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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

दाम्पत्य जीवन एवं कलह

दाम्पत्य जीवन एवं कलह पारिवारिक कलह,ग्रहस्थ जीवन को सुनामी लहरों की तरह नष्ट कर देती है. इसमें सबसे बड़ा कारण शारीरिक सम्बन्ध और विचारों में सामंजस्य का नहीं होना है.और यह दोनों ही बातें दो अनजान के बीच होना स्वाभाविक है.जरूरत है तो सिर्फ समय और धैर्य की.कभी कभी देखा गया कि कुण्डली मिलान के बाद भी सम्बन्धों में मधुरता कम कडुवाहट जयादा ही बनती है.आखिर क्यूँ ? इससे न केवल लड़का-लड़की ही परेशान होते हैं बल्कि उनके परिवार वाले भी दुखित व परेशान होते हैं.अपने अध्यन व अनुभव से यहाँ चर्चा कर रहा हूं.यदि कोई त्रुटी या कमी आप सब को देखाई दे या समझ में आये,तो मार्ग दर्शन अवश्य करें. कुण्डली मिलान में ५ प्रकार के तथ्यों में गहन अध्यन की आवश्यकता होनी चाहिए,,, (१) लग्नेश व सप्तमेश की स्तिथी. (२) लग्नेश,जन्म राशि,और सप्तमेश की स्तिथी. (३) नवमांश का अध्यन. (४) अष्टक वर्ग. (५) मेलापक. अब हम नं १ -- की चर्चा करते हैं,अगर लग्नेश सप्तम में और सप्तमेश लग्न में है तो इसे उत्तम स्तिथी कहा जा सकता है. नं २ -- लग्नेश और चन्द्र राशि जातक का स्वयं और सप्तमेश जीवन साथी का परिचायक होता है.यदि इनमें मित्रता है तो दाम्पत्य जीवन में कठनाइयों से रूबरू होना पड़ता है. नं ३ -- नवमांश लग्न और नवांशेश का अध्यन करना चाहिए.लग्नेश व नवांशेश मित्र हैं तो सम्बन्धों में मधुरता रहेगी.अन्यथा कटुतापूर्ण सम्बन्ध होने संकेत माना जा सकता है. नवमाशेष अपने ही नवांशेश में है या फिर स्वराशिस्थ है अथवा उच्च का है, शुभ ग्रहों से दृष्ट है,तो जातक अच्छे स्वभाववाला,श्रेष्ठ गुणों वाला,तथा सुन्दर स्त्री का पति होता है. यदि नवांशेश स्वग्रही है,या ३-५-७ ९-१० भाव में बैठ हो तो जातक को अच्छा ,सुन्दर,भाग्यशाली जीवन साथी मिलता है.ऐसे ही कई योग हैं. नं ४ --पहले यह देंखें की दोनों में संन्यास योग तो नहीं है.कुण्डली में दो विवाह के योग हैं क्या.दोनों में अलगाव-तलाक़ आदि के योग हैं क्या.दोनों एक दुसरे के सहयोगी हैं या नहीं.वाद-विवाद,झगडे,हत्या,आत्महत्या ,संतानहीनता,चरित्र,आदि के योग तो नहीं है..यह सब ज्ञानियों द्वारा आसानी से समझा जा सकता है. (५) इससे तो पूरी कुण्डली ही खुल जाती है..ऐसा मेरा मानना है [क्यूंकि मैं इसी पर अधिक काम करता हूं ] अगर हम ज्योतिषी भाई इस तरह से मिलापक देंखें तो शायद ही धोखा हो.हालांकि मेरा कहने का तात्पर्य यह नहीं है की मैं बहुत ज्ञानी हूँ, बल्कि अनुभव साझा कर रहा हूँ. क्या आप इन #समस्यायो से परेशान है? #नौकरी मे तर्रक्की न होना, #कारोबार मे घाटा , #कारोबार का ना चलना , #शादी मे देरी , #वेवाहिक जीवन मे क्लेश, #औलाद का ना होना, #औलाद बिगड जाना, #लड़का न होना, #कर्जा हो जाना, #कर्जा वापिस न मिलना, #विदेश यात्रा मे विघन, #रोग ,ग्रेह कलेश, #कोर्ट कचइरी , #अपना घर न होना, #वशीकरण, #मांगलिक, #पितृदोष, #काल सर्प दोष, #बनते काम बिग्गड़ जाना, # नुकसान होना आदि

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