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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

डिप्रेशन के बारे में रोचक तथ्य।।

1.पूरी दुनिया में 35 करोड़ लोग डिप्रेशन के शिकार हैं.

2.महिलाओं के डिप्रेशन में जाने के चांस मर्दों के मुकाबले 2 गुणा ज्यादा होते हैं.

3.Antidepressants डिप्रेशन ठीक करने में 46%-54% तक कारगर होते हैं जबकि Placebos 31%-38% तक कारगर होते हैं.

4.तनाव की वजह से आप 3 से 4 गुना ज़्यादा सपने देखने लगते हैं.

5.तनाव आपको जल्दी बूढ़ा बना सकता हैं.

6.अमेरिका में हर 8 में से 1 आदमी डिप्रेशन से पीड़ित हैं.

7.Comedian और मजाकिया लोग ज्यादा डिप्रेशन में रहते हैं.

8.जो लोग इंटरनेट पर ज़्यादा वक़्त बिताते हैं उनके depression में जाने, अकेला महसूस करने और पागल होने के चांसेस ज़्यादा होते हैं.

9.1945 के मुकाबले आज 10 गुना ज्यादा लोग तनाव में रहने लगे हैं.

10. Iceland में सबसे ज्यादा लोग डिप्रेशन में रहते हैं.

11.अब्राहिम लिंकन डिप्रेशन के शिकार थे और अपने साथ चाकू रखने से बचते थे. उन्हें डर लगता था की कहीं वे खुद को ही न मार लें.

12.हाथी और चिम्पांज़ी में भी डिप्रेशन और तनाव के लक्षण पाये गए हैं.

13.France में हर 5 में से 1 व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हैं.

14.डिप्रेशन में होने पर आपका दिमाग आप पर चालें चलने लगता हैं. ये आप में आत्महत्या का ख्याल भी बना सकता हैं. डिप्रेशन से बच कर रहें.

15.डिप्रेशन से बचने के लिए जो दो सबसे उम्दा तरीके बतलाए जाते हैं उनमें से एक जिम में कसरत करना और दूसरा पालतू जानवरों के साथ वक्त बिताना है। आपको अपने दिमाग को तंदरूस्त और मजबूत रखने के लिए कम से कम एक पालतू पशु रखना चाहिए।

16.डिप्रेशन आपको स्वार्थी बनाता हैं. दुःखी होने पर किसी और के बारे में सोचना मुश्किल होता हैं विवेक से काम लें और खुश रहने के तरीके अपनाएँ.

17.Depression की वजह से आप 65% समय तो चिंता में गुजार देते हैं.

18.लगातार चिड़चिड़ापन डिप्रेशन का लक्षण हो सकता हैं। अगर आप दुनिया, अपनी ज़िन्दगी और अपने चाहने वालों से परेशान है तो हो सकता है की ये आपके दिमाग का फितूर हो.

19.डिप्रेशन आपके चाहने वालों के लिए भी उतना ही खतरनाक है जितना की आपके लिए.

20.हर साल अमेरिका में 2 करोड़ नए लोग depression के शिकार हो जाते हैं.

21.तनाव वाला दिमाग चीजों को अलग तरह से देखता हैं.

22.18 से 33 साल की उम्र तक आदमी सबसे ज्यादा तनाव में रहता हैं.

23.सिगरेट पीने वाले लोग, सिगरेट न पीने वाले और सिगरेट पीना छोड़ चुके लोगों की तुलना में अधिक तनाव ग्रस्त होते हैं.

24.देर रात तक कंप्यूटर पर काम आंखों, नसों और दिमाग में तनाव पैदा करता हैं.

25.ठन्डे पानी से नहाने से त्वचा अच्छी रहती है और तनाव दूर होता हैं.

26.तनाव में रहने वाला व्यक्ति खुद से ही झूठ बोलने की आदत पाल लेता है। आप चीजों से बचने की कोशिश करने लगते हैं या आप परिस्थितियों का सामने करने से कतराने लगते हैं.

27.80% depression पीड़ितों को इलाज नहीं मिल पाता हैं.

28.Depressed लोगों को सर्दी ज़ुकाम लगने के चांसेस non-depressed लोगों के मुक़ाबले ज़्यादा होते हैं.

29.आधी उम्र होने के बाद testosterone की कमी की वजह से मर्दों के depression में जाने के चांसेस बढ़ जाते हैं.

30.मनोचिकित्सक कहते हैं कि तनाव या अवसाद के चलते आप ज्यादा सोचने लगते हैं और हमारा दिमाग उन समस्याओं को ईजाद कर लेता है जो पहले तक नहीं थीं.

31.आपको हफ्ते में कम से कम 2 से तीन बार सूर्योदय और सूर्यास्त को देखना चाहिए। आपको इससे तनाव से लड़ने में काफी मदद मिलेगी। यह एक मुफ्त और किफायती इलाज हैं.

32.वीडियो गेम खेलकर भी आप अपने तनाव से काफी हद तक मुक्ति पा सकते हैं। अगर कोई खेल आपको सकून देता है तो यह कतई न सोचें कि आप वक्त जाया कर रहे हैं.

33.Sex करने से तनाव कम होने के साथ-साथ सिर दर्द भी गायब हो जता हैं.

34.रात को अच्छी नींद लेने से तनाव को कुछ हद तक रोका जा सकता हैं.

35.गुस्से को Control करने के लिए आवश्यक है कि गहरी सांस लें और फिर बाहर निकालें. इस Process से Nervous System Active हो जाता है, जिससे दिल की गति धीमी हो जाती है. इससे तनाव और क्रोध कम होने लगता है. इसीलिए जब भी क्रोध आए तो तीन बार जोर से सांस लें और बाहर छोड़ दें.

36.आधा घंटा पौधों की देखभाल करने से मानसिक तनाव, mental stress से उतनी ही मुक्ति मिलती है, जितना कमरे में एक Interesting book का Study करने से मिलती हैं.

37.अगर आप को गुस्सा आ रहा है, तो अपने हाथों को एक दूसरे के साथ रगड़ें. ऐसा करने से आप के हाथ गर्म होंगे और क्रोध के समय Nervous System में तेजी से बढ़ता रक्त प्रवाह Slow हो जाएगा.

कभी आपने सोचा है कि आपको अचानक से क्या हो जाता है क्या यह डिप्रेशन है? चलिए आपको अवसाद या डिप्रेशन से जुड़ी कुछ रोचक बाते बताते हैं। 


आज के दौर में डिप्रेशन या तनाव एक बीमारी की शक्ल ले चुका है। यह बीमारी ज्यादातर युवाओं को अपनी चपेट में लेती है। हम अक्सर अकेला महसूस करते हैं, निराश, असंतुष्ट और चीजों को गलत तरीके से लेने लगते हैं। 

तनाव की चपेट में आने वाले लोग दुनिया के बारे में अधिक यथार्थवादी धारणा बना लेते हैं। खुशनुमा विचार व्यक्ति के दिमाग के अधिकांश दरवाजे बंद कर देता है और वह व्यक्ति के दिमाग को इस कदर प्रभावित करता है कि वह वास्तविकता के सबसे बुरे पक्ष की उपेक्षा करने लगता है या उसकी प्रवृत्ति पाल लेता है।

अगर आप 8 से 9 घंटे की अच्छी नींद लेते हैं तो आप खुद को आत्महत्या के विचार के बजाए डिप्रेशन से घिरने से बचा सकते हैं। आशा की जाती है कि हर किसी को अच्छी नींद लेनी चाहिए। 

तनाव में रहने वाला व्यक्ति खुद से ही झूठ बोलने की आदत पाल लेता है। आप चीजों से बचने की कोशिश करने लगते हैं या आप परिस्थितियों का सामने करने से कतराने लगते हैं।

तनाव से बचने के लिए जो दो सबसे उम्दा तरीके बतलाए जाते हैं उनमें से एक जिम में कसरत करना और दूसरा पालतू जानवरों के साथ वक्त बिताना है। आपको अपने दिमाग को तंदरूस्त और मजबूत रखने के लिए कम से कम एक पालतू पशु रखना चाहिए।

वहीं तनाव से लड़ने और काउंसलर की सलाह लेने के बजाए अच्छा संगीत तनाव से लड़ने में आपकी मदद कर सकता है। जितना हो सके आपको उम्दा संगीत सुनने की आदत डालनी चाहिए।

तनाव के कारण आपको सामान्य व्यवहार के मुकाबले एक नींद में तीन से चार बार सपने आ सकते हैं।

जिन लोगों का आईक्यू तेज होता है उनके तनाव से घिरने की संभावना तीन गुना बढ़ जाती है। क्योंकि उनके दिमाग में गतिविधियां काफी तेजी से होती है और यह स्मार्ट फोन के बेतरतीब इस्तेमाल से भी हो सकती हैं।  

आकड़ों के मुताबिक अमेरिका में करीब 20 मिलियन लोग हर साल तनाव की चपेट में आते हैं। वहां हर चार में से एक युवा 24 साल की आयु से पहले पहले तनाव का दंश झेल चुका होता है।

जो लोग तनाव में होते हैं वो तनाव रहित लोगों की तुलना में ठंड जैसी बीमारियों की चपेट में जल्दी आ जाते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि साल 2030 तक अवसाद एचआईवी संक्रमण के बाद सबसे गंभीर और अक्षम बीमारी बन जाएगी।

ज्यादा क्रिएटिव लोग भी तनाव की चपेट में आ जाते हैं। इसलिए ज्यादा क्रिएटिविटी दिखाना भी अच्छा नहीं है।

हिंसा, शोषण, उपेक्षा और गरीबी भी आपको तनाव के दलदल में धकेल सकती है इसलिए जरूरत पड़ने पर आपको हर किसी की मदद को तैयार रहना चाहिए।

डिप्रेशन में इंसान ऐसे खतरनाक कदम उठाता है, जो उसे नहीं उठाने चाहिए, जैसे कि शरीर को नुकसान पहुंचाना,आत्महत्या करने की कोशिश करना आदि.ऐसा माना जाता है कि 2030 तक आते- आते डिप्रेशन मनुष्य पर इतना हावी हो जाएगा कि मनुष्य की असमर्थता का दूसरा सबसे बड़ा कारण होगा.

ऐसा नहीं है डिप्रेशन कोई अभी की बीमारी है, यह हमारे पूर्वजों के ज़माने से चली आ रही है, परंतु चिंता का विषय यह है कि 21वीं सदी में इसका प्रभाव पहले से 10 गुना ज़्यादा बढ़ गया है.

आजकल लोग इंटरनेट (फेसबुक, वाट्सएप) पर फालतू समय व्यतीत करते है, वह अक्सर मानसिक परेशानियों में रहते हैं.

डिप्रेशन की वजह से इंसान अपना लगभग 65% समय तो चिंता में गुज़ार देते हैं.
इंसान 18 से 33 साल की उम्र तक सबसे ज़्यादा तनाव महसूस करता हैं.

तनाव में रहने वाला इंसान खुद से और दूसरों से झूठ बोलने की आदत बना लेता है और वह इंसान हमेशा परिस्थितियों का सामना करने से कतराता है.

डिप्रेशन के समय इंसान यह सोचता है कि वह ज़िंदगी में कुछ नहीं कर सकता और वह अपनी हार स्वीकार कर लेता है. तो आइए जानते हैं इंसान डिप्रेशन से कैसे छुटकारा पा सकते हैं…….

यदि आपको लगता है कि आप डिप्रेशन में जा रहे हैं, तो आप किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर सहायता ले सकते हैं.

अगर आप इससे बाहर आना चाहते है, तो आप इसकी वजह जानें और फिर सोचे कि उस वजह से कैसे बाहर निकल सकते हैं.

“कल क्या होगा” यह सोच- सोच कर हम अपनी परेशानियों को और भी बढ़ा देते है, इसलिए हमें आज के बारे में ही सोचना चाहिए और आज को बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए.

तनाव या दबाव को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप गाने सुनें. इससे तनाव में कमी आती है और इससे इंसान खुद को तरोताज़ा महसूस करता है.

इंसान डिप्रेशन को कम करने के लिए अक्सर शराब, ड्रग्स और नशीली चीज़ों का सहारा लेता है. नशीली चीज़ों का सेवन करने से कुछ देर के लिए तनाव दूर हो जाता है, लेकिन धीरे- धीरे इसकी लत बन जाती है. इसलिए इंसान को नशीली चीज़ों से दूर ही रहना चाहिए.

आपने किसी ऐसे इंसान को देखा होगा, जो अपने आप से बातें करता रहता है या फिर कोई ऐसा जो हमेशा मरने की बातें करता है. हर छोटी-छोटी बात पर रो देता है. आप उन खुशमिजाज लोगों से भी मिले होंगे, जो अचानक से किसी ऐसी चिंता में चले जाते हैं जिससे बाहर निकलना उन्हें मुश्किल लगता है. ऐसे लोग डिप्रेशन या मानसिक परेशानी के शिकार होते है. 

रोजाना सूरज की रोशनी में कुछ देर बैठें. 
बाहर टहलने जाएं. दोस्तों से बातें करें. 
अपने काम का पूरा हिसाब रखें. 

दिन भर में आप कितना काम करते हैं और किस गतिविधि को कितना समय देते हैं इस पर जरूर गौर करें. इससे आपको सभी गतिविधियों के बीच संतुलन बनाने में आसानी होगी. योग को दिनचर्या में शामिल करें.


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