विश्व रेडियो दिवस, रेडियो के बारे में जागरूकता बढ़ाने और प्रसारकों के बीच नेटवर्किंग को मजबूत बनाने का एक माध्यम है. भले ही रेडियो एक शताब्दी पुराना हो लेकिन सामाजिक संपर्क का एक महत्वपूर्ण स्रोत रहा है. हम यह कैसे भूल सकते हैं कि इसने आपदा राहत और आपातकालीन प्रतिक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
विश्व रेडियो दिवस 2020: विषय या थीम
विश्व रेडियो दिवस 2020 का विषय "रेडियो और विविधता" (“Radio and Diversity”) है. इस बार का थीम विविधता और बहुभाषावाद पर केंद्रित है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि रेडियो सबसे सुलभ मिडिया है. इसे दुनिया के किसी भी जगह से सुना जा सकता है. जो लोग सही से पढ़ना लिखना नहीं जानते हैं, रेडियो के जरिये जानकारी प्राप्त कर लेते हैं.
विश्व रेडियो दिवस: इतिहास
यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड ने जनरल कॉन्फ्रेंस को विश्व रेडियो दिवस की घोषणा करने की सिफारिश की. 2011 में, यूनेस्को ने एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया की और यह स्पेन द्वारा भी प्रस्तावित है. एकेडेमिया एस्पानोला डी ला रेडियो के प्रोजेक्ट लीडर को कई हितधारकों से समर्थन प्राप्त हुआ, जिसमें प्रमुख अंतरराष्ट्रीय ब्रॉडकास्टर और ब्रॉडकास्टिंग यूनियन और एसोसिएशन शामिल हैं. 1946 में, आखिरकार, संयुक्त राष्ट्र रेडियो ने पहला कॉल साइन ट्रांसमिट किया. यूनेस्को के 36वें सत्र ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने औपचारिक रूप से 14 जनवरी 2013 को यूनेस्को के विश्व रेडियो दिवस की घोषणा का समर्थन किया. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 67वें सत्र में 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में घोषित करने के लिए एक संकल्प अपनाया गया और इसी प्रकार 13 फरवरी को हर साल विश्व रेडियो दिवस मनाया जाने लगा.
विश्व रेडियो दिवस: उद्देश्य
विश्व रेडियो दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य जनता और मीडिया के बीच रेडियो के महत्व को बढ़ाने के लिए जागरूकता फैलाना है. यह निर्णयकर्ताओं को रेडियो के माध्यम से सूचनाओं की स्थापना और जानकारी प्रदान करने, नेटवर्किंग बढ़ाने और प्रसारकों के बीच एक प्रकार का अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्रदान करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है.
विश्व रेडियो दिवस (WRD) 2020: समारोह (Celebrations)
यह यूनेस्को रेडियो स्टेशनों पर विविधता को बनाए रखने का दिन है चाहे न्यूज़ रूम हो या फिर एयरवेव.
विश्व रेडियो दिवस संस्करण को तीन मुख्य उप-विषयों में विभाजित किया गया है:
- रेडियो में बहुवाद को बढ़ावा देना जिसमें सार्वजनिक, निजी और सामुदायिक प्रसारकों को शामिल किया गया है.
- विविध सामाजिक समूहों से युक्त टीमों के साथ न्यूज़रूम में प्रतिनिधित्व को प्रोत्साहित करना.
- संपादकीय सामग्री की विविधता और कार्यक्रमों के प्रकार को बढ़ावा देना जो कि दर्शकों की विविधता को दर्शाता है.
कई पत्रकारिता विश्वविद्यालय और मीडिया एनजीओ भी विश्व रेडियो दिवस मनाते हैं और इस बार 2020 के थीम पर ज़ोर दिया गया है. वाणिज्यिक और राज्य के स्वामित्व वाले रेडियो स्टेशन भी इस दिन को मनाते हैं; सांस्कृतिक परंपराओं और विरासत पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाता है. जर्नलिज्म करने वाले छात्र रेडियो पर बहुभाषी प्रसारण करेंगे और अपने देशों के विकास के बारे में चर्चा करेंगे. इसके अलावा, सामाजिक नेटवर्क के माध्यम से मल्टीमीडिया कंटेंट को भी साझा करेंगे. 2020 की थीम पर आधारित कई लाइव प्रसारण का आयोजन किया जाता है.
रेडियो तरंगें क्या हैं और यह कैसे काम करती हैं?
रेडियो तरंगें एक प्रकार की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन हैं जिसका उपयोग टेलीविज़न, मोबाइल फ़ोन और रेडियो जैसी संचार तकनीकों में किया जाता है. रेडियो तरंगों को इन उपकरणों द्वारा प्राप्त किया जाता है और उन्हें ध्वनि तरंगों को उत्पन्न करने के लिए स्पीकर में यांत्रिक कंपन में परिवर्तित किया जाता है. रेडियो-फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम इलेक्ट्रोमैग्नेटिक (EM) स्पेक्ट्रम का एक छोटा सा हिस्सा है.
आपको बता दें कि घटती तरंग दैर्ध्य, बढ़ती ऊर्जा और आवृत्ति के अनुसार इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम को सात क्षेत्रों में विभाजित किया गया है. कुछ पदनाम रेडियो तरंगें, माइक्रोवेव, अवरक्त (infrared), दृश्य प्रकाश (visible light), पराबैंगनी (UV), एक्स-रे और गामा-किरणें हैं. EM स्पेक्ट्रम में, रेडियो तरंगों की सबसे लंबी तरंग दैर्ध्य होती है.
इसलिए, हम कह सकते हैं कि विश्व रेडियो दिवस 13 फरवरी को मनाया जाता है ताकि विभिन्न तरीकों से रेडियो के बारे में जागरूकता बढ़ सके. रेडियो ने लोगों के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसलिए इस वर्ष का विषय (थीम) रेडियो और इसकी विविधता पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.
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