ब्रह्मपुत्र में पहली बार कंटेनर कार्गो मूवमेंट ।।

12 से 15 दिनों की यात्रा राष्ट्रीय जलमार्ग -1 अर्थात, गंगा, NW-97 अर्थात, सुंदरबन, भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल (IBP) मार्ग और NW-2 अर्थात ब्रह्मपुत्र नदी के माध्यम से एक एकीकृत अंतर्देशीय जल परिवहन (IWT) आंदोलन होगा यह इस IWT मार्ग पर पहली बार कंटेनरीकृत कार्गो आंदोलन होना है।
प्रमुख बिंदु:

     यह उत्तर पूर्वी क्षेत्र में जलमार्ग कनेक्टिविटी में सुधार के उद्देश्य से 4 नवंबर, 2019 को शुरू होना है। कंटेनर खाद्य तेल, पेय पदार्थ, पेट्रोकेमिकल आदि ले जाएंगे।

     भारत और बांग्लादेश के बीच अंतर्देशीय जल पारगमन और व्यापार (PIWTT) पर प्रोटोकॉल देशों के बीच माल की आवाजाही के लिए जलमार्ग का उपयोग करने के लिए पारस्परिक रूप से लाभप्रद व्यवस्था की अनुमति देगा।

     बांग्लादेश जलमार्ग सिराजगंज-डिकावा और अशुगंज-ज़कीगंज के दो हिस्सों को आईबीपी मार्ग पर कुल 305.84 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है। परियोजना लागत का 80% भारत द्वारा वहन किया जा रहा है।

     ये दो मार्ग उत्तर पूर्व भारत को और उससे निर्बाध नेविगेशन प्रदान करेंगे।

     पड़ोसी देश में छत्रोग्राम और मोंगला बंदरगाहों तक पहुंच के लिए भारत और बांग्लादेश द्वारा 5 अक्टूबर को तय की गई मानक संचालन प्रक्रिया रसद लागत को कम करने और पूर्वोत्तर की व्यापार प्रतिस्पर्धा में सुधार करने के लिए निर्धारित है।

0 comments:

Post a Comment

We love hearing from our Readers! Please keep comments respectful and on-topic.