बिहार राज्य पश्चिम भारत में स्थित भारत का तीसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य है। बिहार राज्य का यह नाम बौद्ध विहारों की अधिकता के कारण पड़ा, ‘बिहार’ शब्द ‘विहार’ का विकृत रूप है। प्राचीन काल में बिहार भारत के ही नही बल्कि पूरी दुनिया के सबसे शक्तिशाली राज्यों का गढ़ था, पर आज का बिहार भारत के सबसे पछड़े क्षेत्रों में से एक है।
"बिहार से जुड़े बुनियादी तथ्य..
राजधानी – पटना
आधिकारिक भाषा – हिंदी, उर्दु
क्षेत्रफल – 94,163 km² (13वा)
जनसंख्या – 10,38,04,637
साक्षरता दर – 63 प्रतीशत
जिले – 38
विधानसभा सीटें – 243 + 75 (द्विसदनीय प्रणाली)
लोकसभा सींटे – 40
राज्यसभा सीटें – 16
स्थापना – 26 जनवरी, 1950
पहले मुख्यमंत्री – कृष्ण सिंह
पहले राज्यपाल – जेम्ज़ शिफ्टन
STATE SYMBOLS OF BIHAR
"बिहार के राज्य चिन्ह...
राज्य पेड़ – पीपल (Peepal)
राज्य पुष्प – गेंदा (Marigold)
राज्य पशु – बैल (Ox)
राज्य पक्षी – गौरैया (sparrow)
" साल 2011 की जनसंख्या के अनुसार बिहार राज्य की जनसंख्या साढ़े 10 करोड़ के करीब है जो इसे भारत का तीसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य बनाती है।
बिहार की लगभग 88 प्रतीशत आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है और बाकी की शहरी इलाकों में।
बिहार राज्य का जनसंख्या घनत्व 1100 व्यक्ति प्रति वर्गकिलोमीटर से भी ज्यादा है जो इसे भारत का सबसे ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाला राज्य बनाती है।
बिहार की 58 प्रतीशत आबादी की उम्र 25 साल से कम है, जो भारत में सबसे ज्यादा है।
बिहार की 82 प्रतीशत आबादी हिंदु धर्म की अनुयायी है जबकि 17 प्रतीशत मुस्लिम है। बाकी की 1 प्रतीशत अन्य धर्मों को मानती है।
"बिहार के इतिहास से जुड़े तथ्य...
बिहार का वर्णन लगभग सभी हिंदु धर्मग्रंथो में मिलता है। बिहार के क्षेत्र मगध, वैशाली तथा अन्य महाजनपदों का अधिकार हुआ करता था। मगध इनमें से सबसे शक्तिशाली महाजनपद था।
महाभारत से पता चलता है कि महाभारत के युद्ध के समय बिहार का राजा जरासंध था जिसका युद्ध भगवान कृष्ण से हुआ था।
भगवान बुद्ध के जन्म के समय मगध पर हर्यक वंश के बिंबीसार का राज था, हर्यकों के बाद मगध पर शिशुनाग वंश और नंद वंश ने राज किया।
बिहार पर जब नंदों का शासन था तो उसी समय युनानी हमलावर सिकंदर ने भारत पर आक्रमण किया, परंतु उसे हिंदु गणराज्यों के भीष्ण प्रतिरोध और नंदों की विशाल सेना के डर से वापिस जाना पड़ा।
अंतिम नंद राजा धनानंद था जो स्वभाव से बहुत अत्याचारी था, नंदों के इस अत्याचारी शासन का अंत आचार्य चाणक्य और महाराज चंद्रगुप्त ने किया।
महाराज चंद्रगुप्त ने भारत में एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की जिसे उनके बाद उनके पुत्र बिंदुसार और पोत्र अशोक ने काफी अच्छे से संभाला और उसमें विस्तार किया। मौर्य साम्राज्य भारत का सबसे बड़ा साम्राज्य है।
मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद काफी समय तक बिहार में अस्थिरता रही, परंतु इस अस्थिरता को 600 साल बाद गुप्त वंश ने दूर किया और फिर से मगध को केंद्र में रख कर भारत में एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की।
गुप्त वंश के पतन के बाद लगभग 1000 साल तक भारत का प्रमुख रहा बिहार का यह केंद्र अपनी महत्ता खो बैठा और वर्तमान बिहार सिर्फ जातिवाद और पछड़ेपन के लिए जाना जाता है।
12वीं सदी में बख्तियार खिलज़ी ने बिहार पर हमला कर यहां के अनेक मंदिरों और विहारों को नष्ट कर दिया। उसने पिछले 700 सालों से विद्या का केंद्र रहे नालंदा विश्वविद्यालय को भी तबाह कर दिया और शिक्षकों तथा छात्रों को जिंदा जला दिया।
मुगलों के समय अकबर ने बिहार पर कब्ज़ा करके इसका बंगाल में विलय कर दिया और बिहार की सत्ता की बागडोर बंगाल के नवाबों के हाथ में चली गई।
1764 में बक्सर के युद्ध के बाद बिहार एक तरह से अंग्रेज़ों के कब्ज़े में आ गया।
1912 में बंगाल का विभाजन के फलस्वरूप बिहार नाम का राज्य अस्तित्व में आया। 1936 में उड़ीसा इससे अलग कर दिया गया।
आज़ादी के बाद साल 2000 में झारखंड राज्य को बिहार से अलग कर दिया गया।
"बिहार राज्य से जुड़े भुगौलिक तथ्य...
बिहार अपनी सीमा तीन राज्यो से लगती है – उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड़। इसके सिवाए बिहार नेपाल से भी अपनी सीमा साझा करता है।
पवित्र गंगा नदी बिहार के बीचों बीच से बहती है जो राज्यो को दो भागों में बांटती है।
बिहार का लगभग 95 प्रतीशत क्षेत्र मैदानी है जो नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी से बना है।
"बिहार से जुड़े सामाजिक और सांस्कृतिक तथ्य...
गया शहर के पास स्थित बौद्ध गया बौद्ध धर्म के चार प्रमुख तीर स्थलों में से एक है, यहां पर उस पवित्र बोद्धि वृक्ष का वंशज़ और महाबोद्धि मंदिर है जिसके नीचे भगवान बु्द्ध को ज्ञान की प्राप्ती हुई थी।
बिहार के प्रमुख त्योहार है – छठ, होली, दिवाली, दशहरा, महाशिवरात्री और नागपंचमी।
पटना श्री गुरू गोविंद सिंह का जन्म स्थान होने के कारण यह सिक्खों के लिए काफी महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है। हाल ही में श्री गुरु गोविंद सिंह जी की 350वीं जन्म शताब्दी बड़ी धूम – धाम से मनाई गई थी।
सोनपुर में लगने वाला पशुमेला बिहार में प्राचीन काल से लगता आ रहा है।
गया शहर के पास स्थित बौद्ध गया बौद्ध धर्म के चार प्रमुख तीर स्थलों में से एक है, यहां पर उस पवित्र बोद्धि वृक्ष का वंशज़ और महाबोद्धि मंदिर है
"बिहार के बारे विस्तार से पढ़िए.
☞"बिहार भारत के उत्तर भाग में स्थित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक राज्य है और इसकी राजधानी पटना है। बिहार के उत्तर में नेपाल, दक्षिण में झारखण्ड, पूर्व में पश्चिम बंगाल, और पश्चिम में उत्तर प्रदेश स्थित है। बिहार नाम का प्रादुर्भाव बौद्ध सन्यासियों के ठहरने के स्थान विहार शब्द से हुआ, जिसे विहार के स्थान पर इसके अपभ्रंश रूप बिहार से संबोधित किया जाता है। यह क्षेत्र गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है। प्राचीन काल में विशाल साम्राज्यों का गढ़ रहा यह प्रदेश, वर्तमान में देश की अर्थव्यवस्था के सामान्य योगदाताओं में से एक बनकर रह गया है।
☞"सन् 1936 ई• में ओडिशा और सन् 2000 ई• में झारखण्ड के अलग हो जाने से बिहार ने कृषि के दम पर और अपने मेधा को लेकर उन्नति की है। आई आई टी और संघ लोक सेवा आयोग जैसे कठिन परीक्षा में लगभग हर बार बिहार के प्रतिभागी शिखर पर होते हैं।
☞"भारत में क्षेत्रफल की दृष्टि से बिहार वर्तमान में 13 वाँ राज्य है।
"इतिहास....
☞"बिहार का प्राचीन नाम मगध है जिसकी राजधानी प्राचीन में राजगीर थी। बिहार की वर्तमान राजधानी पटना का ऐतिहासिक नाम पाटलिपुत्र है। मगध सम्राज्य के महा प्रतापी राजा जरासंध हुए।
"प्राचीन काल...
☞सारण जिले में गंगा नदी के उत्तरी किनारे पर चिरांद, नवपाषाण युग (लगभग 4500-2345 ईसा पूर्व) और ताम्र युग ( 2345-1726 ईसा पूर्व) से एक पुरातात्विक रिकॉर्ड है। बिहार के क्षेत्र जैसे-मगध, मिथिला और अंग- धार्मिक ग्रंथों और प्राचीन भारत के महाकाव्यों में वर्णित हैं।
☞"मिथिला को पहली बार इंडो-आर्यन लोगों ने विदेह साम्राज्य की स्थापना के बाद प्रतिष्ठा प्राप्त की। देर वैदिक काल (सी। 1600-1100 ईसा पूर्व) के दौरान, विदेह् दक्षिण एशिया के प्रमुख राजनीतिक और सांस्कृतिक केंद्रों में से एक बन गया, कुरु और पंचाल् के साथ। वेदहा साम्राज्य के राजा यहांजनक कहलाते थे। मिथिला के जनक की पुत्री एक थी सीता जिसका वाल्मीकि द्वारा लिखी जाने वाली हिंदू महाकाव्य, रामायण में भगवान राम की पत्नी के रूप में वर्णित है। बाद में विदेह राज्य के वाजिशि शहर में अपनी राजधानी था जो वज्जि समझौता में शामिल हो गया, मिथिला में भी है। वज्जि के पास एक रिपब्लिकन शासन था जहां राजा राजाओं की संख्या से चुने गए थे। जैन धर्म और बौद्ध धर्म से संबंधित ग्रंथों में मिली जानकारी के आधार पर, वज्जि को 6 ठी शताब्दी ईसा पूर्व से गणराज्य के रूप में स्थापित किया गया था, गौतम बुद्ध के जन्म से पहले 563 ईसा पूर्व में, यह दुनिया का पहला गणतंत्र था। जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म वैशाली में हुआ था।
☞"आधुनिक-पश्चिमी पश्चिमी बिहार के क्षेत्र में मगध 1000 वर्षों के लिए भारत में शक्ति, शिक्षा और संस्कृति का केंद्र बने। ऋग्वेदिक् काल मे यह ब्रिहद्रत वंश का शासन था।सन् 684 ईसा पूर्व में स्थापित हरयंक वंश, राजगृह (आधुनिक राजगीर) के शहर से मगध पर शासन किया। इस वंश के दो प्रसिद्ध राजा बिंबिसार और उनके बेटे अजातशत्रु थे, जिन्होंने अपने पिता को सिंहासन पर चढ़ने के लिए कैद कर दिया था। अजातशत्रु ने पाटलिपुत्र शहर की स्थापना की जो बाद में मगध की राजधानी बन गई। उन्होंने युद्ध की घोषणा की और बाजी को जीत लिया। हिरुआँ वंश के बाद शिशुनाग वंश का पीछा किया गया था। बाद में नंद वंश ने बंगाल से पंजाब तक फैले विशाल साम्राज्य पर शासन किया।
☞"भारत की पहली साम्राज्य मौर्य साम्राज्य द्वारा नंद वंश को बदल दिया गया था। मौर्य साम्राज्य और बौद्ध धर्म का इस क्षेत्र में उभार रहा है जो अब आधुनिक बिहार को बना देता है। 325 ईसा पूर्व में मगध से उत्पन्न मौर्य साम्राज्य, चंद्रगुप्त मौर्य ने स्थापित किया था, जो मगध में पैदा हुआ था। इसकी पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) में इसकी राजधानी थी। मौर्य सम्राट, अशोक, जो पाटलीपुत्र (पटना) में पैदा हुए थे, को दुनिया के इतिहास में सबसे बड़ा शासक माना जाता है। मौर्य सम्राजय भारत की आजतक की सबसे बड़ी सम्राजय थी ये पश्चिम मे ईरान से लेकर पूर्व मे बर्मा तक और उत्तर मे मध्य-एशिया से लेकर दक्षिण मे श्रीलंका तक पूरा भारतवर्ष मे फैला था। इस सम्राजय के पहले राजा चंद्रगुप्त मौर्य ने कै ग्रीक् सतराप् को हराकर अफ़ग़ानिस्तां के हिस्से को जीता। इनकी सबसे बड़ी विजय ग्रीस से पश्चिम-एशिय थक के यूनानी राजा सेलेक्यूज़ निकेटर को हराकर पर्शिया का बड़ा हिस्सा जीत लिया था और संधि मे यूनानी राजकुमारी हेलेन से विवाह किये जो कि सेलेक्यूज़ निकटोर कि पुत्री थी और हमेसा के लिए यूनाननियो को भारत से बाहर रखा।
☞"इनके प्रधानमंत्री चाणक्य ने अर्थशास्त्र कि रचना कि जो इनके गुरु और मार्गदर्शक थे। इनके पुत्र बिन्दुसार ने इस सम्राजय को और दूर थक फैलाया व दक्षिण तक स्थापित किया। सम्रात् अशोक इस सम्राजय के सबसे बड़े राजा थे। इनका पूरा राज नाम देवानामप्रिय प्रियादर्शी एवं राजा महान सम्रात् अशोक था। इन्होंने अपने उपदेश स्तंभ, पहाद्, शीलालेख पे लिखाया जो भारत इतिहास के लिया बहुत महातवपूर्ण है। येे लेख् ब्राह्मी, ग्रीक, अरमिक् मे पूरे अपने सम्राजय मे अंकित् किया। इनके मृत्या के बाद मौर्य सम्राजय को इनके पुत्रोने दो हिस्से मे बात कर पूर्व और पश्चिम मौर्य रज्या कि तरह रज्या किया। इस सम्राजय कि अंतिम शासक ब्रिहद्रत् को उनके ब्राह्मिन सेनापति पुष्यमित्र शूंग ने मारकर वे मगध पे अपना शासन स्थापित किया।
☞"सन् 240 ए में मगध में उत्पन्न गुप्त साम्राज्य को विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, वाणिज्य, धर्म और भारतीय दर्शन में भारत का स्वर्ण युग कहा गया। इस वंश के महान राजा समुद्रगुप्त ने इस सम्राजय को पूरे दक्षिण एशिय मे स्थापित किया। इनके पुत्र चँद्रगुप्त विक्रमादित्य ने भारत के सारे विदेशी घुसपैट्या को हरा कर देश से बाहर किया इसीलिए इन्हे सकारी की उपादि दी गई। इन्ही गुप्त राजाओं मे से प्रमुख स्कंदगुप्त ने भारत मे हूणों का आक्रमं रोका और उनेे भारत से बाहर भगाया और देश की बाहरी लोगो से रक्षा की। उस समय गुप्त सम्राजय दुनिया कि सबसे बड़ी शक्ती साली राजया था। इसका राज पशिम मे पर्शिया या बग़दाद से पूर्व मे बर्मा तक और उत्तर मे मध्य एशिया से लेकर दक्षिण मे कांचीपुरम तक फैला था। इसकी राजधानी पटलीपुत्र था। इस सम्राजय का प्रभाव पूरी विश्व मे था रोम, ग्रीस, अरब से लेकर दक्षिण-पूर्व एशिय तक था।
"मध्यकाल....
☞"मगध में बौद्ध धर्म मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी के आक्रमण की वजह से गिरावट में पड़ गया, जिसके दौरान कई विहार और नालंदा और विक्रमशिला के प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों को नष्ट कर दिया गया। यह दावा किया गया कि 12 वीं शताब्दी के दौरान हजारों बौद्ध भिक्षुओं की हत्या हुई थी। डी.एन. झा सुझाव देते हैं, इसके बजाय, ये घटनाएं सर्वोच्चता के लिए लड़ाई में बौद्ध ब्राह्मण की झड़पों का परिणाम थीं। 1540 में, महान पस्तीस के मुखिया, सासाराम के शेर शाह सूरी, सम्राट हुमायूं की मुगल सेना को हराकर मुगलों से उत्तरी भारत ले गए थे। शेर शाह ने अपनी राजधानी दिल्ली की घोषणा की और 11 वीं शताब्दी से लेकर 20 वीं शताब्दी तक, मिथिला पर विभिन्न स्वदेशीय राजवंशों ने शासन किया था। इनमें से पहला, जहां कर्नाट, अनवर राजवंश, रघुवंशी और अंततः राज दरभंगा के बाद। इस अवधि के दौरान मिथिला की राजधानी दरभंगा में स्थानांतरित की गई थी।
"आधुनिक काल...
☞"1857 के प्रथम सिपाही विद्रोह में बिहार के बाबू कुंवर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1905 में बंगाल का विभाजन के फलस्वरूप बिहार नाम का राज्य अस्तित्व में आया। 1936 में उड़ीसा इससे अलग कर दिया गया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बिहार में चंपारण के विद्रोह को, अंग्रेजों के खिलाफ बग़ावत फैलाने में अग्रगण्य घटनाओं में से एक गिना जाता है। स्वतंत्रता के बाद बिहार का एक और विभाजन हुआ और 15 नवंबर 2000 में झारखंड राज्य को इससे अलग कर दिया गया। भारत छोड़ो आंदोलन में भी बिहार की गहन भूमिका रही।
"भौगोलिक स्थिति....
☞"बिहार का उपग्रह द्वारा लिया गया चित्र
उत्तर भारत में 24°20'10" ~ 27°31'15" उत्तरी अक्षांश तथा 83°19'50" ~ 88°17'40" पूर्वी देशांतर के बीच बिहार एक हिंदी भाषी राज्य है। राज्य का कुल क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किलोमीटर है जिसमें 92,257.51 वर्ग किलोमीटर ग्रामीण क्षेत्र है। झारखंड के अलग हो जाने के बाद बिहार की भूमि मुख्यतः नदियों के मैदान एवं कृषियोग्य समतल भूभाग है। गंगा के पूर्वी मैदान में स्थित इस राज्य की औसत ऊँचाई १७३ फीट है। भौगोलिक तौर पर बिहार को तीन प्राकृतिक विभागो में बाँटा जाता है- उत्तर का पर्वतीय एवं तराई भाग, मध्य का विशाल मैदान तथा दक्षिण का पहाड़ी किनारा।
☞"उत्तर का पर्वतीय प्रदेश सोमेश्वर श्रेणी का हिस्सा है। इस श्रेणी की औसत उचाई 455 मीटर है परन्तु इसका सर्वोच्च शिखर 874 मीटर उँचा है। सोमेश्वर श्रेणी के दक्षिण में तराई क्षेत्र है। यह दलदली क्षेत्र है जहाँ साल वॄक्ष के घने जंगल हैं। इन जंगलों में प्रदेश का इकलौता बाघ अभयारण्य वाल्मिकीनगर में स्थित है।
"मध्यवर्ती विशाल मैदान बिहार के 95% भाग को समेटे हुए हैं। भौगोलिक तौर पर इसे चार भागों में बाँटा जा सकता है..
1- तराई क्षेत्र यह सोमेश्वर श्रेणी के तराई में लगभग 10 किलोमीटर चौ़ड़ा कंकर-बालू का निक्षेप है। इसके दक्षिण में तराई उपक्षेत्र है जो प्रायः दलदली है।
2-भांगर क्षेत्र यह पुराना जलोढ़ क्षेत्र है। समान्यतः यह आस पास के क्षेत्रों से 7-8 मीटर ऊँचा रहता है।
3-खादर क्षेत्र इसका विस्तार गंडक से कोसी नदी के क्षेत्र तक सारे उत्तरी बिहार में है। प्रत्येक वर्ष आने वाली बाढ़ के कारण यह क्षेत्र बहुत उपजाऊ है। परन्तु इसी बाढ़ के कारण यह क्षेत्र तबाही के कगार पर खड़ा है।
☞"गंगा नदी राज्य के लगभग बीचों-बीच बहती है। उत्तरी बिहार बागमती, कोशी, बूढी गंडक, गंडक, घाघरा और उनकी सहायक नदियों का समतल मैदान है। सोन, पुनपुन, फल्गू तथा किऊल नदी बिहार में दक्षिण से गंगा में मिलनेवाली सहायक नदियाँ है। बिहार के दक्षिण भाग में छोटानागपुर का पठार, जिसका अधिकांश हिस्सा अब झारखंड है, तथा उत्तर में हिमालय पर्वत की नेपाल श्रेणी है। हिमालय से उतरने वाली कई नदियाँ तथा जलधाराएँ बिहार होकर प्रवाहित होती है और गंगा में विसर्जित होती हैं। वर्षा के दिनों में इन नदियों में बाढ़ की एक बड़ी समस्या है।
☞"राज्य का औसत तापमान गृष्म ऋतु में 35-45 डिग्री सेल्सियस तथा जाड़े में 5-15 डिग्री सेल्सियस रहता है। जाड़े का मौसम नवंबर से मध्य फरवरी तक रहता है। अप्रैल में गृष्म ऋतु का आरंभ होता है जो जुलाई के मध्य तक रहता है। जुलाई-अगस्त में वर्षा ऋतु का आगमन होता है जिसका अवसान अक्टूबर में होने के साथ ही ऋतु चक्र पूरा हो जाता है। औसतन 1205 मिलीमीटर वर्षा का का वार्षिक वितरण लगभग 52 दिनों तक रहता है जिसका अधिकांश भाग मानसून से होनेवाला वर्षण है।
☞"उत्तर में भूमि प्रायः सर्वत्र उपजाऊ एवं कृषियोग्य है। धान, गेंहूँ, दलहन, मक्का, तिलहन, तम्बाकू,सब्जी तथा केला, आम और लीची जैसे कुछ फलों की खेती की जाती है। हाजीपुर का केला एवं मुजफ्फरपुर की लीची बहुत ही प्रसिद्ध है।
"भाषा और संस्कृति...
हिंदी, अंगिका, भोजपुरी, मगही, उर्दू और मैथिली यहाँ की प्रमुख भाषायें हैं। बिहार की संस्कृति मगध, अंग, मिथिला तथा वज्जी संस्कृतियों का मिश्रण है। नगरों तथा गाँवों की संस्कृति में अधिक फर्क नहीं है। नगरों में भी लोग पारंपरिक रीति रिवाजों का पालन करते है तथा उनकी मान्यताएँ रुढिवादी है। समाज पुरूष प्रधान है। प्रमुख पर्वों में छठ, होली, दीपावली, दशहरा, महाशिवरात्रि, नागपंचमी, श्री पंचमी, मुहर्रम, ईद, ईदु-ल-अज़हा तथा क्रिसमस हैं। सिक्खों के दसवें गुरु गोबिन्द सिंह जी का जन्म स्थान होने के कारण पटना सिटी (पटना) में उनकी जयन्ती पर भी भारी श्रद्धार्पण देखने को मिलता है। बिहार ने हिंदी को सबसे पहले राज्य अधिकारिक भाषा माना है। जिसके प्रमु जिला्क्षेत् । पटना, गया, औरंगाबाद, नवादा जिला, नालंदा जिला, जहानाबाद जिला इत्यादि है।[2]हिंदी प्रदेश से होने के बावजूद बिहारी एक टोन बन गया है।
"खानपान...
☞"बिहार अपने खानपान की विविधता के लिए प्रसिद्ध है। शाकाहारी तथा मांसाहारी दोनो व्यंजन पसंद किये जाते हैं। मिठाईयों की विभिन्न किस्मों के अतिरिक्त अनरसा की गोली, खाजा, मोतीचूर लड्डू, तिलकुट यहाँ की खास पसंद है। सत्तू, चूड़ा-दही और लिट्टी-चोखा जैसे स्थानीय व्यंजन तो यहाँ के लोगों की कमजोरी हैं। लहसुन की चटनी भी बहुत पसंद करते हैं। लालू प्रसाद के रेल मंत्री बनने के बाद तो लिट्टी-चोखा भारतीय रेल के महत्वपूर्ण स्टेशनों पर भी मिलने लगा है। सुबह के नास्ते में चूड़ा-दही या पूरी-जलेबी खूब खाये जाते हैं। चावल-दाल-सब्जी और रोटी बिहार का सामान्य भोजन है। बिहार की मालपुआ काफी स्वादिष्ट होता है। यह उत्तर भारत में बनाये जाने वाली डिश है। बिहार की बाकी व्यंजनों में दालपूरी, खाजा, मखाना खीर, पेरूकिया, खजुरी, बैगन का भरता आदि शामिल है।
"खेलकूद ....
☞"भारत के अन्य कई जगहों की तरह क्रिकेट यहाँ भी सर्वाधिक लोकप्रिय है। इसके अलावा फुटबॉल, हाकी, टेनिस, खो-खो और गोल्फ भी पसन्द किया जाता है। बिहार का अधिकांश हिस्सा ग्रामीण होने के कारण पारंपरिक भारतीय खेल कबड्डी हैं।
"मुख्य उद्योग हैं...
मुंगेर में सिगरेट कारखाना आई टी सी
मुंगेर में आई टी सी के अन्य उत्पाद अगरबत्ती, माचिस तथा चावल-आटा आदि का निर्माण
मुंगेर में बंदुक फैक्टरी
मुेंगेर के जमालपुर में रेल कारखाना
एशिया प्रसिद्ध रेल क्रेन कारखाना जमालपुर
भागलपुर में शिल्क उधाेग
मुजफ्फरपुर और मोकामा में 'भारत वैगन लिमिटेड' का रेलवे वैगन संयंत्र,
बरौनी में भारतीय तेल निगम का तेलशोधक कारख़ाना है।
बरौनी का एच.पी.सी.एल. और अमझोर का पाइराइट्स फॉस्फेट एंड कैमिकल्स लिमिटेड (पी.पी.सी.एल.) राज्य के उर्वरक संयंत्र हैं।
सीवान, भागलपुर, पंडौल, मोकामा और गया में पांच बड़ी सूत कताई मिलें हैं।
उत्तर व दक्षिण बिहार में 13 चीनी मिलें हैं, जो निजी क्षेत्र की हैं तथा 15 चीनी मिलें सार्वजनिक क्षेत्र की हैं जिनकी कुल पेराई क्षमता 45,00 टी.
पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर और बरौनी में चमड़ा प्रसंस्करण के उद्योग है।
कटिहार और समस्तीपुर में तीन बड़े पटसन के कारखाने हैं।
हाजीपुर में दवाएं बनाने का कारख़ाना ,औरंगाबाद और पटना में खाद्य प्रसंस्करण और वनस्पति बनाने के कारखाने हैं।
इसके अलावा बंजारी के कल्याणपुर सीमेंट लिमिटेड नामक सीमेंट कारखाने का बिहार के औद्योगिक नक्शे में महत्वपूर्ण स्थान है।
औरंगाबाद का नया श्री सीमेंट का कारखाना
"सिंचाई...
बिहार में कुल सिंचाई क्षमता 28.63 लाख हेक्टेयर है। यह क्षमता बड़ी तथा मंझोली सिंचाई परियोजनाओं से जुटाई जाती है। यहाँ बड़ी और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का सृजन किया गया है और 48.97 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल की सिंचाई प्रमुख सिंचाई योजनाओं के माध्यम से की जाती है। बिहार में शिचाई नलकूप, कुंआ,और मानसून पर निर्भर करता है
"शिक्षा....
☞"एक समय बिहार शिक्षा के सर्वप्रमुख केन्द्रों में गिना जाता था। नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला विश्वविद्यालय तथा ओदंतपुरी विश्वविद्यालय प्राचीन बिहार के गौरवशाली अध्ययन केंद्र थे। १९१७ में खुलने वाला पटना विश्वविद्यालय काफी हदतक अपनी प्रतिष्ठा कायम रखने में सफल रहा। किंतु स्वतंत्रता के पश्चात शैक्षणिक संस्थानों में राजनीति तथा अकर्मण्यता करने से शिक्षा के स्तर में गिरावट आई। हाल के दिनों में उच्च शिक्षा की स्थिति सुधरने लगी है। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की स्थिति भी अच्छी हो रही है। हाल में पटना में एक भारतीय प्राद्यौगिकी संस्थान और राष्ट्रीय प्राद्यौगिकी संस्थान तथा हाजीपुर में केंद्रीय इंजिनियरिंग रिसर्च इंस्टीच्युट तथा केंद्रीय औषधीय शिक्षा एवं शोध संस्थान खोला गया है, जो अच्छा संकेत है। बिहार के सभी जिलों मे 2019 में एक-एक सरकारी इंजिनियरिंग कॉलेज खोला गया है।
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