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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

राजस्थानी वेशभूषा और परिधान (Rajasthani Dress and Cloths)

ये “धरती धोरा री” किसी पहचान की मोहताज़ नही है, और इसी पहचान को और मजबूत करती है यहाँ की वेशभूषा और परिधान | तो चलिए आज हम आपको बताते है कुछ खास राजस्थानी वेशभूषा और परिधान(Rajasthani Dress and Cloths) साथ ही साथ पढ़िए इन वेशभूषा और परिधान(Rajasthani Dress and Cloths) का हमारे शरीर के किस अंग से जुडाव है |

ओढ़नी :
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शरीर के निचले हिस्से में घाघरा और ऊपर कुर्ती, कांचली पहनने के बाद स्त्रियाँ ओढ़नी ओढ़ती है।

तारा भांत की ओढ़नी: 
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आदिवासी स्त्रियों में लोकप्रिय।

ज्वार भांत की ओढ़नी : 
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ज्वार के दानों जैसे छोटी – छोटी बिंदी वाली जमीन और बेल – बूटे वाले पल्लू की ओढ़नी।

लहर भांत की ओढ़नी : 
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ज्वार भांत जैसी बिंदियों वाला लहरिया।

दामणी :
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मारवाड़ में स्त्रियाँ द्वारा एक विशेष प्रकार की लालरंग की ओढ़नी जिस पर धागों की कसीदाकारी की जाती है|

पोमचा : 
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इस ओढ़नी पर कमल की तरह गोल – गोल अभिप्राय बने होते है। बच्चे के जन्म के समय शिशु कि माँ के लिये ननिहाल पक्ष से लाया जाता है।

चीड़ का पोमचा –
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हाडौती क्षेत्र में विधवा स्त्री द्वारा पहने जाने वाली काले रंग की ओढ़नी।

कटकी – 
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अविवाहित बालिकाओं की ओढनी है।

लहरिया :
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श्रावण में विशेष कर तीज के अवसर पर राजस्थान की स्त्रियाँ पहनती है।

सावन की तीज पर लहरिया पगड़ी बंधी जाती है।

जयपुर जिला पंचरंगी पगड़ी और सतरंगी लहरियों के लिये प्रसिद्ध है।

जयपुर के लाल रंग के लहरिये को राजशाही पगड़ी भी कहते है।

जामा :
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शादी या युद्ध जैसे विशेष अवसर पर पहने जाना वाला।

बुगतरी (बख्तरी) :
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ग्रामीणों द्वारा सफ़ेद रंग की पहने जाने वाली अंगरखी।

अंगरखी / अंगरखा :
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पुरुषों द्वारा पहना जाने वाला अंगवस्त्र जिस पे सफ़ेद धागे कि कढ़ाई की जाती है।

चुगा (चोगा) :
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संपन्न वर्ग द्वारा अंगरखा के ऊपर पहना जाने वाला वस्त्र

आतमसुख :
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अंगरखी और चुगा के उपर पहने जाना वाला वस्त्र
सिटी पैलेस, जयपुर में सब से पुराना आतमसुख सुरक्षित है।

पटका / कमरबंध :
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जामा के ऊपर कमरबंध बंधा जाता था जिस में तलवार होती थी।

रेनसाई :
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आदवासी स्त्रियों द्वारा पहना जाने वाला काले रंग का भूरे – लाल रंग बूटियों वाला लहंगा

कुर्ती-कांचली :
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स्त्रियों द्वारा शरीर के उपरी हिस्से हिस्से में पहने जाने वाले वस्त्र को कुर्ती-कांचली कहा जाता है। बिना बाँह वाली चोली आंगी कहलाती है।

कापड़ी :
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कपडे के 2 टुकड़ो को जोड़ कर बनायीं गयी चोली जो पीठ पर तनियों से बाँधी जाती है। 

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