तेरे ख्यालों के पल तुझमें कही उड़ान ढूंढते है
बाँध के रखी है जो तुमने उड़ने की आजादियाँ
उन्ही उड़ानों को न जाने कितने आसमान ढूंढते है
वही बाते जो अब तक मै तुमसे करता था
वही लब्ज तेरी बोली तेरा निशान ढूंढते है
वही चोट जो कल तक तुमने खायी होगी
वही जख्म मेरे अंदर तेरी खरासे तेरा निशान ढूंढते है
तुम रंग-रंग बदल सकती हो गुजरे हुए कल की तस्वीर
तुम पल-पल बदल सकती हो अपनी लिखी हुई तकदीर
बस तुम अपनी सोच के पिंजरे से निकालो खुद को
तुम इन बहके हुए हलातों मे सम्हालों खुद को
बाँध के रखी है जो तुमने उड़ने की आजादियाँ
उन्ही उड़ानों को न जाने कितने आसमान ढूंढते है
वही बाते जो अब तक मै तुमसे करता था
वही लब्ज तेरी बोली तेरा निशान ढूंढते है
वही चोट जो कल तक तुमने खायी होगी
वही जख्म मेरे अंदर तेरी खरासे तेरा निशान ढूंढते है
तुम रंग-रंग बदल सकती हो गुजरे हुए कल की तस्वीर
तुम पल-पल बदल सकती हो अपनी लिखी हुई तकदीर
बस तुम अपनी सोच के पिंजरे से निकालो खुद को
तुम इन बहके हुए हलातों मे सम्हालों खुद को
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