" बेसिक शिक्षक " "प्रेरणा एप" और "14 सी एल"

यदि देखा जाए तो" प्रेरणा एप " की सिर्फ चर्चा करके ही सरकार अपने मकसद में कामयाब हो चुकी है.सरकार भी यही जानना चाह रही थी कि अपने गृह जनपद से 400-500 किलोमीटर दूर नियुक्त शिक्षक 14 cl में कैसे नौकरी कर रहे है.
ये प्राथमिक शिक्षक संघ की अदूरदर्शिता और हम सब की लापरवाही का ही तो परिणाम है.जो माँग आज हम सब कर रहे ,इसकी माँग तो उसी दिन से करनी चाहिए थी जिस दिन दूसरे जनपद में नौकरी करने आए थे.तब हम सब मुस्कुरा रहे थे और आज सरकार मुस्कुरा रही है.
पहले बेसिक की नौकरी जिले की नौकरी थी तब 14cl और बिना el के ईमानदारी से नौकरी हो जाती है,लेकिन जिस वर्ष से विशिष्ट बी.टी.सी. के द्वारा दूसरे जनपदों में नियुक्तियां होने लगी तब से 14cl में नौकरी ईमानदारी असम्भव थी.तब से लेकर अब तक सैकड़ों धरने प्रदर्शन और शिक्षक संघ के पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्रियों से कई बार मुलाकात हुई होगी लेकिन कभी EL की बात नहीं की गयी
अब न तो कोर्ट जाने से कुछ होगा और न विरोध प्रदर्शन के, जज साहब जब हमारे वकील से पूछेंगे कि आपके क्लाइंट अब तक कैसे नौकरी कर रहे थे तो हमारे वकील साहब क्या जबाव देंगे?
भाजपा का कोई वोटबैंक नहीं है ये तो सिर्फ काम के लिए चुनकर आए है,इनको काम  करना है और सरकारी कर्मचारियों से करवाना है.इसलिए कम से कम 6 महीने तक न कोर्ट का नाम लो और न विरोध का.बस वर्तमान परिस्थिति से सामंजस्य का प्रयास करो.
आज के समय में बेसिक के शिक्षक की हालत रेशम के कीड़े जैसी हो गयी है जो अपने बुने जाल में ही फँस गया है

0 comments:

Post a Comment

We love hearing from our Readers! Please keep comments respectful and on-topic.