देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक जहाज विक्रांत का निर्माण 2021 तक पूरा होने की संभावना है। अभी इसका निर्माण कार्य तीसरे चरण में है। मशीनरी के सेटअप और अन्य उपकरणों को लगाने जैसे बिजली उत्पादन और प्रपल्शन मशीनरी का काम चल रहा है।
विक्रांत की विशेषता
विक्रांत 40 हजार टन वजन वाला विमान वाहक जहाज है। दुनिया में केवल अमेरिका, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस के पास ही 40 हजार और इससे ज्यादा वजन वाले विमान वाहक जहाज का निर्माण करने की क्षमता है। विक्रांत 20 मिग-29 लड़ाकू विमान और दस हेलीकॉप्टरों को ले जाने में सक्षम है। 2017 में आईएनएस विराट के रिटायर होने के बाद भारत के पास केवल एक विमान वाहक जहाज आएनएस विक्रमादित्य है।
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