🌐 ईस्ट कोस्ट रेलवे ने सरकार का पहला अपशिष्ट-से-ऊर्जा संयंत्र चालू किया है जो 24 घंटे में ई-कचरे और प्लास्टिक को हल्के डीजल तेल में बदल देगा।
✅ प्रमुख बिंदु:
✔️इस अपशिष्ट-से-ऊर्जा संयंत्र में "पॉलीक्रैक" नामक एक पेटेंट तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
✔️यह भारतीय रेलवे में अपनी तरह का पहला और भारत में चौथा है।
✔️यह दुनिया की पहली पेटेंटेड विषम उत्प्रेरक विधि है, जो अपशिष्ट पदार्थों को ‘पॉलीक्रैक ’तकनीक के माध्यम से हल्के डीजल तेल, गैस, कार्बन पाउडर और पानी में परिवर्तित करती है।
✔️इस विधि में, कचरे के पूर्व-पृथक्करण को मलबे को सुधारने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन इसे सीधे डीजल में परिवर्तित करने के लिए मशीन में डाला जाएगा।
✔️इसमें नमी के लिए एक उच्च सहिष्णुता है; इसलिए कचरे को सुखाने की आवश्यकता नहीं है। अपशिष्ट को 24 घंटे के भीतर संसाधित और सुधारा जाता है।
✔️यह एक संलग्न इकाई है; इसलिए, काम करने का माहौल धूल रहित है।
✔️दुनिया भर में निर्धारित मानदंडों से कम प्रदूषक दहन वाली गैसों को छोड़कर अन्य पारंपरिक तरीकों के विपरीत पूरी प्रक्रिया में वायुमंडलीय उत्सर्जन नहीं होता है।
✔️संयंत्र लगभग 450 डिग्री पर काम करता है, जिससे यह अन्य विकल्पों की तुलना में कम तापमान वाली प्रक्रिया बन जाता है।
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