❇️वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में 2020-21 के लिए बजट ( #Budget_2020-21 ) प्रस्तुत किया। इस बजट में लोगों की क्रय क्षमता बढाने तथा उनकी आय में वृद्धि करने पर बल दिया गया। इस बजट में प्रौद्योगिकी तथा नवोन्मेष के द्वारा युवाओं में रोज़गार को बढ़ाने के लिए बल दिया गया।
❇️2020 के #बजट को मूलभूत संरचनात्मक सुधार तथा समावेशी विकास के स्तम्भ पर तैयार किया गया है।
🔰संरचनात्मक सुधार✅
❇️संरचनात्मक सुधार में IBC (Insolvency and Bankruptcy Code) के द्वारा बैंकों का पुनः पंजीकरण (recapitalization) करना शामिल हैं। 2014 में देश का ऋण जीडीपी का 52.2% था, 2019 में यह कम होकर 48.7% रह गया है।
🔰GST सुधार✅
❇️GST के अंतर्गत प्रत्येक घर में औसतन 4% की बचत हो रही है।
❇️2019-20 में 60 लाख नए करदाता जुड़े, जबकि कुल 40 करोड़ रीटर्न फाइल किये गये, 800 करोड़ इनवॉइस अपलोड किये गये।
❇️इससे इंस्पेक्टर राज प्रणाली समाप्त हो गयी है। इसके तहत राज्य तथा राष्ट्रीय परमिट (सड़क कर, फिटनेस प्रमाणपत्र, प्रदूषण प्रमाणपत्र) को हटा दिया गया है।
🔰समावेशी विकास✅
❇️1950 के दशक में वृद्धि दर 4%, 1980 में 6% तथा 2016 में 7.4% रही। 2014-19 के दौरान मुद्रास्फीति दर 4.5% रही। 2006-16 के दौरान 271 मिलियन लोग निर्धनता से बाहर आये।
🔰बजट की थीम✅
❇️बजट को तीन थीम्स पर प्रस्तुत किया गया-
1⃣आकांक्षी भारत : स्वास्थ्य, शिक्षा तथा बेहतर नौकरियों के मामले में समाज के सभी तबकों के लिए बेहतर स्तर। इस थीम के तहत कृषि, सिंचाई, ग्रामीण विकास, शिक्षा, जल तथा स्वच्छता पर फोकस किया गया।
2⃣आर्थिक विकास : अर्थव्यवस्था में सुधार, निजी सेक्टर के लिए उचित कार्यक्षेत्र उपलब्ध करवाना। इस थीम के अंतर्गत विनिर्माण सेक्टर, उद्योग तथा कौशल विकास पर फोकस किया गया।
3⃣केयरिंग सोसाइटी : इसके अंतर्गत पर्यटन, कनेक्टिविटी, कमज़ोर तथा बुजुर्गों पर फोकस किया गया।
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