हैबिटेबल ज़ोन प्लैनेट फाइंडर (Habitable-zone Planet Finder- HPF) ने G9-40b नामक अपने पहले ग्रह (एक्सोप्लैनेट- Exoplanet) होने की पुष्टि की है जो 6 दिनों (1 दिन = 24 घंटा) की कक्षीय अवधि में कम द्रव्यमान वाले चमकीले तारे एम-ड्वार्फ (M-dwarf) की परिक्रमा करता है जो कि पृथ्वी से 100 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।
इससे पहले नासा के केपलर मिशन (Kepler Mission) ने मेजबान तारे के प्रकाश का पता लगाया था और यह बताया था कि ग्रह अपनी कक्षा में परिक्रमण के दौरान तारे के सामने से होकर गुज़रता है। HPF द्वारा एक्सोप्लैनेट की पुष्टि करने के लिये इस जानकारी का इस्तेमाल किया गया।
G 9-40b:-
❇️ G 9-40b शीर्ष 20 निकटतम पारगमन ग्रहों में से एक है।
हैबिटेबल ज़ोन प्लैनेट फाइंडर:-
❇️ HPF एक खगोलीय स्पेक्ट्रोग्राफ है जिसे पेन स्टेट यूनिवर्सिटी (Penn State University) के वैज्ञानिकों द्वारा बनाया गया है और यह हाल ही में अमेरिका में स्थित मैकडॉनल्ड ऑब्ज़र्वेटरी में हॉबी-एबरली टेलीस्कोप (Hobby-Eberly Telescope) पर स्थापित किया गया है।
❇️ HPF डाॅप्लर प्रभाव (Doppler Effect) का उपयोग करके एक्सोप्लैनेट की खोज करता है।
डाॅप्लर प्रभाव (Doppler Effect):-
❇️ जब किसी ध्वनि स्रोत और श्रोता के बीच आपेक्षिक गति होती है तो श्रोता को जो ध्वनि सुनाई पड़ती है उसकी आवृत्ति मूल आवृत्ति से कम या अधिक होती है। इसी को डॉप्लर प्रभाव (Doppler effect) कहते हैं।
❇️ यही प्रभाव प्रकाश स्रोत और प्रेक्षक के बीच आपेक्षिक गति के कारण भी होता है, जिसमे प्रेक्षक को प्रकाश की आवृत्ति में परिवर्तन का अनुभव नही होता है क्योंकि प्रकाश की गति की तुलना में उन दोनों की आपेक्षिक गति बहुत ही कम होती है।
स्पेक्ट्रोग्राफ:-
❇️ स्पेक्ट्रोग्राफ एक ऐसा उपकरण है जो प्रकाश को उसके घटक तरंग दैर्ध्य में विभाजित करता है। वैज्ञानिक स्पेक्ट्रम के एक विशिष्ट हिस्से पर प्रकाश के गुणों को मापते हैं और प्राप्त परिणामों का विश्लेषण करते हैं।
❇️ HPF आस-पास के कम-द्रव्यमान वाले तारों से आ रही अवरक्त किरणों के संकेतों की स्पष्ट माप प्रदान करता है।
❇️ HPF को वासयोग्य क्षेत्र (Habitable-Zone) में ग्रहों का पता लगाने और उन्हें चिह्नित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है जिसे गोल्डीलॉक्स ज़ोन के रूप में भी जाना जाता है। यह तारे के आसपास का क्षेत्र है जहाँ किसी ग्रह पर जल की उपस्थिति का पता लगा है।
❇️ HPF वर्तमान में निकटतम कम-द्रव्यमान वाले तारों का सर्वेक्षण कर रहा है जिन्हें एम-ड्वार्फ भी कहा जाता है।
एक्सोप्लैनेट (Exoplanet):-
❇️ एक एक्सोप्लैनेट या एक्स्ट्रासोलर ग्रह सौरमंडल के बाहर का ग्रह है। एक्सोप्लैनेट की पुष्टि पहली बार वर्ष 1992 में हुई।
❇️ एक्सोप्लैनेट को दूरबीन से देखना बहुत कठिन है। ये उन तारों की तेज़ चमक के कारण दिखाई नहीं देते हैं जिनकी वे परिक्रमा करते हैं। इसलिये खगोलविदों ने एक्सोप्लैनेट का पता लगाने और अध्ययन करने के लिये अन्य तरीकों का उपयोग किया है जैसे कि इन ग्रहों का उन तारों पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करके।
1 comments:
hey will u work with me
Post a Comment