♦विश्व कपास दिवस से सम्बंधित समारोह जेनेवा में 7 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक मनाया गया है।
♦विश्व कपास दिवस क्या है???
यह एक कपास से सम्बंधित समारोह है जिसे विश्व व्यापार संगठन (WTO) आयोजित कर रहा है।
आयोजन में जिन अन्य संस्थाओं का सहयोग है, वे हैं – संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO), संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (UNCTAD), अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केंद्र (ITC) तथा राष्ट्रीय कपास परामर्शी समिति (ICAC)।
यह समारोह अफ्रीका के चार देशों के अनुरोध पर आयोजित हो रहा है जिन्हें कॉटन फोर (Cotton 4) देश कहा जाता है। ये देश हैं – बेनिन, बुर्किना फासो, चैड और माली।
♦आयोजन के उद्देश्य: –
1. कपास, इसके उत्पादन, रूपांतरण और व्यापार से सम्बद्ध सभी हितधारकों को वैश्विक मान्यता प्रदान करना।
2. कपास के विकास को सुदृढ़ करने के लिए दाताओं और लाभार्थियों को सम्मिलित करना।
3. कपास से सम्बंधित उद्योगों और उत्पादन के लिए निजी क्षेत्र एवं निवेशकों से सहयोग प्राप्त करना।
4. कपास के क्षेत्र में नई तकनीकों के साथ-साथ नए शोध को बढ़ावा देना।
♦कपास और उसका महत्त्व: –
🔹कपास एक ऐसी वस्तु है जिसका उत्पादन पूरे विश्व में होता है।
🔹एक टन कपास के उप्तादन का अर्थ है, औसतन 5 लोगों को वर्ष भर रोजगार मिलना।
🔹कपास की फसल सूखी जलवायु वाले क्षेत्रों में भी सरलता से उत्पन्न हो जाती है।
🔹वास्तव में विश्व की सिंचित भूमि का मात्र 2.1% ही कपास के उत्पादन में प्रयुक्त होता है, परन्तु पूरे विश्व के 27% कपड़े इसी फसल से उपलब्ध हो जाते हैं।
🔹कपास के रेशे का उपयोग कपड़े और परिधान बनाने में होता है। इसके अतिरिक्त खाद्य तेल और पशु चारा जैसी वस्तुएँ भी कपास के बीज से उत्पादित होती हैं।
♦कुछ विशेष तथ्य: –
•भारत में तरह-तरह का कच्चा कपास होता है। इनमें तमिलनाडु में उपजने वाला SUVIN कपास सबसे लम्बे रेशे वाला होता है।
•कर्नाटक के धारवाड़ में रंगीन कपास भी उपजते हैं। इनका रंग गहरा भूरा, हल्का भूरा, हरा और लहसुनिया होता है।
•2011 से 2018 के बीच भारत ने अफ्रीका के सात देशों के लिए तकनीकी सहायता का एक कार्यक्रम चलाया जिसे कॉटन TAP-I कहते हैं। 2.85 मिलियन डॉलर के इस सहायता कार्यक्रम का लाभ जिन देशों को मिला, वे हैं – बेनिन, बुर्किना फासो, माली, चैड, युगांडा, मलावी और नाइजीरिया।
0 comments:
Post a Comment
We love hearing from our Readers! Please keep comments respectful and on-topic.