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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

पदबंध ( पद विचार )

📔 पदबंध (pharse )-

     आपने पढ़ा कि स्वतंत्र और सार्थक
     ध्वनि समूह को शब्द कहते हैं, जबकि
     वाक्य में प्रयुक्त उसका व्यावहारिक
     और अनुशासित रूप पद कहलाता है।
     पदो का व्यवस्थित समूह वाक्य
     कहलाता  है । अब हम पद और
     वाक्य  के बीच की एक और
     व्याकरणिक  इकाई की संकल्पना पर
     विचार कर रहे है । आधुनिक भाषाओं
     के व्याकरण में पदबंध का विशेष
     स्थान है । 
     वाक्य में प्रायः अकेला पद कुछ
     व्याकरणिक कार्य संपन्न करते देखा
     जाता है । 
     जैसे - 
 1) बालक पलंग से गिर पड़ा । 
 2) हाथी सैनिकों द्वारा पकड़ लिया गया।
 3) बेटे ने मेरे लिए घड़ी भेजी है । 

     उपर्युक्त तीनो वाक्यों में क्रमश '  
     'बालक' ,  'हाथी' और 'बेटे' संज्ञाएँ
     कर्ता का व्याकरणिक कार्य पूर्ण कर
     रही है जबकि तीसरे  वाक्य  में  'घड़ी'
     संज्ञा कर्म का । 

     आप इन वाक्यों का नया रूप देखिए :- 

 1) कमरे में सोता हुआ बालक पलंग से
      गिर पड़ा । 
 2) जंगल में रहने वाला पागल हाथी
      सेनिकों द्वारा पकड़ लिया गया ।
 3) मेरे अमेरिका वाले बेटे ने मेरे लिए
      घड़ी भेजी है । 

      प्रथम उदहारण समूह के पहले 
      वाक्य का कर्ता 'बालक' था; किन्तु
      द्वितीय उदहारण- समूह  के पहले
      वाक्य में यह  व्याकरणिक कार्य 'कमरे
      में सोता हुआ बालक' के द्वारा पूर्ण हो
      रहा है । 'बालक' एक पद है और
      'कमरे में सोता हुआ बालक' अनेक
      पदो का बंध समूह अथवा बंध अर्थात
      पदबंध है । 

      इसी प्रकार दूसरे वाक्य में 'जंगल में
      रहने वाला पागल हाथी' और तीसरे
      वाक्य में 'मेरे अमेरिका वाले बेटे ने' 
      पदबंध है । 


 👉परिभाषा :  वाक्य में प्रयुक्त विभिन्न
                      पदों के समूह को पदबंध
                      कहते है । 

👉पदबंध के भेद/प्रकार  :-
      पदबंध के भेद पांच माने जाते हैं


✍ 1) संज्ञा पदबंध -  जो पदबंध वाक्य में
                     संज्ञापद का कार्य करते हैं
                  वे 'संज्ञा  पदबंध' कहलाते है।    
     जैसे- आजकल बाजार में बहुत मीठे
             संतरे आ रहे है ।
           - परिश्रम करने वाला छात्र परीक्षा
             मे उत्तीर्ण होगा । 
      
          उपर्युक्त उदाहरणो में क्रमशः 'बहुत
          मीठे संतरे', 'परिश्रम करने वाला
          'छात्र', संज्ञा पदबंध है । 

✍2) सर्वनाम पदबंध -  जो पदबंध वाक्य में
                     सर्वनाम का कार्य करते है,
                वे सर्वनाम पदबंध कहलाते है। 
    जैसे- मेरे बचपन का साथी मोहित
            डॉक्टर है । 
          - कक्षा में शोर मचाने वाले तुम 
            आज क्यों चुप हो ?

    उपर्युक्त उदाहरणो में क्रमशः 'मेरे
    बचपन का साथी', 'कक्षा में शोर
    मचाने वाले तुम' सर्वनाम पदबंध है । 


✍3) विशेषण पदबंध -   जो पदबंध वाक्य
             में विशेषण (संज्ञा, सर्वनाम की
             विशेषता बताना  ) का कार्य                           
करते है, वे विशेषण पदबंध
             कहलाते है। 
     जैसे- राहुल बहुत नेक, ईमानदार
             तथा परिश्रमी बालक है । 
           - मुझे दो किलो पीसी हुई लाल
             मिर्ची चाहिए । 

    उपर्युक्त उदाहरणो में क्रमशः 'बहुत
    नेक, ईमानदार तथा परिश्रमी', 'दो
    किलो पीसी हुई लाल मिर्ची', विशेषण
    पदबंध है । 


✍4) क्रिया पदबंध -  एकाधिक क्रियापदों से
                  बने वाक्य क्रिया पदबंध
                         कहलाते है। 
     जैसे - लड़के हॉकी खेलते रहे होंगे । 
            - बच्चा दूध पीकर सो गया । 

     उपर्युक्त उदाहरणो में क्रमशः 'खेलते
     रहे होंगे', 'पीकर सो गया' क्रिया पदबंध
     है । 

✍5) अव्यय पदबंध - जो पदबंध वाक्य में
                           अव्यय का कार्य करते
                           है। वे अव्यय पदबंध 
                           कहलाते है। जैसे-
           - वह बहुत देर तक तुम्हारी
             प्रतीक्षा करता रहा । 
           - स्टेशन के चारों ओर तेज रोशनी
             का प्रबंध है । 

     उपर्युक्त उदाहरणो में क्रमशः 'बहुत देर
     तक', 'स्टेशन के चारों।

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