादा चलने वाले युद्धाभ्यास में फ्रांसीसी विमान वाहक पोत 'चार्ल्स द गाल' , दो विध्वंशक पोत और एक परमाणु पनडुब्बी भी शामिल है। भारत की तरफ से आइएनएस विक्रमादित्य, आइएनएन तरकश शामिल हैं। दोनों नौसेनाओं के बीच दूसरे चरण का संयुक्त युद्धाभ्यास अफ्रीकी देश जिबूती में इस महीने के आखिर में होगा। इसमें दोनों देशों की तरफ से अत्याधुनिक 11 विमान वाहक पोत और पनडुब्बियां और अन्य पोत शामिल होंगे।
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